सांसद परिमल नथवाणी के आदर्श ग्राम जरा टोली–बड़ाम गांव की हकीकत?

जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सांसदों से एक-एक गांव गोद लेने की अपील की, तो झारखण्ड में भी बहुत सारे सांसदों ने एक-एक गांव गोद लेने की योजना बनाई। जिसमें सर्वाधिक रुचि ली राज्यसभा सांसद परिमल नथवाणी ने और इन्होंने देखते ही देखते कई गांव गोद लिये। बेचारे बहुत बड़े आदमी हैं, इनके पास समय नहीं होता, फिर भी सुना है कि ये कभी – कभी रांची आ जाते हैं और उन इलाकों की सुध लेते हैं, जहां उनकी योजनाएं चल रही होती हैं।

इसमें कोई दो मत नहीं कि इस राज्य में एकमात्र सांसद परिमल नथवाणी है, जिनका काम गांवों में दिखाई पड़ रहा हैं, पर कुछ काम भ्रष्टाचार की भेंट भी चढ़ रहा हैं, इससे इनकार भी नहीं किया जा सकता। जरा टोली – बड़ाम गांव में उनके द्वारा कराये गये बहुत सारे काम दिखाई दिये। जैसे जरा टोली में उनके सासंद कोटे से 2015-16 में बनाया गया बाल उद्यान बहुत ही खुबसूरत हैं, पर ये भी सच्चाई है कि उस बाल उद्यान में ताले लटके नजर आये। जब बाल उद्यान में ताला लटका रहेगा तो फिर बच्चे उस उद्यान का आनन्द कैसे लेंगे?

स्वास्थ्य उप केन्द्र जरा टोली जब हमारी टीम पहुंची तब वहां हमारी टीम ने देखा कि स्वास्थ्य उप केन्द्र बहुत अच्छी स्थिति में है, पर ये भी सच्चाई है कि न तो वहां डाक्टर था और न ही नर्स, ऐसे में इस स्वास्थ्य उप केन्द्र से जनता को क्या लाभ? गांव में एक दो जगहों पर सांसद परिमल नथवाणी के बड़े-बड़े बहुत ही खुबसुरत होर्डिंग नजर आये, जो बता रहे थे कि आप जिस गांव में हैं, वह आदर्श गांव हैं, नाम है – जरा टोली, बड़ाम, जिसे सांसद परिमल नथवाणी ने गोद लिया है।

जरा टोली – बड़ाम में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत बहुत काम हुए हैं, ये काम जिला परिषद द्वारा हुए हैं, पर जो इस संबंध में बोर्ड लगे हैं, उसमें पूरी जानकारी नहीं दी गई है, जैसे इसमें यह नहीं बताया गया कि पांच वर्षों तक इन सड़कों को मेन्टेन करने के लिए ठेकेदार अथवा जिला परिषद को कितनी राशि दी गई।

जराटोली में ही एक सभा घर परिमल नथवाणी द्वारा बनवाया गया है, जिसमें कम्प्यूटर क्लासेस चलती है, वहां हमारी टीम को सिर्फ पांच बच्चे दिखाई पड़े, वह भी जरा टोली, बड़ाम गांव के नहीं थे, बल्कि दूसरे जगहों के थे, ऐसे में जब जरा टोली – बड़ाम के युवा या बच्चे कम्प्यूटर प्रशिक्षण नहीं ले पा रहे हैं, तो फिर इस संस्थान का क्या मतलब?  जबकि एनरॉलमेंट में 51 बच्चों के नाम दर्ज है। सांसद परिमल नथवाणी ने यहां सवा लाख रुपये से एक अखड़ा भी बनवाया हैं, जिसमें एक दो चबूतरे बने हुए है।

सांसद कोटे से ही सार्वजनिक शौचालय व स्नानागार बनाये गये हैं, जिस पर 24 लाख रुपये खर्च हुए हैं, जिला परिषद की माने तो ये 10 अगस्त 2015 को बनकर तैयार हो गई, पर क्या कोई बता सकता है कि 24 लाख रुपये में बनी सार्वजनिक शौचालय व स्नानागार की हालत मात्र ढाई साल में बदतर हो जायेगी। मैं तो चैलेंज देता हूं कि कोई हमें 24 लाख रुपये दे, और मैं उसे इतने ही रुपये में दो फ्लैट बनाकर दूंगा, जो कम से कम 100 सालों तक चलेगा, इसकी गारंटी मेरी। सार्वजनिक शौचालय व स्नानागार में खर्च की गई राशि और उसकी ढाई साल में ही टे बोल देना, बताता है कि यहां भ्रष्टाचार हैं, और निर्माणकर्ताओं ने जमकर इस भ्रष्टाचार की गंगोत्री में डूबकी लगाई है।

आगे देखिये, बड़ाम में स्वास्थ्य उप केन्द्र का नया भवन बनकर तैयार हैं, पर उसमें ताला लटका है। डिजिटल सेवा केन्द्र बनकर तैयार है, पर उसमें भी ताला लटका है। तहसील कचहरी सह हल्का कर्मचारी आवास बनकर तैयार है, उसमें भी ताला लटका है।

एक स्कूल हैं, जहां एक ही क्लास में बैठकर चार क्लासों की पढ़ाई, एक टीचर कराती है, यानी ये आठवां आश्चर्य, सिर्फ जरा टोली – बड़ाम में ही देखी जा सकती है। अब सवाल उठता है, कि आदर्श ग्राम का मतलब क्या होता हैभवन बना देना, उदयान बना देना, कम्प्यूटर क्लास बनवा देना, प्रखंड कार्यालय बनवा देना या उसे उपयोग में भी लाना। अगर 24 लाख रुपये का बना सार्वजनिक शौचालय एवं स्नानागार ढाई साल में टे बोल देता है, तो क्या जनता इतनी मूर्ख है कि उसे पता नहीं चलेगा, कि इसमें कितनी लूट मची हैं और कैसे इसके नाम पर जनता को उल्लू बना दिया गया और इस योजना को मूर्तरुप देनेवालों ने कितनी कमीशन खायी। जरा परिमल नथवाणी बतायें कि एक शौचालय बनाने या स्नानागार बनाने में कितने रुपये खर्च होते हैं? अगर ये हमें बतायेंगे तो हमें बहुत ही खुशी होगी।

एक बात और जब हमारी टीम ने आम जनता से इस संबंध में बातचीत की, तब किसी ने भी इस बात को स्वीकार नहीं किया, कि उनका गांव आदर्श ग्राम बन चुका है, न ही किसी ने ये स्वीकार किया कि उनका गांव आदर्श ग्राम बनने की ओर अग्रसर हैं, हां लोग परिमल नथवाणी को जानने लगे है, और किसी भी काम के लिए वे परिमल नथवाणी से ही उम्मीद लगाये बैठे है, हमें लगता है कि सांसद परिमल नथवाणी उनकी उम्मीदों पर अवश्य खड़ा उतरेंगे।