PM मोदी ने दुमका और बरहेट में चुनावी सभा कर इस बात की स्वयं पोल खोलकर रख दी कि भाजपा हेमन्त से फिलहाल कितनी डरी हुई है

ऐसे तो लोकतंत्र में कोई भी कही भी जाकर चुनाव प्रचार कर सकता है और अपनी पार्टी के पक्ष में जनता से वोट की अपील कर सकता है, पर राजनीति में भी एक मर्यादा होती है, और लोग आम तौर पर उस मर्यादा को निभाते भी है। पूरा झारखण्ड ही नहीं, बल्कि जो झारखण्ड की राजनीति में दिलचस्पी रखते हैं, उन्हें भी पता है कि सत्ता के प्रबल दावेदार एवं भावी मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन दो सीटों दुमका और बरहेट से चुनाव लड़ रहे है, ऐसे में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का दुमका एवं बरहेट में चुनावी सभा इस बात को पुष्ट कर देती है कि वर्तमान में भाजपा हेमन्त सोरेन से कितनी डरी हुई है।

राजनीतिक पंडितों की मानें, तो नरेन्द्र मोदी का इन दोनों जगहों पर चुनावी सभा का आयोजन, और पीएम मोदी का आना, इस बात का भी संकेत है कि पूरी भाजपा हेमन्त सोरेन से भय खा रही हैं, और हेमन्त का मुकाबला करने के लिए फिलहाल भाजपा के पास कोई नहीं हैं, सिवाय पीएम मोदी के।

राजनीतिक पंडित इस बात को भी स्वीकार कर रहे हैं कि पीएम मोदी के दुमका और बरहेट में चुनावी सभा करने से भाजपा को ही नुकसान होगा, क्योंकि फिर इसको लेकर संथाल में भ्रांति की स्थिति उत्पन्न होगी, कि एक हेमन्त को हराने के लिए पीएम मोदी को उतरना पड़ रहा हैं, वो भी दुमका तो दुमका, वे बरहेट भी पहुंच गये। क्या पीएम मोदी इस बात को स्वीकार कर लिये कि उनके झारखण्ड में जो तथाकथित बड़े नेता हैं, वे जनाधारविहीन हैं, उनकी इतनी भी ताकत नही कि संथाल से विधानसभा की एक सीट तक निकाल सकें कि पीएम को अब गली-मुहल्लों के चक्कर काटने पड़ रहे हैं।

राजनीतिक पंडित बताते है कि एक समय था जब पूर्व के प्रधानमंत्री विधानसभा के चुनाव के दौरान एक जिला अथवा वहां के एक महत्वपूर्ण लोकसभा सीट में जाकर चुनावी सभा करते थे और उस चुनावी सभा में उस लोकसभा के सीटों से जुड़े सारे विधानसभा के प्रत्याशी आ जाते और वहां वे परिचय कराकर, भाषण देकर फिर अपने गंतव्य को चले जाते, खुद पीएम मोदी भी खुंटी और डालटनगंज में ऐसा कर चुके हैं, पर संथाल में दुमका और बरहेट दोनों जगहों पर उनकी चुनावी सभा का होना कई सवाल खड़े कर देता हैं।

वह भी इसलिए कि मात्र कुछ महीने पहले लोकसभा के चुनाव हुए हैं, और उसमें इस इलाके में भाजपा को भारी सफलता मिली थी, पर विधानसभा के अब तक हुए चार चरणों के चुनाव की मिल रही रिपोर्ट ने भाजपाइयों के नींद उड़ा दिये हैं, और इधर एक-एक कर उनके हाथों से निकलते राज्य भी इनकी नींद हराम कर दी हैं, ऐसे में संथाल जो झामुमो का गढ़ माना जाता हैं और जहां आज भी हेमन्त सोरेन व शिबू सोरेन का जादू सर चढ़ कर बोल रहा हैं, वहां से क्या परिणाम आयेगा, ये भाजपाइयों को दरअसल पता लग चुका है।

अगर चुनावी सभा में भारी भीड़ ही पैमाना हैं तो आज का पाकुड़ में प्रियंका गांधी और हेमन्त की संयुक्त सभा में पहुंची भीड़ का आकलन कर लीजिये, पीएम मोदी जी आपकी सारी जादुई शक्ति को आपके कुपात्र मुख्यमंत्री रघुवर दास ने धू-धूकर जला दिया हैं, नष्ट कर दिया हैं, इसलिए फिलहाल इस चुनाव में भाजपा के झारखण्ड में सत्तारुढ़ होने का सपना सदा के लिए भूल जाइये, क्योंकि अब आ गई झारखण्ड में, हेमन्त सरकार।