अपनी बात

सुप्रियो भट्टाचार्य ने बाबूलाल मरांडी पर लगाया गंभीर आरोप, ईडी को कहा जांच का दायरा बढ़ाएं, किसी को टारगेट न करे, इधर बाबूलाल ने सुप्रियो के बयान का किया आंशिक रुप से खंडन

झारखण्ड मुक्ति मोर्चा के केन्द्रीय महासचिव व प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने आज प्रेस कांफ्रेस कर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी पर गंभीर आरोप लगाया है। वह गंभीर आरोप जैसे ही बाबूलाल मरांडी के कानों तक पहुंची। उन्होंने इसका आंशिक रुप से खंडन किया। खंडन में बाबूलाल मरांडी ने क्या कहा? पहले आप उसे पढ़िये …

‘झारखंड मुक्ति मोर्चा ने कुछ देर पहले प्रेस कांफ्रेंस कर कहा है कि नवम्बर २००५ में एक कंपनी संताल परगना बिल्डर्स प्राईवेट लिमिटेड बनी, जिसमें दो डायरेक्टर हमसे जुड़े हुए हैं वो कंपनी आज भी मौजूद है और ज़मीन और शराब का कारोबार करती है। परंतु मैं एक प्रश्न झारखंड मुक्ति मोर्चा से करना चाहता हूँ कि उनके द्वारा बताये गये मेरे से जुड़े जिन लोगों का नाम लिया गया है, वो एक भी काग़ज़ दिखा दे कि आज के दिन वे दोनों किसी भी तरह से उस कंपनी से जुड़े हुए हैं।

साथ ही यह भी अनुरोध करता हूँ कि वे ये भी बतायें कि उस कंपनी में कौन-कौन डायरेक्टर हैं, और किस किस व्यक्ति का शेयर लगा हुआ है। सरकार चाहे तो खुद भी जांच करा ले और सार्वजनिक रूप से बताये कि उस कंपनी में कौन-कौन जुड़े हुए हैं? झारखंड की जनता को आज के दिन सब कुछ आईने की तरह साफ़ दिख जायेगा।’

मतलब बाबूलाल मरांडी का ये ट्विट साफ कहता है कि आज भले ही उनसे जुड़े लोग उक्त कंपनी में नहीं होंगे, पर एक समय जरुर रहा होगा कि उनसे जुड़े लोग इस कंपनी में होंगे। हो सकता है कि कुछ वर्षों के बाद जब इस कंपनी के उंच-नीच के बारे में उनसे जुड़े लोगों को पता चला होगा तो वे इससे अलग हो गये होंगे। नहीं तो बाबूलाल मरांडी ने ये क्यों नहीं लिखा कि उनसे जुड़े लोगों का इस नाम की कंपनी से कभी संबंध ही नहीं रहा है, पर उन्होंने ऐसी बातें नहीं लिखी। उन्होंने आज के दिन पर जोर डाला है। मतलब साफ है कि उनका जोर सिर्फ इस बात पर है कि वर्तमान में उनसे जुड़े लोगों का उक्त कंपनी से कोई संबंध नहीं हैं। आप बाबूलाल मरांडी के ट्विट को जितनी बार पढ़ेंगे, यही दिखेगा।

और अब बात सुप्रियो भट्टाचार्य के संवाददाता सम्मेलन की। सुप्रियो ने एक बार फिर केन्द्र और भाजपा पर आरोप लगाया कि इन सभी ने केन्द्रीय एजेंसियों के साथ मिलकर राज्य की हेमन्त सरकार को जो अस्थिर करने का प्रयास शुरु किया है, वो अब भी जारी है। सुप्रियो ने हाथ में एक कागज संवाददाताओं को दिखाते हुए कहा कि ये कागज बाबूलाल मरांडी के कारगुजारियों का पोल खोलती है।

सुप्रियो ने कहा कि 25 नवम्बर 2005 को संताल परगना बिल्डर्स प्रा. लि. के नाम से एक कंपनी रजिस्टर्ड होती है। जिसका नंबर 011765 है। जिसमें पता फर्स्ट फ्लोर, प्लॉट नं डी2, एमआइजी, हरमू हाउसिंग कॉलोनी, रांची दिया हुआ है। जिसमें तीन डायरेक्टर के नाम है – रामिया मरांडी, लालिमा तिवारी व योगेन्द्र तिवारी। सुप्रियो ने कहा कि बाबूलाल मरांडी को बताना चाहिए कि ये रामिया मरांडी व लालिमा तिवारी कौन है? सुप्रियो ने कहा कि रामिया मरांडी,स्व. छोटू मरांडी के बेटे व बाबूलाल मरांडी के भाई है, जबकि लालिमा तिवारी, सुनील तिवारी की पत्नी है।

सुप्रियो ने कहा कि इनका काम जमीन की खरीद-फरोख्त करना है। इन्हें बताना चाहिए कि इनके पास इतनी पूंजी कहां से आई? संताल परगना में करोड़ों की जमीन कहां से आई? रांची और दूसरे जिलों में इनके पास जमीनें कहां से आई? सुप्रियो ने कहा कि सिमडेगा में जो शराब व्यवसाय चल रहा है, वो इसी कंपनी के नाम पर है। सुप्रियो ने कहा कि ईडी को इस पर भी संज्ञान लेना चाहिए। केवल टारगेट करके जो काम किये जा रहे हैं, वे बंद होनी चाहिए। यह सही नहीं हैं।

सुप्रियो ने कहा कि ईडी को बताना होगा, ये कंपनी किसकी है? आज के डेट में इसके कौन-कौन डायरेक्टर में हैं? उन्होंने कहा कि दरअसल बाबूलाल मरांडी और उनके गुर्गों को लगा कि वे फंसेंगे तो भाजपा के शरण में चले गये। ठीक उसी प्रकार जहां भी कोई नेता जब देखता है कि वो फंसने वाला है, भाजपा के शरण में जाकर अपने आप को सुरक्षित कर लेता हैं। बाबूलाल मरांडी ने भी यही किया।

सुप्रियो ने कहा कि अगर ईडी को इस संबंध में कागजात चाहिए तो वे लोग (झामुमो के लोग) उपलब्ध कराने को तैयार है। सुप्रियो ने कहा कि ईडी के लोग किसी ओर के घर में घुसने को जाते हैं और कहीं और घुस जाते हैं। सुप्रियो ने राज्य के वित्त मंत्री के घर ईडी की छापामारी पर गहरी नाराजगी दिखाई। सुप्रियो ने कहा कि ईडी अपने अधिकारों का गलत उपयोग कर रही हैं, जो ठीक नहीं। सुप्रियो ने कहा कि अब झामुमो भी पूरे तथ्यों के साथ, तस्वीरों के साथ जनता के सामने तथ्यों को रखेगा और ईडी के पास भी जायेगा, क्योंकि जांच के दायरे को अब और आगे बढ़ाना तथा खोलना है।