राजनीति

रघुवर सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ संपूर्ण विपक्ष का महाजुटान

जब राज्य के सारे मीडिया हाउस मुख्यमंत्री रघुवर दास की चरणवंदना कर रहे हो, जहां राज्य की गरीब जनता अनाज के अभाव में भूख से दम तोड़ रहे हो, जहां किसान आत्महत्या कर रहे हो, जहां गरीब जनता के सपने तिल-तिल कर मर रहे हो, जहां विपक्ष की आवाज को दबाने का भरपूर प्रयास किया जा रहा हो, वहां विपक्ष की राजनीति करना खतरे से खाली नहीं है, फिर भी राज्य की सभी विपक्षी संगठनों एवं जनसंगठनों की एकसाथ जुटान काफी मायने रखती है।

शायद यह जनविरोधी रघुवर सरकार के विकल्प के रुप में भी तैयार हुआ है। इन विपक्षी व जनसंगठनों के जुटान ने इस जनविरोधी रघुवर सरकार के खिलाफ आंदोलन की एक विशेष रणनीति बनाई है, वह रणनीति क्या है? विपक्ष उसे कैसे धारदार बनाने का प्रयास कर रहा है? आखिर इस सरकार के खिलाफ विपक्ष और जनसंगठनों का गुस्सा क्यो हैं?  इस पर हमने बातचीत की, कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता सुबोधकांत सहाय से, सुनिये ये क्या कह रहे है?

झामुमो, झाविमो, कांग्रेस, राजद, भाकपा, माकपा आदि बड़ी पार्टियों और जनसंगठनों का एक साथ, एक स्वर में मिलकर अपनी बातें रखना, राज्य सरकार के लिए खतरे की घंटी है। सभी ने मिलकर सीएनटी-एसपीटी, स्थानीयता सहित जमीन के मुद्दे पर दर्ज केस वापस करने की भी मांग की है। प्रखण्ड एवं प्रमंडल स्तर पर संयुक्त रुप से कार्यक्रम की भी बात हो रही है, संघर्ष का स्वरुप कैसा होगा? इस पर घंटों चर्चा हुई है, जल्द ही राज्य की विभिन्न समस्याओं को लेकर ये लोग संयुक्त रुप से आंदोलन करेंगे, जिसका प्रभाव पूरे राज्य ही नहीं, बल्कि केन्द्र पर भी पड़ेगा?