अपनी बात

“का वर्षा जब कृषि सुखाने” जब करिया मुंडा को सम्मान देना चाहिए तब नहीं दिया और न ही दिलवाया, आज जब जरुरत पड़ी तो…

झारखण्ड में विधानसभा का पहला चरण संपन्न हो गया। पहले चरण के चुनाव ने भाजपा के मूर्धन्य नेताओं के हाथ-पांव फूला दिये हैं। झारखण्ड के मुख्यमंत्री रघुवर दास की भी हालत जमशेदपुर पूर्व विधानसभा सीट पर खराब है, चक्रधरपुर से इनके प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुवा जीत पायेंगे या नहीं, कहा नहीं जा सकता। इधर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की सभा में भी भीड़ नहीं जुट पाती, बेचारे इन दिनों झारखण्ड में चुनावी सभा कर बहुत ही मायूस हो रहे हैं।

जहां खूंटी में आज मोदी की सभा हो रही थी, वहां भी भीड़ कैसे इक्ट्ठी हो, इसके लिए दिमाग लगाने का काम लोगों ने चला रखा था, भाजपा के लोगों ने अच्छी मेहनत की, जिन-जिन इलाकों में चुनाव हो रहे हैं, या चुनाव होने बाकी है, उन्हें चेतावनी जारी की गई, पीएम की सभा है, भीड़ अच्छी हो, इसका प्रबंध किया जाये, उम्मीदवारों ने बड़ी मेहनत की, खूंटी में पीएम मोदी की अच्छी सभा हो गई, लेकिन ये सभा वोट में कन्वर्ट होगी, इसका बेहतर अनुमान राजनीतिक पंडित ही लगा सकते हैं, क्योंकि अब झारखण्ड की जनता राजनीतिज्ञों को बहुत अच्छी तरह पहचान चुकी है।

जरा देखिये, ये इलाका जहां सभा हो रही है, भाजपा के मूर्धन्य नेता करिया मुंडा का इलाका है। पीएम मोदी भाषण दे रहे हैं, सर्वप्रथम अपनी आदत के अनुसार माइक के पास पहुंचकर जनता की ओर देखकर हल्की मुस्कान बिखेरते हैं और जनजातीय भाषा का उपयोग कर सबका अभिवादन स्वीकार करते हैं, और फिर तुरन्त ही भाजपा के वरिष्ठ नेता करिया मुंडा की एक मिनट से भी ज्यादा समय अभिनन्दन करने में लगाते हैं, उस करिया मुंडा की जिसकी खबर आज तक मुख्यमंत्री रघुवर दास ने नहीं ली।

विधानसभा चुनाव के बाद भी आज तक किसी भी राष्ट्रीय स्तर के नेता ने करिया मुंडा के घर जाकर उनसे राजनीतिक हालात पर चर्चा तक नहीं की। गाहे-बगाहे 40 जो स्टार प्रचारकों की सूची बनाई गई, वहां भी उन्हें जैसे-तैसे स्थान दिये गये। यहीं नहीं राज्य के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने भी चुनाव की अधिसूचना जारी होने के बाद सम्पर्क नहीं साधा, यहां तक की जो खूंटी विधानसभा से भाजपा के प्रत्याशी के रुप में ग्रामीण विकास मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा चुनाव लड़ रहे हैं,  आज तक उनके घर जाकर आशीर्वाद लेने की जरुरत नहीं समझी और इधर…

इधर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने करिया मुंडा की सुध ली है। उन्होंने भरी सभा में कहा कि उन्होंने करिया मुंडा की अंगुलियों को पकड़कर संगठन सूत्र सीखा, गांवों में कैसे संगठन को मजबूत किया जाता है, वह सीखा, उनका मार्गदर्शन मिला, ऐसे करिया मुंडा जी के इलाके में आकर उन्हें गर्व महसूस हो रहा हैं, पर सीएम रघुवर दास और उनके ग्रामीण विकास मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा को, करिया मुंडा पर ऐसा गर्व कभी नहीं हुआ, पता नहीं ऐसा गर्व क्यों नहीं हुआ, या जानबूझकर करिया मुंडा को गौण करने की एक बहुत बड़ी साजिश है, नीचे एक फोटो देख लीजिये, करिया मुंडा और सीएम रघुवर दास का चरित्र पता लग जायेगा, एक में विनम्रता तो एक में गर्व का अनुभव साफ दिखता है।

पीएम मोदी की बड़ी गलती

अपने संबोधन के क्रम में महान गांधीवादी टाना भगतों को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने टीना भगत कहकर पुकारा, जो गलत था। शायद किसी ने इस पर ध्यान ही नहीं दिया, या जिन्होंने प्रधानमंत्री की भाषण तैयार की हो, वह उस भाषण में टाना भगतों के लिए शायद टीना शब्द का ही प्रयोग कर दिया हो, काश प्रधानमंत्री जी के भाषण तैयार करनेवालों ने इस पर ध्यान दिया होता, तो इतनी बड़ी गलती नहीं होती।