राजनीति

मंत्री सरयू राय ने रघुवर सरकार द्वारा दिये जा रहे विकासात्मक आंकड़ों पर ही उठाया सवाल

खाद्य आपूर्ति मंत्री सरयू राय राज्य सरकार से कुछ ज्यादा ही नाराज चल रहे हैं। नाराज चलने का कभी कारण है, यह सरकार ऐसे-ऐसे दावें पेश कर देती है कि इससे आम जनता ही नहीं, बल्कि मंत्रियों का भी दिमाग घुम जा रहा है। जरा देखिये, कुछ दिन पहले की ही बात है। रघुवर सरकार अपने जन्म के 1000वां दिन मना रही थी, और उसमें ताल ठोक रही थी कि 8.3 प्रतिशत विकास की दर से झारखण्ड, गुजरात के बाद दूसरे स्थान पर है, जबकि सरयू राय कहते है कि राज्य में सबसे अधिक 14-15 प्रतिशत का विकास दर तो मुख्यमंत्री मधु कोड़ा के समय था।

सरयू राय की बात माने, तो वे साफ कहते है कि विकास का काम जमीन पर दिखना भी चाहिए, विकास से जुड़े आंकड़ें धोखा देनेवाले है, इसलिए आर्थिक विशेषज्ञों का विश्लेषण जरुरी है, उन्होंने कहा है कि वे इस संबंध में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मिलकर चर्चा भी करेंगे। वे यह बात हाल ही में रांची में आयोजित भोजन, भूख व कुपोषण पर आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला के उद्घाटन सत्र में बोल रहे थे।

सरयू राय ने खुलकर कहा कि राशन वितरण में इ-पॉश मशीन के इस्तेमाल और राशन कार्ड बनाने की ऑनलाइन प्रक्रिया, आम लोगों को भी समझ में आनी चाहिए। उन्होंने कहा कि तकनीक गुलाम हो सकता है, मालिक नहीं, पर यह मानसिकता एक तरह से बन चुकी है कि मशीन ही मास्टर है और अधिकारी व सरकार, इसकी वाहवाही लूट लेते है। उन्होंने कहा कि क्रियाकलाप में आलोचना का अंग भी शामिल होना चाहिए।