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RPC के कोषाध्यक्ष सुशील और सचिव जावेद के बीच हुई गाली-गलौज व मारपीट की घटना, अध्यक्ष संजय ने सचिव जावेद को प्रेस क्लब आने पर लगाई रोक, कल की घटना की वीडियो वायरल

रांची प्रेस क्लब में कल यानी दो अप्रैल को शर्मनाक घटना घटी है। इस शर्मनाक घटना ने एक तरह से रांची प्रेस क्लब पर कालिख पोत दी है। रांची प्रेस क्लब के सचिव जावेद अख्तर द्वारा बार-बार गाली दिये जाने से क्रोधित होकर प्रेस क्लब के कोषाध्यक्ष सुशील सिंह मंटू, जावेद से उलझ पड़े। रांची प्रेस क्लब कमेटी का कहना है, जब यह घटना घटी, उस वक्त जावेद अख्तर शराब के नशे में था। इधर जावेद के इस हरकत को देखते हुए रांची प्रेस क्लब के अध्यक्ष संजय मिश्र ने उसे नौ अप्रैल तक क्लब में आने से सीधी रोक लगा दी है। जबकि कोषाध्यक्ष सुशील सिंह मंटू को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।

रांची प्रेस क्लब की कल यानी दो अप्रैल की घटना पूरे पत्रकारिता जगत में आग की तरह फैल गई है। बताया जा रहा है कि कल यानी दो अप्रैल को रांची प्रेस क्लब की मैनेजिंग कमेटी की बैठक थी, जिसमें उपाध्यक्ष पिन्टू दूबे, सचिव जावेद अख्तर, संयुक्त सचिव अभिषेक सिन्हा, कोषाध्यक्ष सुशील सिंह मंटु, कार्यकारिणी सदस्य माणिक बोस, किसलय सानू, संजय रंजन, राज वर्मा, धर्मेन्द्र गिरी, सुनील गुप्ता, परवेज कुरैशी मौजूद थे।

बताया जाता है कि जावेद अख्तर द्वारा बार-बार गाली दिये जाने के बाद, सुशील सिंह मंटू अपने कुर्सी से उठे और बल पूर्वक उसका मुंह बंद कर दिया। इधर स्थिति की गंभीरता को देखते हुए रांची प्रेस क्लब की मीटिंग में आये पदाधिकारियों ने बीच-बचाव किया, जिसके बाद जावेद ने सुशील सिंह मंटू पर हाथ छोड़े। वीडियो में इसे साफ देखा जा सकता है।

स्थिति ऐसी हो गई कि मीटिंग में आये सदस्यों को जैसे लगा कि सांप सूंघ गया, क्योंकि स्थिति हो गई थी – ‘आये थे हरिभजन को ओटन लगे कपास’ जैसी। बाद में इस घटना को लेकर अध्यक्ष ने ठोस निर्णय लिये, जिस पर पूरी कमेटी ने सहमति जताई। कमेटी ने इस बात को स्वीकार किया कि मीटिंग के समय रांची प्रेस क्लब के सचिव जावेद अख्तर शराब के नशे में थे। सदस्यों ने इसे गहरी अनुशासनहीनता बताया है।

सभी ने माना कि सचिव जावेद अख्तर के द्वारा अपशब्द का प्रयोग किया गया। जिसकी सभी सदस्यों ने भर्त्सना भी की। रांची प्रेस क्लब कमेटी ने स्वीकार किया है कि सचिव जावेद अख्तर के इस व्यवहार पर उत्तेजित होकर कोषाध्यक्ष सुशील सिंह मंटू ने जावेद अख्तर का मुंह दबा दिया। इसके बाद प्रतिक्रिया में जावेद अख्तर ने भी हाथ चलाया और गंदी गालियां दी। अध्यक्ष संजय मिश्र ने तुरंत  प्रभाव से सचिव जावेद अख्तर को प्रेस क्लब परिसर में प्रवेश पर अगले एक सप्ताह यानी 09 अप्रैल 2023 तक रोक लगा दिया है।

इधर यह भी बताया गया है कि अध्यक्ष संजय मिश्र ने दोनों पदाधिकारियों सचिव जावेद अख्तर और कोषाध्यक्ष सुशील सिंह मंटू पर जो कार्यवाही के निर्देश दिए हैं, अगर दोनों पदाधिकारियों में कोई भी उसका पालन नहीं करता है, तो संबंधित अधिकारी पदाधिकारी पर अग्रतर पर कार्रवाई के लिए अध्यक्ष संजय मिश्र द्वारा तत्काल बैठक बुलाई जाएगी, जिसमें कठोर निर्णय लिया जाएगा।

इधर कई पत्रकारों ने विद्रोही24 को बताया कि हालांकि कल की घटना बहुत ही शर्मनाक है। इस पर रांची प्रेस क्लब के अध्यक्ष और उसकी पूरी कमेटी को कड़ा एक्शन लेना चाहिए, पर पूर्व की घटनाओं को देखते हुए नहीं लगता कि रांची प्रेस क्लब के अध्यक्ष या पूरी कमेटी इस घटना से सबक लेकर, कुछ निर्णय ले भी पायेगी, क्योंकि फिलहाल सभी दिसम्बर 2023 तक जैसे-तैसे ये साल बीत जाये, इसी पर अपना ध्यान केन्द्रित किये हुए हैं। कुछ पत्रकारों का तो ये भी कहना था कि ये घटना बताता है कि पूर्व में घटी हुई घटनाओं को नजरदांज किया गया, जिसके कारण ये बड़ी घटना घट गई, अगर अभी भी कड़ा एक्शन नहीं लिया गया तो इससे भी बड़ी घटना से इनकार नहीं किया जा सकता।

दूसरी ओर रांची प्रेस क्लब के सचिव जावेद अख्तर ने अध्यक्ष संजय मिश्र को पत्र लिखकर, अध्यक्ष को भी खुब खरी-खोटी सुनाई है। पत्र में जावेद ने लिखा है कि वो किसी की अनुकम्पा से सचिव नहीं बना है, उसने यह भी कहा है कि उसे क्लब में आने से रोकने का अधिकार उन्हें (अध्यक्ष) को नहीं हैं। उसने पत्र में यह भी लिखा है कि प्रेस क्लब के नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं और आप (अध्यक्ष) मूकदर्शक बने रहते हैं।

जावेद ने अध्यक्ष संजय मिश्र पर आरोप लगाया है कि आप (संजय मिश्र), स्वयं क्लब नहीं आते। आपकी अनुपस्थिति और कमजोर नेतृत्व के कारण ही गुटबाजी को बढ़ावा मिल रहा है, क्लब में जातिवाद हावी है। चूंकि वो (जावेद) अल्पसंख्यक हैं, इसलिए उसे टारगेट किया जा रहा है। उसने (जावेद ने) सीसीटीवी फुटेज सार्वजनिक करने की मांग की है, हालांकि ये सीसीटीवी फुटेज वीडियो वायरल हो चुका है। जावेद का कहना है कि अगर उसे निशाना बनाया गया या उसके खिलाफ साजिश रची गई तो वह कानून का भी सहारा लेगा।