राजनीति

13 मिनट विलम्ब से शुरु हुआ विधानसभा के शीतकालीन सत्र का पहला दिन, शोक प्रस्ताव में भी राजनीति लाने में कोई कसर नहीं छोड़ी प्रदीप यादव ने, सदन में याद किये गये दिवंगत फिल्म अभिनेता धर्मेन्द्र व अन्य

झारखण्ड विधानसभा का शीतकालीन सत्र आज 13 मिनट विलम्ब से शुरु हुआ। झारखण्ड विधानसभाध्यक्ष रबीन्द्र नाथ महतो अपने आसन पर ठीक 11 बजकर 13 मिनट पर विराजमान हुए और अपना प्रारम्भिक वक्तव्य देना शुरु किया। इस दौरान उन्होंने शीतकालीन सत्र की महत्ता पर प्रकाश डाला। बाद में उन्होंने झारखण्ड विधानसभा की प्रक्रिया तथा कार्य संचालन नियम दस(एक) के तहत सभापति तालिका की घोषणा की।

जैसा कि सभी जानते हैं कि चाहे बजट सत्र हो या मानसून सत्र या शीतकालीन सत्र, किसी भी सत्र के पहले दिन राज्य, देश या दुनिया में महान व्यक्तित्वों की हुई मौत तथा विभिन्न घटनाओं में मृत अन्य नागरिकों को लेकर शोक प्रकट किये जाते हैं। इसलिए यहां भी आज विधानसभाध्यक्ष के साथ-साथ, राज्य के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन, नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी तथा अन्य राजनीतिक दलों के विधायक दल के नेताओं ने अपना-अपना शोक प्रस्ताव पढ़ा।

इस शोक प्रस्ताव में सर्वप्रथम विभिन्न दलों के नेताओं ने सुप्रसिद्ध फिल्म अभिनेता धर्मेन्द्र, असरानी, महाभारत में कर्ण की भूमिका निभानेवाले पंकज धीर, अपने जमाने की सुप्रसिद्ध अभिनेत्री कामिनी कौशल, सुप्रसिद्ध शास्त्रीय गायक पं. छन्नुलाल मिश्र, दो बूंद जिंदगी के तथा मिले सुर मेरा तुम्हारा के रचनाकार पीयूष पांडेय आदि को श्रद्धांजलि दी। साथ ही मक्का मदीना तथा दिल्ली में हुई आतंकी घटना में हुई मौत पर भी शोक व्यक्त किया।

शोक व्यक्त करते हुए नेताओं को देखने के क्रम में यह भी पाया गया कि कुछ राजनीतिक दलों के नेताओं ने अपने आदत से लाचार होने के रोग से वे खुद को बचा नहीं सकें। इस शोक प्रस्ताव के दौरान उन्होंने राजनीति घुसेड़ दी और दिल्ली की आंतकी घटनाओं पर केन्द्र सरकार पर बरसने से नहीं चूके। ये राजनीतिज्ञ थे – कांग्रेस विधायक दल के नेता प्रदीप यादव। इसी दौरान सदन में यह भी देखा गया कि एक ओर विधायक दल के नेता शोक प्रकट कर रहे थे और दूसरी ओर सत्तापक्ष व विपक्ष के कई विधायक अपने मोबाइल से किसी से बात करने तो किसी से चैट करने में ज्यादा दिमाग लगा  रहे थे।

उधर इन सब से अलग जदयू विधायक दल के नेता सरयू राय ने असरानी को याद करते हुए उनका सुप्रसिद्ध संवाद हम अंग्रेज के जमाने के जेलर कहकर उन्हें अपनी भावभीनी श्रद्धाजंलि दी। दूसरी ओर भाकपा माले विधायक दल के नेता अरुप चटर्जी और विधायक जयराम महतो ने सउदी अरब में मृत एक झारखण्डी प्रवासी मजदूर की मौत और उसके शव को जल्द से जल्द झारखण्ड लाने का मुद्दा उठाया। साथ ही राज्य और राज्य के बाहर मरे करीब 15-16 श्रमिकों का भी मुद्दा उठाया तथा उन्हें श्रद्धांजलि दी। इसके बाद विधानसभाध्यक्ष ने सदन को अगले सोमवार तक के लिए स्थगित कर दी।

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  • राम कृष्ण ठाकुर

    मानसिक रोग से ग्रसित नेताओं का कोई उपचार नहीं हो सकता। इनकी कुंठा एवं हताशा की बेबसी को देखते हुए क्षमा कर दीजिए।

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