अपनी बात

उधर झूठी खबर पर हेमन्त और उनके समर्थकों ने आंखे तरेरी और इधर प्रभात खबर हेमन्त के आगे साष्टांग दंडवत्

जो लोग रांची से प्रकाशित प्रभात खबर के नियमित पाठक हैं, वे कल यानी 6 मार्च का प्रथम पृष्ठ देखे, जहां हेमन्त सोरेन से संबंधित खबर छपी है, और उसके बाद आज यानी 7 मार्च का प्रथम पृष्ठ ठीक उसी जगह देखे, आपको पता लग जायेगा कि प्रभात खबर ने कैसे नेता प्रतिपक्ष हेमन्त सोरेन के आगे साष्टांग दंडवत् कर लिया।

दरअसल कल प्रभात खबर ने एक खबर छापी थी, जिसका हेडिंग था महागठबंधन को झटका, हेमन्त सोरेन ने कहा पहले मरांडी से धोखा खा चुके हैं, इस बार सतर्क हैं इस खबर में यह दर्शाने की कोशिश की गई थी कि महागठबंधन में सब कुछ ठीकठाक नहीं चल रहा, हेमन्त सोरेन ने बाबू लाल मरांडी पर निशाना साधा है। यहीं नहीं दो कदम और आगे बढ़ते हुए इस अखबार ने हेमन्त सोरेन के मुख से कहलवा दिया कि पिछले चुनावों में बाबू लाल मरांडी की नीतियों से जेएमएम ने धोखा खाया है, बारबार वह धोखा नहीं खा सकते, इसलिए इस बार सतर्क है, जैसे ही यह प्रभात खबर में प्रकाशित खबर हेमन्त सोरेन तक पहुंची। हेमन्त सोरेन इस खबर को पढ़कर क्रुद्ध हो गये, तथा इस कपोलकल्पित खबर पर अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए प्रभात खबर के प्रधान संपादक को पत्र लिख डाला।

अपने पत्र में हेमन्त सोरेन ने लिखा है कि वे प्रभात खबर का मुख्य पृष्ठ देखकर दंग है, आज मुख्य पृष्ठ पर पहले मरांडी से धोखा खा चुके हैं, इस बार सतर्क है शीर्षक से छपी खबर पढ़ दंग रह गया। हेमन्त सोरेन का कहना था कि उनके हवाले से छपी ये खबर, सिर्फ निराधार है, बल्कि उनकी बातों को गलत तरीके से छापा गया है। हेमन्त सोरेन का कहना था कि पिछले चुनावों में बाबू लाल जी से तालमेल पर जब कोई चर्चा ही नहीं हुई थी, तो उनसे धोखा खाने का संदर्भ बनता ही नहीं है। बाबू लाल मरांडी उनके अभिभावक सरीखे है। ऐसे में उनके हवाले से, बाबू लाल मरांडी के बारे में खबर छापना दुखद है। उन्होंने इस खबर का खंडन छापने का अखबार से आग्रह किया।

जैसे ही ये पत्र प्रभात खबर के प्रधान संपादक तक पहुंची, प्रभात खबर के प्रधान संपादक ने खबर का खंडन तो नहीं ही छापा, अपना सम्मान और हेमन्त सोरेन का सम्मान दोनों प्रभावित हो, इसके लिए उसने बीच का रास्ता निकाला, तथा आज के दिन प्रथम पृष्ठ पर हेमन्त सोरेन का साक्षात्कार प्रकाशित कर दिया, यानी वो लोकोक्ति हैं सांप भी मर जाये और लाठी भी टूटे ठीक इसी लोकोक्ति के आधार पर प्रभात खबर का सम्मान भी बच जाये और हेमन्त सोरेन का काम भी निकल जाये, के तर्ज पर आज हेमन्त सोरेन की खबर छप गई।

अब सवाल यहां यह है कि हेमन्त सोरेन ने तो खंडन छापने का आग्रह किया था, प्रभात खबर ने तो खंडन छापा ही नहीं, तो क्या हेमन्त सोरेन की नाराजगी खत्म हो गई? ये तो हेमन्त सोरेन ही बतायेंगे, पर इस कांड ने इतना जरुर बता दिया कि अखबार में बैठे लोग कैसेकैसे हथकंडे अपना रहे हैं और महागठबंधन में दरार डालने के लिए प्लानिंग कर रहे हैं, अगर महागठबंधन के नेता ऐसे अखबारों पत्रकारों से स्वयं को नहीं चेते, तो इन सब का बेड़ा गर्क तय है। इधर कल के प्रभात खबर में हेमन्त सोरेन के हवाले से छपी खबर पर झामुमो के कार्यकर्ता और समर्थक प्रभात खबर से नाराज है और सोशल साइट फेसबुक तथा अन्य स्थानों पर प्रभात खबर के खिलाफ अपना गुस्सा प्रकट कर रहे हैं।