अपनी बात

मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ की जनता ने भाजपा में जताया विश्वास, कांग्रेस भक्त पत्रकारों/एग्जिट पोल करने/करानेवालों की उड़ाई धज्जियां, पीएम मोदी को पनौती कहनेवाले राहुल कांग्रेस के लिए खुद बन गये पनौती

मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ की जनता के जनादेश ने एक तरह से क्लियर कर दिया है कि नरेन्द्र मोदी के सामने विपक्ष में कोई ऐसा नेता नहीं जो वर्तमान में नरेन्द्र मोदी को चुनौती दे सकें। इस जनादेश ने यह भी सिद्ध कर दिया कि कांग्रेस के राहुल गांधी हो या प्रियंका वाड्रा, ये दोनों प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आगे कही नहीं टिकते।

आज के जनादेश ने कांग्रेस भक्त पत्रकारों की भी घिग्घी बंद कर दी, जो उन मीडिया हाउसों और उन मीडिया कर्मियों को मोदी के नाम पर गोदी मीडिया कहकर चिढ़ाते हैं और खुद राहुल के गोद में बैठकर, राहुल गांधी के दाढ़ी में अपना हाथ फेरने से भी नहीं चूकते। आज के जनादेश ने उन इलेक्ट्रानिक मीडिया और उन एग्जिट पोल करनेवाले हाउसों की भी पतलून गीली कर दी जो कल तक राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की प्रचंड बहुमत, कही कांटे का संघर्ष कहकर देश की जनता को भरमाने में लगे थे।

आज का जब नतीजा निकला और सभी प्रदेशों में स्पष्ट जनादेश के परिणाम ने इन सभी के मुंह पर ताला लगा दिया। कल तक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के केवल अहमदाबाद में क्रिकेट मैच देखने पहुंच जाने पर उन्हें पनौती कहकर संबोधित करनेवाले कांग्रेस के बड़े नेता राहुल गांधी को आज राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश की जनता ने ही कांग्रेस के लिए उन्हें पनौती सिद्ध कर दिया।

साथ ही यह भी क्लियर कर दिया कि जब तक राहुल उनके नेता रहेंगे, लोकसभा के चुनाव या हिन्दी पट्टी इलाकों में शायद ही कांग्रेस कुछ कमाल दिखा सकें। स्थिति ऐसी है कि भारत के ज्यादातर राज्यों में भाजपा ने अपनी स्थिति मजबूत कर ली है और कुछ राज्यों में अगर भाजपा नहीं हैं तो उन राज्यों में जो मजबूती है, वो कांग्रेस के कारण नहीं, बल्कि अन्य दलों की मजबूतियों के कारण, जिनमें बिहार, झारखण्ड, बंगाल, केरल, ओड़िशा आदि राज्य प्रमुख है।

कल तक इंडी एलांयस के नाम पर खुद को बेहतर स्थिति में लाने की घोषणा तथा भारत जोड़ों यात्रा के माध्यम से कांग्रेस को और मजबूत करने की मुहिम को इन तीनों राज्यों की जनता ने चकनाचूर कर दिया है। साथ ही उन कांग्रेस भक्त पत्रकारों की भी दुर्दशा कर दी है, जो बिना किन्तु-परन्तु के भाजपा को कोसने में तनिक भी देर नहीं लगाते।

आज वे सारे पत्रकार जो कल तक कांग्रेस की सरकार फिर से राजस्थान में बना रहे थे, छत्तीसगढ़ में तो बघेल की सरकार की जबर्दस्त वापसी का मंगलसूत्र पहनकर स्वयं सुहागिन की तरह कांग्रेस के लिए मंगलगीत गा रहे थे, आज चुनाव परिणाम के दिन किस बिल में घुसे हुए थे, वे दिखाई ही नहीं पड़े। एक चैनल जो विशुद्ध कांग्रेसी चैनल है, जिसका संपादक ही कांग्रेस के कोख से पैदा हुआ है, उसके आज होश उड़े हुए थे। उसका चैनल देखकर लगा, जैसे उसके यहां कोई शोक का वातावरण हो गया हो।

