राजनीति

सुप्रीम कोर्ट द्वारा आसिया को बरी किये जाने के खिलाफ कट्टरपंथियों का 2 नवम्बर को पाकिस्तान बंद

पूरा पाकिस्तान सुलग उठा है। पाकिस्तानियों को आसिया बीबी को हर कीमत पर फांसी चाहिए। आसिया बीबी पर आरोप है कि उसने ईशनिंदा की है, जबकि आसिया बीबी अपने उपर लगे आरोपों को झूठा एवं बेबुनियाद बताती है। बताया जाता है कि आसिया बीबी एक ईसाई महिला है, जो सन् 2009 के जून महीने में कुछ मुस्लिम महिलाओं के साथ काम कर रही थी, तभी उसे खूब जोरों से प्यास लगी, उसने पास के कुएं में रखे एक ग्लास से पानी पी लिया।

फिर क्या था? आसिया बीबी के ऐसा करने से मुस्लिम महिलाएं भड़क गई। उनका कहना था कि उनके रखे गये ग्लास से आसिया पानी कैसे पी सकती है? पानी को लेकर आसिया और मुस्लिम महिलाओं में झगड़ा हो गया और इसी झगड़े में इस्लाम के अपमान करने का आरोप ईसाई महिला आसिया बीबी पर मढ़ दिया गया।

इसके बाद आसिया बीबी का मामला लोअर कोर्ट में गया, जिसमें 2010 में आसिया बीबी को दोषी करार देते हुए उसे फांसी की सजा सुना दी गई, बाद में ये मामला लाहौर हाई कोर्ट पहुंचा, जहां लाहौर हाई कोर्ट ने आसिया बीबी के लिए मौत की सजा को बरकरार रखा।  लाहौर हाई कोर्ट के बाद ये मामला सुप्रीम कोर्ट गया, जहां कल सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि चूंकि अभियोजन अपने मामले को साबित करने में विफल रहे हैं, इसलिए इस मामले में दोष सिद्ध नहीं हो रहे है, अतः अगर इस मामले को छोड़, अन्य मामलों में अगर कोई जरुरत नहीं है, तो आसिया बीबी को तुरन्त रिहा किया जाये।

पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट के साकिब निसार का यह भी कहना था कि इस्लाम में सहिष्णुता उसका मूल सिद्धांत है। इधर पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट ने ईसाई महिला आसिया बीबी को रिहा करने का फैसला सुनाया और उधर कट्टपंथी इस्लामिक संगठनों ने मोर्चा संभाल लिया। मस्जिदों से लोगों को सड़कों पर उतरने को कहा गया।

वहीं पाकिस्तान के 14 इस्लामिक संगठनों ने मिलकर शुक्रवार को देशव्यापी हड़ताल की घोषणा कर दी है। कल के पाकिस्तान बंद को देखते हुए देश के सभी प्राइवेट स्कूलों ने कल स्कूल बंद रखने की घोषणा कर दी है। इसी बीच आज इस्लामाबाद में भीड़ को तीतर-बितर करने लिए पुलिस ने रबर की गोलियों का इस्तेमाल किया, जिसमें तीन प्रदर्शनकारियों के घायल होने के समाचार है।

आसिया बीबी के रिहा करने के समाचार आने के बाद एमएमए ने आठ नवम्बर को मिलियन मार्च की घोषणा की है, एमएमए का कहना है कि यह मिलियन मार्च सुप्रीम कोर्ट द्वारा आसिया बीबी को रिहा करने के आदेश के खिलाफ बुलाया गया है। इधर लॉ एंड आर्डर की खराब स्थितियों को देखते हुए द मिनिस्ट्री ऑफ फेडरेल एजूकेशन एंड प्रोफेशनल ट्रेनिंग ने इस्लामाबाद की सभी एजूकेशनल संस्थाओं को शुक्रवार को बंद रखने का ऐलान कर दिया है।

इसी बीच समाचार यह भी है कि आसिया बीबी के रिहा करने के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एक रिव्यू पीटिशन जल्द ही दायर कर दिया जायेगा, इस पीटिशन को कारी सलम ने तैयार किया है। पाकिस्तान के सूचना मंत्री फवद चौधरी का कहना है कि रिव्यू पीटिशन इस मामले में बेहतर होगा, आसिया बीबी के मामले में हिंसा का सहारा लेना कतई ठीक नहीं।

आसिया बीबी के रिहा करने के आदेश के बाद, जिस प्रकार से पूरे पाकिस्तान में आक्रोश भड़का है, उससे पाकिस्तान सरकार भी सकते में हैं, हालांकि पाकिस्तान सरकार अपनी ओर से सुलग रहे पाकिस्तान को बचाने का भरसक प्रयास कर रही हैं, पर इसमें सफलता मिलेगी ही, कुछ कहा नहीं जा सकता।

फिलहाल पाकिस्तान सरकार का ध्यान, कल के पाकिस्तान बंद को लेकर है, पाकिस्तान सरकार चाहेगी कि कल का दिन शांतिपूर्वक निबट जाये, पर जिस प्रकार इस्लामिक संगठनों ने बंद बुलाई है, और जिस बंद के भय से विभिन्न सामाजिक-शैक्षिक संगठनों ने इस बंद की भयावहता को देख पहले से ही अपने संस्थानों को बंद करने का ऐलान कर दिया, बताता है कि पाकिस्तान में सब कुछ ठीक-ठाक नहीं चल रहा।