राजनीति

सुबोधकांत का दिल्ली में ऐलान, 2019 में कांग्रेस आई तो छः माह के अंदर शुरु होगा धनबाद चंद्रपुरा रेललाइन

कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता सुबोधकांत सहाय ने आज दिल्ली में कहा कि अगर 2019 में कांग्रेस आई तो मात्र छः महीने के अंदर धनबाद-चंद्रपुरा रेललाइन को शुरु कर दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि रघुवर सरकार आदिवासियों की जमीन छीनने का काम कर रही है, ये लोग थूक के चाटने का काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पीयूष गोयल के रेल मंत्री, कोयला मंत्री बनते ही लूट का खेल शुरु हो गया है, ये लूटेरी सरकार बस अब जूम्मा-जुम्मा आठ दिन की सरकार है। उन्होंने कहा कि इस ढोंगी सरकार को देश की जनता उखाड़ फेंकेगी।

झारखण्ड कांग्रेस के सह प्रभारी उमंग सिघार ने कहा कि कांग्रेस संवेदनशील पार्टी है, वो झारखण्ड के आमजन की भावनाओं को समझती है, उन्होंने कहा कि केन्द्र और राज्य सरकार मिलकर प्रदेश की जनता का शोषण कर रही है। रघुवर सरकार, मोदी-शाह का रबर स्टाम्प बनी हुई है। इस भ्रष्ट केन्द्र और राज्य सरकार को उखाड़ फेकना होगा, तभी देश का भला होगा।

ज्ञातव्य है कि धनबाद-चंद्रपुरा रेललाइन के बंदी के खिलाफ दिल्ली के जंतर-मंतर पर तीन दिवसीय धरना का कार्यक्रम आज से प्रारम्भ हो गया, आज पहले दिन कांग्रेस के प्रदेश सचिव रणविजय सिंह, जागो सामाजिक संस्था के प्रमुख राकेश रंजन उर्फ चुन्ना यादव के नेतृत्व में यह धरना का कार्यक्रम प्रारम्भ हुआ, आज से शुरु हुए इस धरना कार्यक्रम में झारखण्ड के सैकड़ों लोग शामिल हुए हैं। सच्चाई यह है कि जब से धनबाद-चंद्रपुरा रेललाइन पर पैसेंजर और मेल-एक्सप्रेस ट्रेनों का परिचालन केन्द्र सरकार ने ठप किया हैं, धनबाद-चंद्रपुरा के लोगों की जिंदगी ही बर्बाद हो चुकी है, करोड़ों का व्यापार ठप तो हुआ ही, पूरी आबादी का जन-जीवन प्रभावित हो चुका है।

धनबाद-चंद्रपुरा रेल लाइन को पुनः बहाल करने के लिए, हालांकि जब से ये रेल लाइन ठप हुआ है, लोग आंदोलित रहे हैं, पर केन्द्र व राज्य सरकार के कानों पर जूं तक नहीं रेंगी है, हालांकि भाजपा नेताओं का समूह यहां के लोगों को बराबर झांसे देता रहा है, पर इनकी हिम्मत नहीं कि धनबाद-चंद्रपुरा रेल लाइन के आस-पास बसे लाखों लोगों के आंखों से आंखे मिलाकर बात कर सकें, कई भाजपा नेता हालांकि यहां की जनता को सब्जबाग दिखा रहे है कि ये लाइन फिर से चालू होगा, पर जैसे-जैसे दिन बीतते जा रहे हैं, लोगों का भाजपा से भरोसा टूटता जा रहा है, अब दिल्ली में तीन दिवसीय धरना का आयोजन क्या रंग दिखाता है? फिलहाल धनबाद के लोगों का ध्यान दिल्ली के जंतर-मंतर पर आ टिका है।