आश्चर्य, वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने वाजपेयी की NPS के साथ-साथ मोदी सरकार की भी की तारीफ, कहा केन्द्र पूरा फंड दे रहा, कोई बकाया नहीं

झारखण्ड कांग्रेस के दिग्गज नेता रामेश्वर उरांव ने रांची से प्रकाशित अखबार प्रभात खबर को अपने दिये साक्षात्कार में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा शुरु की गई नई पेंशन योजना और वर्तमान मोदी सरकार पर लग रहे आरोप की वो राज्य को उसका हक नहीं दे रहे हैं, का खंडन कर एक तरह से अपनी ओर से सर्टिफिकेट दे दिया कि केन्द्र की मोदी सरकार राज्य के साथ कोई अन्याय नहीं कर रही और न ही अटल बिहारी वाजपेयी ने नई पेंशन योजना शुरु कर सरकारीकर्मियों के साथ अन्याय किया।

रामेश्वर उरांव ने इस पर अपने तर्क भी दिये। उनके तर्क को आप गलत भी नहीं ठहरा सकते। उन्होंने दक्षिण के राज्य केरल का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां राज्य का 90 प्रतिशत पैसा सरकारी कर्मियों के वेतन और पेंशन पर ही खर्च हो जाते थे, ऐसे में राज्य की जनता के लिए कुछ बचता ही नहीं था, पर रामेश्वर उरांव ये बताना भूल गये कि जिस वाजपेयी ने सरकारी कर्मियों को नई पेंशन नीति में धकेला, उसी वाजपेयी ने सांसदों, विधायकों, मंत्रियों आदि पर पुरानी पेंशन नीति ही लागू रखी, क्या सांसदों, विधायकों, मंत्रियों आदि के वेतन और पेंशन से देश की जनता को राहत मिलती हैं? आखिर अटल बिहारी वाजपेयी ने सरकारीकर्मियों और नेताओं के बीच ऐसा भेदभाव क्यों किया? इसका जवाब न तो रामेश्वर उरांव के पास हैं और न ही भाजपाइयों के पास, क्योंकि ये तो सीधा-सीधा शोषणयुक्त योजना हैं, जो वाजपेयी के द्वारा लागू की गई, जिसका प्रतिरोध पूरे देश के सरकारी कर्मी कर रहे हैं।

हाल ही में राज्य के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने केन्द्र सरकार पर आर्थिक क्षेत्र में भेदभाव करने का आरोप लगाया था, पर रामेश्वर उरांव के आज के अखबार में छपे संवाद तो राज्य के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन के बयान का ही खंडन कर रहे हैं। रामेश्वर उरांव ने तो कह दिया कि केन्द्र पूरा फंड दे रहा हैं, केन्द्र पर कोई बकाया ही नहीं हैं, दबाव के लिए राजनीति करना ठीक नहीं। भाई, एक और मुख्यमंत्री का बयान और दूसरी ओर राज्य के वित्त मंत्री का बयान, दोनों के बयान एक दूसरे के विरोधी साबित हो रहे हैं। आखिर ये सब क्या है? क्या रामेश्वर उरांव का सचमुच कांग्रेस से मोहभंग हो गया या अब कभी राजनीति करनी ही नहीं हैं या अपने परिवार के सदस्य को भाजपा के बैनर तले राजनीति करानी हैं। भाई, रामेश्वर उरांव के आज के बयान तो काफी कुछ कह रहे है कि कांग्रेस में सब कुछ ठीक-ठाक नहीं।

सच्चाई यही है कि झारखण्ड में कांग्रेस मृत्यु शैय्या पर लेटी हैं और उसके नेता क्या बोलते हैं या क्या कहते हैं, इस पर जनता का ध्यान भी नहीं रहता, पर रामेश्वर उरांव जैसे कांग्रेसी नेता, जो कभी प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुके हैं, वर्तमान में वित्त मंत्री हैं, उनका जब बयान इस प्रकार का हो, तो संदेह उत्पन्न करता हैं। एक ओर वाजपेयी की प्रशंसा और दूसरी ओर मोदी सरकार को खुलकर इस बात के लिए सर्टिफिकेट देना कि उनके यहां राज्य सरकार का कोई भी बकाया नहीं हैं, बहुत कुछ कह देता है।