‘ए विद्रोही जी, प्लीज दीपक को नजर मत लगाइये, ये ही उन्हें (हेमन्त सोरेन को) 2024 का विधानसभा चुनाव भी पार लगायेंगे’

ये तो वही बात हो गई दीपक प्रकाश जी, चलनी दूसे सुप के जिन्हें बहत्तर छेद। आप जिस मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन को झूठ, लूट और भ्रष्टाचार में लिप्त बता रहे हैं, आप खुद बताइये कि आप या आप ही के पार्टी के कितने नेता चरित्रवान है? कितने नेता गाय के शुद्ध दुध से धूले हैं? अगर हो तो जरा एक का भी नाम बताने का ईमानदारी से कोशिश करिये, हम उस नेता का जन्मकुंडली अपने विद्रोही24 डॉट कॉम में 72 घंटे के अंदर छापने की कोशिश करेंगे।

आपको तो जरुर याद होगा कि आपके ही एक आराध्य नेता बाबू लाल मरांडी जब राज्य के प्रथम मुख्यमंत्री पद को सुशोभित कर रहे थे, तब उस दरम्यान उन्होंने कहा था कि उन्हें राज्य में व्याप्त भ्रष्टाचार को लेकर रात को नींद नहीं आती। अब आप ये बताइये कि 2000-03 के बाबूलाल मरांडी के शासनकाल में खुद तत्कालीन मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी को यह बात क्यों बोलनी पड़ी थी और आप उस वक्त कौन सा पद संभाल रहे थे, आप तो उस समय बाबूलाल मरांडी के नवरत्नों में शामिल थे।

इसलिए श्रीमान् दीपक प्रकाश जी, जिनके घर शीशे के बने हुए होते हैं, वो दूसरों के घर पर पत्थर नहीं फेंका करते, यदि आपको पत्थर फेंकने का बहुत ही शौक हैं तो आप अपने पार्टी के अंदर किसी चरित्रवान नेता को सामने पेश कीजिये और उससे राज्य के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन के खिलाफ सही बयान दिलवाइये, ताकि असर हो, जनता उसकी बातों को गंभीरता से लें, नहीं तो व्हाट्सएप पर अपना बयान जारी करते रहिये, हेमन्त सोरेन को क्या फर्क पड़ता हैं।

ये मत भूलिये दीपक प्रकाश जी, अब तक चार विधानसभा के उपचुनाव हुए, सभी में हेमन्त सरकार की गठबंधन करनेवाली पार्टी ही चुनाव जीती और रामगढ़ के दंगल में भी हेमन्त का गठबंधन आगे चल रहा है। एक बात और, यह भी याद रखिये कि जब से आप प्रदेश अध्यक्ष बने हैं, तब से लेकर जितने भी उपचुनाव हुए, सब में भाजपा हारी है, मतलब आप हेमन्त के लिए शुभ ही शुभ हैं। हेमन्त सोरेन के कई शुभचिन्तक हमसे कहते हैं कि ए विद्रोही जी, प्लीज दीपक प्रकाश को नजर मत लगाइये, ये ही उन्हें (हेमन्त सोरेन को) 2024 का विधानसभा चुनाव पार लगायेंगे।

इधर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष व राज्यसभा सांसद दीपक प्रकाश ने प्रदेश कार्यालय में हेमन्त सरकार के तीन वर्ष पूर्व होने पर संवाददाता सम्मेलन की। संवाददाता सम्मेलन में जमकर उन्होंने अपने स्वभावानुसार हेमन्त सरकार के खिलाफ आक्रोश व्यक्त किया, हालांकि उनके इस आक्रोश पर भाजपा के ही कुछ नेता हंस देते हैं। फिर भी हमें उससे क्या? आइये इस पर भी ध्यान दें कि आखिर दीपक प्रकाश ने हेमन्त सोरेन सरकार के तीन साल होने पर क्या कहा?

दीपक प्रकाश का बयान है कि झारखंड के लिए बड़ी विडंबना है कि राज्य सरकार आकंठ भ्रष्टाचार में डूबी है, झारखंड की कानून व्यवस्था, आर्थिक स्थिति पूरी तरह से चरमरा गई है और राज्य के मुख्यमंत्री झूठ, लूट और भ्रष्टाचार को निर्लज्जता से छुपा रहे हैं। श्री प्रकाश ने झारखंड की हेमन्त सोरेन सरकार के तीन साल पूरे होने पर उनके परफॉर्मेंस पर आरोप पत्र जारी करते हुए कहा कि राज्य की हेमन्त सोरेन की सरकार केंद्र सरकार पर भेदभाव का जो आरोप लगाती है वह सरासर झूठ है। एक तरफ राज्य सरकार ज्यादा राशि खर्च करने का दावा करती है दूसरी ओर कोरोना का रोना भी रोती है। इससे स्पष्ट है कि हेमन्त सरकार ने  जमीन पर कोई काम नहीं की है, केवल झूठ, लूट और भ्रष्टाचार में सरकार लिप्त है, जिसका आरोप जनता सरकार पर लगा रही है।

दीपक प्रकाश का कहना है कि राज्य की हेमन्त सोरेन की सरकार के 34 महीने में कार्यकाल में अपराध के क्षेत्र में एक रिकॉर्ड कायम किया है। राज्य में अपराधियों और नक्सलियों की समानांतर सरकार चल रही है, हत्या, लूट, बलात्कार, अपहरण, चोरी, डकैती, दंगा में प्रदेश अव्वल है। राजधानी के बीचों बीच दिनदहाड़े गोलियां बरसाई जा रही है, अराजक स्थिति है, आम से लेकर खास कोई भी सुरक्षित नहीं है। 34 महीनों के कार्यकाल में कुल 1,78,351 अपराध की घटनाएं, 5258 लोगों की हत्या, 5000 से अधिक बहन/बेटियों के साथ दुष्कर्म और अनाचार, 4485 अपहरण की घटनाएं घटित हुई।

राज्य में ध्वस्त कानून-व्यवस्था के लाभ उठाकर बांग्लादेशी घुसपैठिये झारखंड में प्रवेश कर यहां की डेमोग्राफी को बदलने का काम कर रहे है और उनलोगों को राज्य सरकार का संरक्षण प्राप्त है। श्री प्रकाश ने कहा कि एक समय ऐसा था जब हम सबको अपने आप को बिहारी कहने पर शर्म महसूस होती थी आज राज्य की हेमन्त सोरेन की सरकार ने उसी स्थिति में झारखंड को पहुंचा दिया है जहां अपने आपको झारखंडी कहने पर शर्म महसूस होती है।

श्री प्रकाश ने राज्य की हेमन्त सोरेन की सरकार को युवा विरोधी बताया और कहा कि हेमन्त सोरेन आने घोषणा पत्र में हर साल पांच लाख नौकरी देने का वादा किया था, नौकरी नही देने पर बेरोजगारी भत्ता देने का वादा किया था। हर साल पांच लाख युवाओं को रोजगार नहीं तो संन्यास के वादे हुए। आज सरकार की तीन साल पूरे हो गए और इन तीन साल में मात्र 357 नौकरी ही दे पायी है सरकार। अब हेमन्त सोरेन राज्य के बेरोजगारों को अंडा-मुर्गी बेचने की सलाह दे रहे है।