राज सिन्हा ने कहा, सरकार बताएं क्या झारखण्ड इस्लामिक राज्य है कि साइकिल लेने के लिए SC/ST या OBC के विद्यार्थियों से जाति प्रमाण पत्र मांगे जा रहे हैं, और अल्पसंख्यकों से कोई डिमांड ही नहीं

आप रोहिंग्या हो या बांगलादेशी मुसलमान, आपको चिन्ता करने की जरुरत नहीं, अगर आपका बच्चा झारखण्ड के किसी भी सरकारी स्कूल में, आठवीं कक्षा में पढ़ता है, तो बस आपके बच्चे को केवल यह लिखकर देना है कि वो मुसलमान है, बस उसको इतने में साइकिल मिल जायेगी और अगर भूल से भी आप हिन्दू है और उसमें भी अनुसूचित जाति या अनुसूचित जन-जाति या पिछड़ा वर्ग से आते हैं तो आपके बच्चों को तब तक साइकिल नहीं मिलेगी।

जब तक वह सक्षम अधिकारी से अपना जाति प्रमाण पत्र लाकर स्कूल को नहीं दे देता। इस बात का खुलासा भाजपा विधायक राज सिन्हा ने आज झारखण्ड विधानसभा में किया, जब उन्होंने कार्यस्थगन के माध्यम से इस मुद्दे को सदन में उठाने की कोशिश की, पर ये मुद्दा सामान्य मुद्दा भी नहीं बन सका। धनबाद के भाजपा विधायक राज सिन्हा ने इस मुद्दे को झारखण्ड विधानसभा में उठानी चाही और इसको लेकर कार्यस्थगन भी लाया, पर उनके कार्यस्थगन को विधानसभाध्यक्ष ने नामंजूर कर दिया।

राज सिन्हा ने विधानसभाध्यक्ष को पत्र के माध्यम से लिखा था कि वे झारखण्ड विधानसभा की प्रकिया तथा कार्य संचालन के नियम 54 के तहत दिनांक 21 दिसम्बर के लिए कार्यस्थगन की सूचना देते हैं। उन्होंने पत्र में इस बात का जिक्र किया है कि अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं अल्पसंख्यक विभाग के संकल्प संख्या 656 दिनांक 3.3.2021 के द्वारा घोषित झारखण्ड राज्यान्तर्गत सभी सरकारी विद्यालयों के वर्ग -8 में अध्ययनरत अनुसूचित जनजाति/अनुसूचित जाति/अल्पसंख्यक/पिछड़ा वर्ग के छात्र-छात्राओं को नि-शुल्क साइकिल वितरण के लिए आवश्यक अर्हता के अनुसार जहां एक ओर अनुसूचित जनजाति/अनुसूचित जाति/पिछड़ा वर्ग के लाभुक छात्र-छात्राओं को ऑनलाइन निर्गत जाति प्रमाण पत्र संलग्न करना होगा तो दूसरी ओर अल्पसंख्यक समुदाय के लाभुक छात्र-छात्राओं को अल्पसंख्यक होने संबंधी स्वघोषणा पत्र संलग्न करना होगा।

राज सिन्हा ने पत्र के माध्यम से यह लिखा है कि, यह इस्लामिक राज्य नहीं है। इससे बांगलादेशी या रोहिंग्या को भी फायदा मिल सकता है। यह संकल्प हिन्दुओं और मुसलमानों में भेद-भाव बढ़ानेवाला है। अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग के बच्चों का मनोबल इससे गिरेगा। इधर राज सिन्हा ने विद्रोही24 से बातचीत में कहा कि राज्य सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए, अगर जाति प्रमाण पत्र की मांग अनुसूचित जाति/अनुसूचित जन-जाति व पिछड़ा वर्ग के छात्र-छात्राओं से की जा रही हैं तो अल्पसंख्यकों से भी उनके अल्पंसख्यक होने का प्रमाण पत्र मांगा जाना चाहिए, न कि उन्हें सिर्फ स्वघोषणा पत्र से साइकिल दे देना चाहिए, इससे हिन्दू-मुस्लिम छात्र-छात्राओं में वैमनस्यता ही बढ़ेगी।