उच्च शिक्षा व्यवस्था की बदहाली को सुधारने के लिए शिक्षकों ने लगाई राज्यपाल से गुहार, कहा वोकेशनल के शिक्षकों व कर्मचारियों की समस्याओं को गंभीरता से नहीं लेते हैं अधिकारी
वोकेशनल टीचर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष डॉ अटल पाण्डेय के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल झारखंड के राज्यपाल संतोष गंगवार से मुलाकात कर आठ सूत्री मांगपत्र सौंपा। डॉ अटल पाण्डेय ने राज्यपाल से कहा की वोकेशनल सहित अन्य शिक्षा व्यवस्था का हाल बहुत बुरा है। वोकेशनल के अधिकतर विभाग अतिथि शिक्षकों के भरोसे चल रहा है, परंतु उन्हें सम्मानजनक राशि नहीं मिल रही है। वोकेशनल के प्रतिनिधि विश्वविद्यालय में नहीं होने से उनकी समस्या को गंभीरता से नहीं लिया जाता। वोकेशनल विषयों के शिक्षकों और कर्मचारियों के समायोजन पर राजभवन और सरकार को विचार कर, उचित निर्णय लेना चाहिए।
उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय और महाविद्यालयों में प्राध्यापकों, कर्मचारियों की नियुक्ति नहीं होना, जो प्राध्यापक कार्य कर रहें हैं उनको समय पर प्रोन्नति नहीं मिलना, पूरे राज्य के लिए शर्मनाक है। शिक्षा जगत में आज सेशन लेट होना, प्राध्यापकों के अभाव के कारण गुणवत्ता युक्त शिक्षा छात्रों को नहीं मिल पाना, मूलभूत सुविधाओं का अभाव चर्चा का विषय बना हुआ है। अवधेश ठाकुर ने विभिन्न मांगों को राज्यपाल के समक्ष उठाया।
- झारखंड के विश्वविद्यालय में शिक्षकों की नियुक्ति जल्द हो।
- वोकेशनल गेस्ट शिक्षकों की मासिक वेतन विश्वविद्यालय द्वारा फिक्स किया जाए।
- डिपार्टमेंट द्वारा रिसर्च स्कॉलर की मदद की जाए जिससे कि रिसर्च करने में विद्यार्थियों को समस्या उत्पन्न नहीं हो।
- सीनेट और सिंडिकेट तथा एकेडमिक या कोर कमेटी में वोकेशनल शिक्षक एक या दो सदस्य को रखा जाए।
- राज्य में वर्षों से लंबित प्राध्यापक के प्रमोशन पर जल्द निर्णय लिया जाए।
- लगभग 6 वर्षों से छात्र संघ चुनाव नहीं हुआ है, विश्वविद्यालय द्वारा छात्र संघ चुनाव की घोषणा हो।
- रांची विश्वविद्यालय में पीएचडी एंट्रेंस के नाम पर फार्म जमा किया गया था, एंट्रेंस एग्जाम की तिथि जल्द विश्वविद्यालय द्वारा घोषणा हो।
- इंटरमीडिएट शिक्षकों और कर्मचारियों का समायोजन विश्वविद्यालय और सरकार में वार्तालाप करके किया जाए।
उपरोक्त मांगों को राज्यपाल महोदय ने गम्भीरता से सुना और कहा कि आपकी सभी समस्याओं पर कुलपतियों की बैठक में विचार किया जाएगा। उन्होंने अतिथि शिक्षकों को सम्मानजनक फिक्स वेतन देने की बात भी कही। प्रतिनिधिमंडल में डॉ प्रशांत सौरभ और अभिषेक बनर्जी भी शामिल थे।