लोहरदगा की घटना ने सिद्ध कर दिया लड़कियों/महिलाओं के लिए झारखण्ड असुरक्षित, पुलिस/प्रशासनिक अधिकारियों से लोगों का विश्वास उठा

अगर आप अपने परिवार के साथ झारखण्ड में रहते हैं अथवा अपने परिवार के साथ झारखण्ड आना चाहते हैं तो सावधान हो जाइये, क्योंकि यहां कब किसी की मां-बहन की इज्जत लूट जायेगी या घर में घुसकर पेट्रोल डालकर जला दिया जायेगा या उसकी इज्जत लूटकर पेड़ पर लटका दिया जायेगा, कहना मुश्किल है। चूंकि आपकी बेटी है, आपकी बहन है या कोई भी महिला रिश्तेदार हैं, उसकी सुरक्षा की गारंटी अब आपको लेनी हैं, कोई सरकार या पुलिस आपकी मदद करने नहीं आयेगी। हां मरने के बाद या उसकी इज्जत लूट जाने के बाद, हो सकता है कि एक लाख रुपये से लेकर दस लाख रुपये तक का हर्जाना देने जरुर पहुंच जायेगी।

अगर आपको लगता है कि आपकी बेटी-बहन या कोई महिला रिश्तेदार को पुलिस बचा लेगी तो आप मुगालते में हैं, यहां तो पुलिस पर ही आज कलंक लगा है, वो पचास साल की विधवा महिला तक को नहीं छोड़ रही हैं। ज्यादा जानकारी के लिए आज का ही कोई अखबार पढ़ लीजिये, लोहरदगा में क्या हुआ है? दो पुलिसकर्मियों ने एक विधवा महिला के साथ दुष्कर्म कर डाला है।

घटना उस वक्त की है, जब महिला अपने घर से मात्र सौ मीटर की दूरी पर मकई के खेत में घास काटने गई थी, जहां दो पुलिसकर्मियों ने उसे वहां से उठाकर खेत के बीचोबीच ले जाकर दुष्कर्म किया। खून से लथपथ उक्त 55 वर्षीया विधवा महिला को जैसे-तैसे इलाज के लिए लोहरदगा सदर अस्पताल लाया गया, फिर उसकी गंभीर स्थिति को देखते हुए रिम्स रांची रेफर कर दिया, जहां वो जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष कर रही है।

आज की ही खबर है कि पांच अक्टूबर 2022 को दुमका के जरमुंडी थाना के भालकी भरतपुर गांव में रामगढ़ थाना के महेशपुर गांव निवासी राजेश राउत नामक एक युवक ने एक युवती को पेट्रोल छिड़ककर आग लगा दिया, समाचार है कि आज उस युवती की रांची के रिम्स में मौत हो गई, मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने पीड़िता के परिवार को दस लाख रुपये देने के निर्देश दिये हैं।

आपको ज्ञात होगा कि लगभग डेढ़ महीने पहले दुमका में ही शाहरुख खान नामक युवक ने अंकिता सिंह को घर में घुसकर पेट्रोल डालकर जलाकर मारने का प्रयास किया। उस अंकिता की भी मौत रिम्स रांची में इलाज के दौरान हो गई। बाबू लाल मरांडी तो कहते है कि दुमका में अंकिता को जलाये जाने के मामले में वहाँ के डीएसपी नूर मुस्तफा ने शुरू से ही अभियुक्त शाहरुख़ हुसैन को बचाने का प्रयास किया।

इसी दुमका में एक और आदिवासी युवती की लाश एक पेड़ पर लटकती हुई मिली थी, पता चला कि अरमान अन्सारी नामक युवक ने उसका यौन शोषण किया था, जिससे वो गर्भवती हो गई और फिर उसे मारकर पास के ही पेड़ पर उसके शव को लटका दिया, ताकि लोग समझे कि उस युवती ने आत्महत्या की है। भाजपा नेता बाबू लाल मरांडी 13 सितम्बर को अपने फेसबुक पर लिखते है कि “रांची से ही सटे चान्हो में पिछले महीने एक नाबालिग के घर में घुसकर दानिश आलम ने दुष्कर्म का प्रयास किया, उधर लोहरदगा के कुडू में एक आदिवासी विधवा के साथ सुल्तान अंसारी ने विगत तीन अगस्त को दरिंदगी कर डाली।”

रांची के ही ओरमांझी में पिछले महीने एक खबर आई कि एक स्कूल में हथियार लहराकर मुस्लिम युवकों ने छात्राओं से कहा – दोस्ती करो, नहीं तो उठा लेंगे। अखबार की कटिंग आपके सामने है…

पिछले महीने की ही बात है खूंटी जिले के कर्रा प्रखण्ड में एक पन्द्रह वर्षीया नाबालिग आदिवासी युवती को यौन शोषण का शिकार होना पड़ा। अगस्त महीने में ही चतरा की एक बेटी पर असामाजिक तत्वों ने एसिड फेंका, जिससे उसकी हालत इतनी बिगड़ गई कि उसे रिम्स में भर्ती कराना पड़ा, बाद में अधिक दबाव में जब सरकार आई तो उसे एयरलिफ्ट कराया गया।

इसी साल दो जुलाई की घटना है, खूंटी के सब डिविजनल मजिस्ट्रेट सैय्यद रियाज अहमद पर यौन शोषण उत्पीड़न का आरोप लगा है। यह आरोप हिमाचल प्रदेश की एक महिला ने लगाया है। एसडीएम के खिलाफ सेक्सुअल हैरेसमेंट का मामला खूंटी महिला थाने में दर्ज किया गया है। महिला का कहना था कि वह एकेडमिक टूर पर झारखण्ड आई थी, महिला ने आरोप लगाया कि एसडीएम ने शराब पीलाकर यौन उत्पीड़न किया।

ये सरकार महिलाओं के बारे में कितनी अच्छी सोच रखती है, उसका अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते है कि कि गुजरात में चल रहे 36वें राष्ट्रीय खेलों में अपनी खिलाड़ी बेटियों को वहां भेजने के लिए ब्लेजर तो दूर, सरकार के पास किराया देने के भी पैसे नहीं थे, ये सारी बेटियां अपने पैसे से गुजरात गई, कई अखबारों ने तो इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाया, जब नवरात्र के दौरान बेटियों ने कमाल कर दिया और लॉन बॉल में गोल्ड जीत लिया, एक अखबार ने तो समाचार ही छाप दी, लिख दिया – खुद किराया देकर गयीं लॉन बॉल में जीता गोल्ड।

अब जरा सोचिये, जहां बेटियों/महिलाओं की इज्जत सरेआम लूटी जाती हो, इज्जत लूटनेवालों में पुलिसकर्मियों के भी नाम आ रहे हो, जहां प्रशासनिक अधिकारियों तक पर यौन शोषण के आरोप हो, जहां यौन-शोषण व दुष्कर्म सामान्य सी बात हो, जहां बेटियों को पेट्रोल व एसिड छिड़ककर मारने के प्रयास हो, जहां स्कूलों में असामाजिक तत्व हथियार लहराते हुए छात्राओं के साथ छेड़छाड़ करते हो, क्या वो राज्य किसी भी सभ्य परिवार के रहनेलायक हैं, आप स्वयं करिये…