लीजिये पहले जज की हत्या और अब मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव के आप्त सचिव के माता-पिता की गला रेत कर हत्या

झारखण्ड में सच पूछिए, तो कानून-व्यवस्था की धज्जियां उड़ रही है। अपराधियों के पौ-बारह है। सरकार और राज्य के पुलिस के आलाधिकारी कान में तेल डालकर सोये हुए हैं। सभी को एक ही काम भा रहा है, “जब तक हैं हेमन्त सरकार- झारखण्ड को लूटो, सीना तान”। कोई मरें कोई जिये, कोई मतलब नहीं। बस अपना काम होता रहे। धनबाद में कोयला तस्करों की निकल पड़ी है।

वे जम कर वे कर रहे हैं, जिसकी इजाजत कानून नहीं देता, पर यहां फिकर किसको हैं? आश्चर्य है कि धनबाद के वरिष्ठ कांग्रेसी नेता संतोष कुमार सिंह ने व्हाट्सएप मैसेज कर डीजीपी को सूचित किया कि यहां कौन लोग कोयला तस्करी मे लगे हैं, पर हुआ क्या, कुछ नहीं। राज्य में जो ईमानदार पुलिस अधिकारी हैं, उन्हें सभी महत्वपूर्ण विभागों से साइड किया जा रहा हैं।

उन्हें शंटिग पोस्ट दिये जा रहे हैं, जिससे आजिज होकर वे केन्द्रीय प्रतिनियुक्ति में जाने की कोशिश कर रहे हैं, क्योंकि वे इतने ईमानदार है कि वे मनचाही पोस्टिंग के लिए न तो दबाब बनायेंगे और न ही एक सुनिश्चित राशि पहुंचायेंगे, ऐसे में उनके लिए राज्य से बाहर निकल जाना ही ठीक रहेगा, इसलिए वे इसी विषय पर विशेष ध्यान दे रहे हैं।

जो भ्रष्ट व बेईमान अधिकारी हैं, उनकी चल पड़ी हैं, पहली बार कोई सरकार आई हैं, जिसमें शामिल लोग उनकी सुन रहे हैं, इससे बड़ा आनन्द और क्या हो सकता है। और इन सबका नतीजा क्या निकल रहा हैं, जो माल देकर पद पायेगा, वो सूद समेत माल की राशि भी निकालेगा और जब ये सब करेगा तो कानून व्यवस्था की क्या हाल होगी, तब तो धनबाद में जज की हत्या का होना और पलामू में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव के आप्त सचिव के माता-पिता की हत्या होना तो स्वाभाविक है।

आखिर राज्य में गुंडागर्दी व हत्याओं का दौर क्यों शुरु हुआ? कौन है इसका जिम्मेवार? किसी को तो ये जिम्मेवारी लेनी होगी? या तो सरकार ऐसे अधिकारियों को दंडित करें या स्वेच्छा से वे अधिकारी खुद ही अपने पद से इस्तीफा दें, वो भी यह कहकर कि हम इतनी हत्याओं का कलंक अपने माथे पर नहीं ले सकते, पर इसके लिए जिगर चाहिए।

ऐसा नहीं कि इस प्रकार के कलंक को रोका नहीं जा सकता, पर इस कलंक को रोकने के लिए ईमानदार पुलिस अधिकारी राज्य के सर्वोच्च पद पर होना चाहिए, जो फिलहाल नहीं हैं, इसलिए ऐसे में फिर कल कोई और बहुत बड़ी घटना हो जाये, तो आश्चर्य मत करियेगा, क्योंकि राज्य में कानून-व्यवस्था ठप हैं और ये ठप ही रहेगा।