2077

अपनी बात

“बिरसा का गांडीव” तो इस जेठ की दुपहरिया में कई लोगों के तन-बदन में आग लगाकर फागुन की मस्ती में डूबा था, मतलब समझे कि ना समझे

भर फागुन रांची प्रेस क्लब के अधिकारी देवर लगिहे, भर फागुन… जोगी जी धीरे-धीरे रंग लगइहो धीरे-धीरे, गाली दियो धीरे-धीरे… आप कहेंगे कि अरे विद्रोही जी को क्या हो गया, इ तपती जेठ महीने में इनको फगुनाहट कैसे सुझ गया, तो भैया जी लोग, झारखण्डी जनता लोग, विभिन्न अखबारों-चैनलों में काम करनेवाले विद्वान पत्रकारों वो इसलिए कि अभी-अभी रांची से प्रकाशित “बिरसा का गांडीव” नामक अखबार ने हमें बताया है कि आज फाल्गुन महीने के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि है, जिसका विक्रमी संवत् 2077 है।

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