बस पांच से छः हजार रुपये की नौकरी युवाओं को दिलवाकर खुब उछल रही सरकार

पूरे राजधानी की सड़कों पर अपना होर्डिंग लगवाना, पूरे देश के अखबारों में अपने नाम का विज्ञापन छपवाना तथा बिरदावली गानेवाले समूहों को बुलाकर अपनी जय-जयकार कराना अलग बात है, पर जिन युवाओं को नौकरी देने की बात हो रही हैं, उनके दर्द को जानना अलग बात है। वे राजनेता है, वह हर प्रकार की तिकड़म खेलेंगे, वे अपने इर्द-गिर्द परिक्रमा करनेवाले भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों से वह हर प्रकार का काम करायेंगे।

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