अपनी बात

प्रभात खबर का कमाल, ट्रेन की बॉगी में बैठे यात्रियों को अमरनाथ के बालटाल कैंप में विश्राम करता हुआ दिखा दिया

सबसे पहले इस फोटो को ध्यान से देखिये और फिर नीचे इसका दिया हुआ कैप्शन पढ़िये। क्या लिखा है? कैप्शन में लिखा है – “अमरनाथ यात्रा से लौटकर बालटाल के कैंप में विश्राम करते रांची के श्रद्धालु” पर इस कैप्शन वाली फोटो को ध्यान से देखिये, साफ दिख रहा है कि ये यात्री अमरनाथ के बालटाल कैंप में न बैठकर, रेल के एक डिब्बे में बैठ यात्रा/विश्राम कर रहे हैं।

अब बात आती है कि आखिर इस बेसिरपैर की न्यूज बिना किसी पुख्ता प्रमाण के देने की क्या जरुरत है? दरअसल आज की जो नई पीढ़ी पत्रकारिता जगत में आई है, उसे लगता है कि जनता तो मूर्ख है, उसे जो देंगे, वो पढ़ेंगी/देखेंगी ही, पर इन्हें नहीं मालूम कि जनता जब किसी को सर पर चढ़ाती हैं तो उसे उतारने में भी देर नहीं लगती।

यह फोटो खबर के साथ छपी है रांची से प्रकाशित प्रभात खबर में। आज दिनांक 09 जुलाई के प्रभात खबर का पृष्ठ संख्या दो देखें तो उस में साफ-साफ हेडिंग लिखी हुई है – “रांची से अमरनाथ यात्रा पर गये सभी श्रद्धालु सुरक्षित” अब सवाल उठता है कि प्रभात खबर को कैसे यह पता चल गया कि रांची से जो भी अमरनाथ यात्रा पर गये हैं, सभी सकुशल हैं, सुरक्षित हैं। क्या केन्द्र सरकार ने कोई विज्ञप्ति जारी की है या जम्मू कश्मीर सरकार ने इन्हें फोन कर सूचना दी है।

भगवान न करें कि अमरनाथ यात्रा में रांची ही क्या, कोई भी तीर्थयात्री को कोई कष्ट हो, पर एक ग्रुप के द्वारा ये कहने पर कि हम सभी सकुशल हैं, आप यह कैसे कह सकते है कि रांची से अमरनाथ यात्रा पर गये सभी श्रद्धालु सुरक्षित है, क्या प्रभात खबर यह दावा कर सकता है कि अमरनाथ यात्रा पर केवल एक ही ग्रुप गया है।

हमें तो पता है कि रांची से कई परिवार अमरनाथ यात्रा पर गये हैं, कोई पहलगाम तो कोई बालटाल से अपनी यात्रा को शुरु किया है, कोई रास्ते में हैं तो कोई लौट रहा है तो कोई कहां है उसकी देर रात तक खोज बीन करता रहा, कई लोग तो (जो विद्रोही24 को सूचना है), बिना दर्शन किये अमरनाथ के, वे बीच रास्ते से ही लौटना प्रारम्भ कर दिये हैं, क्योंकि उन पर परिवार का दबाव है कि वे यात्रा बंद कर शीघ्र घर लौट आये।

क्योंकि शुक्रवार को अमरनाथ में बादल फटने से अब तक 16 लोगों की मौत हो गई, जबकि 35 घायलों को एयरलिफ्ट कराया गया, तथा रेस्क्यू ऑपरेशन में लगे अधिकारियों का कहना है कि करीब 45 लोग लापता है। पूरे देश में इस घटना से हलचल मची हुई है, जिनके परिजन इस अमरनाथ यात्रा में भाग ले रहे हैं, वे अपने परिजनों से संपर्क करने में लगे हैं, आज दूसरा दिन है अब तक न तो केन्द्र सरकार और न ही जम्मू-कश्मीर सरकार ने ही मृतकों व घायलों के नाम बताएं हैं तथा लापता लोगों की सूची जारी की है, पर पता नहीं कैसे प्रभात खबर को हर बात की जानकारी अखबार में बैठे-बैठे हो जा रही है?

विद्रोही24 को जो सूचना है, पता चला है कि बादल फटने की घटना के बाद जो अमरनाथ यात्रा स्थगित कर दी गई थी, उसे कल यानी 10 जुलाई से पुनः प्रारम्भ होने की संभावना है, क्योंकि अमरनाथ गुफा के पास जो हृदय विदारक घटना घटी है, उस पर काबू पाने के बाद ही पुनः यात्रा प्रारम्भ करना/कराना ठीक था। स्थानीय प्रशासन व केन्द्रीय पुलिस बल तथा स्थानीय पुलिस कर्मी जी जान से फिर से स्थिति को ठीक करने में लगे हैं।