शर्मनाक! पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने जनता के लिए रखे गये सफाई कर्मचारियों को बनाया अपने घर का सेवादार

जमशेदपुर का नॉटिफाइड एरिया, जहां बताया जाता है कि वहां 16 सफाई कर्मचारी कार्यरत हैं, पर सच्चाई यह है कि पिछले दो महीने से उस एरिया के कई इलाकों में साफ-सफाई हुआ ही नहीं। नतीजा, साफ सफाई नहीं होने के कारण, इस बारिश के दिनों में कई घरों में बरसात का पानी घुस जाना, वहां आम बात है, लोग परेशान है, पर क्या मजाल की, जिन्हें ये टेंडर मिला है, या जो लोग साफ सफाई करने का जिम्मा लिये हैं, वे वहां उन इलाकों में साफ-सफाई करा दें।

इधर जमशेदपुर पूर्व के विधायक एवं राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास को इसी इलाके में धूल चटानेवाले सरयू राय को जैसे इस बात की जानकारी मिली, उन्होंने अपनी टीम को वहां भेजा तथा पूरी जानकारी प्राप्त करनी चाही, और वहां से जो बात निकलकर आई है, वो सभी को हैरान करनेवाली है। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास की सेवा में तो कोई कमी नहीं हैं, पर जमशेदपुर पूर्व की जनता को उनके हाल पर टेंडर लेनेवालों ने छोड़ दिया है।

विद्रोही24. कॉम को जो जानकारी मिली है, वहां उस इलाके में 16 सफाई कर्मचारी कार्यरत है, जिनमें 11 महिलाएं और पांच जेन्ट्स है, जिनमें दो महिला और दो पुरुष को सीएम रघुवर दास के घर पर सेवा कार्य में लगा दिया गया हैं। ऐसे में बचे ग्यारह सफाई कर्मचारी, तो इतने में जमशेदपुर के नॉटिफाइड एरिया की जनता का क्या काम होगा?

सवाल तो यह भी है कि किसके कहने पर चार सफाई कर्मचारी पूर्व सीएम रघुवर दास के आवास पर उनके खिदमत में लगा दिया गया। आखिर इतने महीनों तक जो चार सफाई कर्मचारी पूर्व सीएम रघुवर दास के यहां लगा दिये गये, उन सफाई कर्मचारियों पर होनेवाले अब तक के लाखों रुपये के  हर्जाने कौन वसूलेगा? आखिर जब वर्क आर्डर में पूर्व सीएम रघुवर दास के आवास पर सेवा देने की बात ही नहीं हैं, तो फिर किसके कहने पर ये सफाई कर्मचारी पूर्व सीएम रघुवर दास के यहां अपनी सेवा दे रहे हैं?

क्या पूर्व सीएम रघुवर दास बतायेंगे कि वे अपने यहां चार सफाई कर्मचारियों को किस कानून के तहत लगाकर उनसे अपनी सेवा करा रहे हैं, क्या ये भ्रष्टाचार नहीं और जब ये भ्रष्टाचार हैं तो फिर इसके लिए कौन सी सजा तय है, क्या वे उक्त सजा के तहत स्वयं को जनता के सामने रखेंगे, ताकि लोग समझे कि सचमुच में रघुवर दास जो सत्ता में रहने पर पारदर्शिता व भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन देने का जो दंभ भरते थे, वो दंभ सही मायनों में दंभ साबित न हो।

क्या बराबर सीएम हेमन्त सोरेन को पत्र लिखकर भ्रष्टाचार मुक्त झारखण्ड बनाने का दंभ भरनेवाले राज्य के भाजपा के बड़े नेता बाबू लाल मरांडी, एक पत्र पूर्व सीएम रघुवर दास को भी लिखेंगे कि वे इन सभी चीजों से उपर उठे या उनका पत्र लेखन सिर्फ हेमन्त सोरेन के लिए हैं।