अपनी बात

पटना में आज के प्रदर्शन पर पुलिस ने भांजी लाठियां, साफ संकेत CM नीतीश ने भाजपाइयों को सबक सिखाया, भाजपाई नहीं सम्हलें तो उनका भगवान मालिक

आज पटना में भाजपाइयों द्वारा किये गये प्रदर्शन और उस प्रदर्शन को रोकने के लिए बिहार पुलिस द्वारा किया गया लाठी चार्ज, इस लाठी चार्ज के दौरान एक भाजपा नेता की मौत व कई भाजपा कार्यकर्ताओं का घायल होना इस बात का संकेत है कि बिहार में आनेवाले समय में होनेवाले लोकसभा व विधानसभा के चुनाव जब कभी होंगे, वे रक्तरंजित होंगे। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसके लिए बंगाल के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की तरह कमर कस ली है तथा इसको लेकर गूढ़ ज्ञान राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री व अपने बड़े भाई लालू प्रसाद यादव से प्राप्त कर लिया है।

जदयू व राजद के नेताओं व कार्यकर्ताओं ने भी इसकी तैयारी अलग से शुरु कर दी है कि जहां भाजपाइयों को देखों, उनका इलाज शुरु कर दो, मतलब ऐसा उनका हाल कर दो कि वो कही खड़े ही न हो सकें, अगर भाजपाइयों ने इन जदयू व राजद के नेताओं के इस घटियास्तर की सोच का सही जवाब देने के लिए तैयारी नहीं की, इनके खिलाफ जनता को नहीं जगाया, तो याद रखिये जैसा कि पहले बिहार में होता था, बिहार जिसके लिए बदनाम था, जिस बदनामी से बिहार को मुक्त कराने के लिए बिहार की जनता ने नीतीश को सत्ता सौंपी थी।

ठीक वैसा ही जंगलराज टाइप का बिहार फिर से बिहार की जनता को लौटाने का संकल्प बिहार के वर्तमान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कर लिया है, उसकी आज बानगी उन्होंने दिखा दी है। आज के बाद भी अगर किसी को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार में एक भद्र इन्सान दिखता है तो उसका भगवान ही मालिक है। इस आज की घटना के बाद भी अगर भाजपा नेताओं व कार्यकर्ताओं की नींद नहीं खुलती हैं तो या तो वे मूर्ख हैं या उन्होंने भी नीतीश कुमार के इस घातक सोच के आगे अपना सिर झूका दिया है।

आखिर आज पटना में ऐसा क्यों हुआ, उसका मूल कारण है महाराष्ट्र में एनसीपी की हुई दुर्दशा के बाद महागठबंधन का छीछालेदर होना तथा पूरे देश में नीतीश कुमार की राजनीतिक छवि का दागदार हो जाना। इस छीछालेदर के बाद नीतीश कुमार भाजपा को सबक सिखाना चाहते थे। उन्हें ज्ञान मिला बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से। बंगाल में हुए पंचायत चुनाव में भाजपा कार्यकर्ताओं पर टीएमसी के गुंडों द्वारा किये गये हमले के बाद पंचायत चुनाव में टीएमसी का जो दबदबा बढ़ा हैं, ठीक उसी स्टाइल को उन्होंने आज अपनाया है। पटना में भाजपा कार्यकर्ताओं व नेताओं को पिटाई कर नीतीश कुमार ने अपने जदयू व राजद के कार्यकर्ताओं का हौसला बुंलद कर दिया है।

उन्होंने भाजपा नेताओं व उनके कार्यकर्ताओं की एक प्रकार से चेतावनी दी है कि अगर राजद व जदयू या महागठबंधन के खिलाफ सड़क पर उतरोगे तो मरने के लिए भी तैयार रहो। आश्चर्य है कि महाराष्ट्र व गुजरात, यहां तक कि बिहार से सटे उत्तर प्रदेश जैसे राज्य में पंचायत स्तर के चुनाव हुए, वहां बंगाल जैसी घटना नहीं घटी, पर बंगाल में खून की नदियां बह गई और इस बंगाल की घटना के बाद नीतीश कुमार इतने खुश हो गये कि उन्होंने आज पटना में भाजपा कार्यकर्ताओं की एक सामान्य से प्रदर्शन पर लाठियां चटकवां दी। लाठियां भी ऐसी चटकवाई कि एक भाजपा नेता ही मर गया। हालांकि इस पर पर्दा डालने का प्रयास भी शुरु कर दिया गया है।

अंत में, नीतीश कुमार को एक बिन मांगे सलाह, दुनिया में कई राजनीतिज्ञ आये और गये। कोई किसी को याद नहीं करता। बिहार में कोई आप पहली बार मुख्यमंत्री नहीं बने, इसके पहले भी कई मुख्यमंत्री लोग बने हैं, आज वे लोग कहां हैं, कितने लोग उन्हें याद करते हैं, पता लगा लीजियेगा। इसलिए आपको ईश्वर ने समय दिया है तो उसका सदुपयोग करें, बिहार का सम्मान बढ़ाइये, जाते-जाते अपना और बिहार का मिट्टी पलीद न करें।

अंत में, महाभारत की कथा है। युधिष्ठिर से यक्ष ने पूछा था कि – कः जीवति? युद्धिष्ठिर ने इसका जवाब दिया था – कीर्तियस्य सः जीवति। आपने अपनी कीर्ति पर जो धब्बा लगाना शुरु किया है, कही ऐसा नहीं कि आपका नाम लेनेवाला भी कोई बिहार में न रहे और बिहार आपके द्वारा लगाये जा रहे धब्बे से कभी उबर न पाये।