राजनीति

ये आग भड़क चुकी है, चुनाव आते-आते भाजपा नेता-कार्यकर्ता इसमें राख हो जायेंगे

भूमि अधिग्रहण संशोधन विधेयक को लेकर धीरे-धीरे जनाक्रोश बढ़ता जा रहा हैं, और लोगों की गोलबंदी संपूर्ण विपक्ष की ओर स्वतः स्फूर्त होती जा रही है। आज संपूर्ण विपक्ष ने झारखण्ड के प्रत्येक जिलों में भूमि अधिग्रहण संशोधन विधेयक के खिलाफ धरना दिया। रांची में कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता सुबोध कांत सहाय ने अपनी पार्टी की ओर से मोर्चा संभाला, वहीं दुमका में नेता प्रतिपक्ष हेमन्त सोरेन ने राज्य सरकार के खिलाफ मोर्चाबंदी की।

रांची के राजभवन के समक्ष प्रदर्शन में शामिल होते हुए कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता सुबोध कांत सहाय ने इस दौरान कहा कि भूमि अधिग्रहण बिल के विरोध में पांच जुलाई का महाबंद ऐतिहासिक होगा, जो रघुवर सरकार की नींद उड़ा देगा। जनता जाग चुकी है, और जनता का रघुवर दास और नरेन्द्र मोदी से मोहभंग हो चुका है। खूंटी में हुए दुष्कर्म की घटना पर उन्होनें रघुवर सरकार को नपुंसक बताते हुए कहा कि इस सरकार के शासनकाल में बहू-बेटियों का सम्मान सुरक्षित नहीं हैं।

उधर दुमका में नेता प्रतिपक्ष हेमन्त सोरेन ने एक बार फिर, राज्य के मुख्यमंत्री को केन्द्र का लठैत करार देते हुए रघुवर दास के क्रियाकलापों की कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा कि आज तक कभी झारखण्ड में कोई भूख से नहीं मरा, पर आज रघुवर दास के शासनकाल में लोग भूख से मर रहे हैं, किसान आत्महत्या कर रहे हैं, बहू-बेटियों की इज्जत लूटी जा रही हैं, ये सरकार निकम्मी के साथ-साथ विश्वासघाती भी हैं।

उन्होंने कहा कि ये ऐसे पॉकेटमार लोग है, जो पॉकेट भी मार लेंगे पर पता नहीं चलने देंगे और जब पता आपको चलेगा तो एक सप्ताह बीत चुके होंगे, इसलिए ऐसे लोगों से बचिये। उन्होंने कहा कि जो लोग कल लोटा, लाठी लेकर आया था, आज वह ताकतवर बन गया है और यहां के लोगों को आंख दिखा रहा है। उन्होंने जनता से आह्वान किया कि जल,जंगल, जमीन की लड़ाई के लिए सड़क पर उतरिये, नहीं तो अगर ये लडाई हार गये तो झारखण्ड हार जायेगा।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री कहते है कि कोई बताये कि उन्होंने किसकी जमीन लूटी, जबकि सच्चाई यह है कि इस नालायक सरकार को पता ही नहीं कि कड़े कानून होने के कारण ही वे ऐसा नही कर पायें, और इसी कड़े कानून को धत्ता बताने के लिए संशोधन विधेयक लाया गया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री कहते है कि भूमि अधिग्रहण संशोधन विधेयक लागू होने से विकास होगा, तो जरा मुख्यमंत्री बताये कि मसानजोर डैम निर्माण में जो लोग विस्थापित हुए, उनके कौन से लड़के डाक्टर या इंजीनियर, आइएएस या आइपीएस बन गये। जान लीजिये कि भूमि एक बार गई तो फिर गरीबी ही आयेगी।

उन्होंने सभी आदिवासियों-मूलवासियों से आगामी पांच जुलाई को आयोजित संपूर्ण विपक्ष के महाबंद को सफल बनाने के लिए सड़क पर उतरने का आहवान किया और संघर्ष तेज करने का आह्वान किया। उन्होंने सभी से अपील की कि अपनी जल, जंगल, जमीन और अपने अस्तित्व को बचाने के लिए निर्णायक संघर्ष के लिए सड़कों पर उतरें। उन्होंने सीएम रघुवर दास और भाजपा के नेताओं को यह कहते हुए चेताया कि भूमि अधिग्रहण संशोधन विधेयक के खिलाफ भड़की आग, इतनी तेजी से बढ़ रही है, जिसका अंदाजा सरकार को नहीं है, ये आग जैसे-जैसे बढ़ेगी, चुनाव आते-आते भाजपा के नेता-कार्यकर्ता इसी आग में जलकर राख हो जायेंगे।