अजीत अंजुम, अभिसार शर्मा, रवीश कुमार, पुण्य प्रसुन्न वाजपेयी, कभी आप के नेता रहे आशुतोष तथा ऐसे कई अन्य पत्रकारों का समूह है, जो नरेन्द्र मोदी को फूटी आंखों देखना पसन्द नहीं करता, जब भी कभी समय आता है, ये लोग मोदी को गरियाने में नहीं चूकते तथा राहुल में उन्हें वो सब कुछ दिखाई पड़ता है, जो वे देखना चाहते हैं।

बुद्धिजीवियों का मानना है कि इसका मूल कारण है, नरेन्द्र मोदी द्वारा उन पत्रकारों की सारी हेकड़ी निकाल देना, जो कभी कांग्रेस के समय पत्रकारिता छोड़कर वो सारा काम करते थे, जो एक पत्रकार को नहीं करना चाहिए, लेकिन नरेन्द्र मोदी जैसे ही प्रधानमंत्री बने, उन्होंने कांग्रेस द्वारा पत्रकारों के लिए बनाई गई अपसंस्कृति को सदा के लिए विराम लगा दिया, जो इन पत्रकारों को नागुजवार लगा।

इसी बीच आम जनता ने इन पत्रकारों से दूरियां बनाई और जो उनके हित में लगा, उन्होंने निर्णय देना शुरु कर दिया। देश की जनता ने उन एग्जिट पोल करने/करानेवालों की भी धज्जियां उड़ाई, जो स्वयं को तीस मारखां समझते थे, जिससे इनकी दुकानदारी पर भी प्रश्नचिह्न लगने की संभावना दिख रही है। साथ ही उन नेताओं के बोल पर भी प्रतिबंध लगानी शुरु कर दी, जिन्हें बोलने की तमीज तक नहीं।

आज के तीन प्रदेशों के नतीजे साफ बता रहे हैं कि कांग्रेस ने अपने चाल-चरित्र में सुधार नहीं लाया तो 2024 में फिर ऐसी स्थिति आ जायेगी, कि जनता इन्हें दुबारा प्रतिपक्ष का नेता बनाने लायक भी सीटें नहीं दे पायेंगी। ये जो सोच रहे है कि कुछ अपने भक्त पत्रकारों के बल पर 2024 में माहौल बना लेंगे तो वे मुगालते में हैं। जो पत्रकार अपना भविष्य नहीं बना सकता, वो किसी पार्टी या देश का भविष्य क्या बनायेगा।

इसलिए कांग्रेस को चाहिए कि वो जनता की नब्ज को समझें। वाहियात संवादों से बचें। सनातन धर्मावलम्बियों के प्रति प्रेम रखें। नरेन्द्र मोदी के विचारों पर अंगूलियां जरुर उठायें पर मोदी विरोध के नाम पर देश का विरोध करने न लग जाये, क्योंकि आज की जनता केवल अखबार नहीं पढ़ती और न ही सिर्फ चैनल देखती हैं। उसके पास अन्य संसाधनों से भी समाचारें छन कर आती हैं, जिस पर वह निर्णय कर लेती है कि आज उनके लिए मोदी अच्छा है या राहुल। जनता ने निर्णय कर दिया कि फिलहाल उसे नरेन्द्र मोदी ही पसन्द है। तभी तो राजस्थान, मध्यप्रदेश व छत्तीसगढ़ में सब कुछ आपके अनुकूल रहने के बावजूद ये तीनों प्रदेश कांग्रेस के हाथों से छिटक गया।

आज के तीन प्रदेशों के आये चुनाव परिणाम निश्चय ही भाजपा नेताओं व कार्यकर्ताओं के लिए टॉनिक का काम करेंगे, साथ ही कांग्रेस भक्त पत्रकारों व उनके लिए छुपकर काम करनेवाले असंख्य लोगों की नींद हराम कर दिये होंगे। आज के चुनाव परिणाम निश्चय ही इंडी एलायंस के उन दलों का मनोबल बढ़ायेंगे, जिन पर दबाब बनाकर कभी कांग्रेस लोकसभा या विधानसभा की सीटें ज्यादा ले लिया करती थी, अब इंडी एलांयस में शामिल विभिन्न दलों के नेता ही कांग्रेसी नेताओं को अपने इलाके में अपना तेवर दिखायेंगे, जो कांग्रेस के लिए घातक सिद्ध होगा।