अगर बेहतर बनना है, तो उसके लिए आपको स्वयं प्रयास करना होगा, चुनौतियां तो मिलेंगी ही, इससे घबराना क्या?
बात तो साफ है, अगर बेहतर बनना है, तो उसके लिए आपको स्वयं प्रयास करना होगा, चुनौतियां तो मिलेंगी ही,
Read Moreबात तो साफ है, अगर बेहतर बनना है, तो उसके लिए आपको स्वयं प्रयास करना होगा, चुनौतियां तो मिलेंगी ही,
Read Moreपत्रकारों के लिए निरन्तर संघर्ष करनेवाली, उनके सुख-दुख में हमेशा खड़ी रहनेवाली और बहुत ही कम समय में बिहार, बंगाल
Read Moreएआइएसएम जर्नलिस्ट वेलफेयर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष रामप्रवेश सिंह ने वरिष्ठ पत्रकार कौशल आनन्द को रांची प्रक्षेत्र का महासचिव और
Read MoreAISMJWA के बिहार-बंगाल-झारखण्ड समन्वयक प्रीतम सिंह भाटिया ने झारखण्ड के सीएम हेमन्त सोरेन को पत्र लिखकर, पत्रकारों की समस्याओं की ओर अपना ध्यान आकृष्ट कराया है। यह पत्र उन्होंने सीएम हेमन्त सोरेन को इ-मेल के जरिये संप्रेषित किया है। उन्होंने अपने पत्र में कोरोना से मृत पत्रकारों के लिए आर्थिक सहयोग देने की विशेष अपील की है। उन्होंने पत्र में लिखा है कि राज्य में पत्रकारों की सुरक्षा और स्वतंत्रता के लिए उनकी एसोसिएशन पिछले सात सालों से लगातार प्रयासरत है।
Read Moreकोरोना काल में जहां पत्रकारों के हितों का दंभ भरनेवाले कुकुरमुत्ते की तरह उगे पत्रकारों के एसोसिएशन अपने-अपने घरों में बैठ कर कोरोना से खुद को मुक्त करने के प्रयास में लगे हैं, वही आल इंडिया शार्ट एवं मीडियम जर्नलिस्ट वेलफेयर एसोसिएशन AISMJWA ने अपने प्रयासों से सत्तापक्ष और विपक्ष ही नहीं, बल्कि सामाजिक संगठनों/पत्रकार संगठनों की नींद तक उड़ा दी है।
Read Moreजी हां, मैं तो यहीं कहूंगा कि सीमित संसाधनों में भी कोरोना की दुसरी लहर में झारखण्ड की जनता ही नहीं, बल्कि दुसरे राज्य की जनता को भी लेकर हमेशा सक्रिय रहना, उसका डटकर मुकाबला करना, अपने प्रशासनिक अधिकारियों के साथ नियमित बैठकें करना, कैसे आम लोगों को बेहतर सुविधा उपलब्ध हो, उसकी चिन्ता करना, आज के समय में कोई सामान्य बात नहीं, वह भी तब जब आपके पास अज्ञात दुश्मन के खिलाफ लड़ने के लिए संसाधन ही न हो।
Read Moreआज पूरे झारखण्ड में AISMJWA के नेतृत्व में विभिन्न अखबारों/चैनलों व पोर्टलों में कार्यरत पत्रकारों ने सड़कों पर उतरकर, काला दिवस मनाया। इस दौरान आंदोलनरत पत्रकारों में राज्य सरकार, विपक्षी दल व अपने संस्थानों के खिलाफ आक्रोश भी दिखा। इन पत्रकारों का कहना था कि आखिर जिस संस्थान में वे काम करते हैं, वे संस्थान भी इस महामारी के दौरान मर रहे पत्रकारों की सुध क्यों नहीं ले रहे, वे ये मानने को क्यों तैयार नहीं कि मृतक पत्रकार उनके यहां काम करता था, इसलिए जिम्मेवारी बनती है कि उसके परिवार का वे सुध लें।
Read Moreबिहार-झारखण्ड में कोरोना से अब तक दर्जनों पत्रकारों की मौत हो चुकी हैं। कई पत्रकार अभी भी विभिन्न अस्पतालों में जीवन और मौत से जूझ रहे हैं। कई अपने घरों में आइसोलेटेड हैं। कई ऐसे भी पत्रकार हैं, जिनका पूरा परिवार ही कोविड पोजिटिव हो चुका हैं, चूंकि वे आर्थिक रुप से बहुत ही कमजोर हैं, छोटे व मझौले पत्रकार हैं, उनकी तो उनका प्रबंधन भी नहीं सुनता, ऐसे में उन्हें इस बात की चिन्ता ज्यादा सता रही हैं कि उनकी मौत के बाद उनके परिवार को कौन देखेगा?
Read Moreशर्मनाक, एक ओर झारखण्ड के कई पत्रकारों व उनके परिवार के सदस्यों को कोरोना ने निगल लिया। कई पत्रकार व उनके परिवार के सदस्य ऐसे भी हैं, जो आज भी कोरोना पोजिटिव होकर, अपने घरों में कैद हैं, तथा भगवान का नाम लेकर अपना घर में इलाज करा रहे हैं। इसी बीच राज्य में पत्रकारों के साथ ऐसी भी घटनाएं घट रही हैं, जिसे देख व सोचकर सिर शर्म से झूक जा रहा हैं, पर आश्चर्य हैं कि सरकार में शामिल लोगों का ध्यान इस ओर नहीं जा रहा,
Read Moreऑल इंडिया स्मॉल एंड मीडियम जर्नलिस्ट वेलफेयर एसोसिएशन ने इ-मेल के माध्यम से राज्य के पुलिस महानिदेशक नीरज सिन्हा को एक बार फिर अपनी बातें संप्रेषित की, कि जितना जल्द हो राज्य में पत्रकारों पर हो रहे झूठे मुकदमें, दुर्व्यवहार और उन पर जानलेवा हमले बंद हो। जिसकी जानकारी विद्रोही24 को रांची प्रमंडल के अध्यक्ष नवल सिंह ने दी। उनका कहना था कि AISMJWA बिहार-झारखण्ड के प्रभारी प्रीतम सिंह भाटिया के निर्देश पर यह मेल आज संप्रेषित कर दिया गया।
Read More