राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग ने झारखण्ड के पुलिस महानिदेशक व रांची एसएसपी को जारी किया नोटिस

राष्ट्रीय अनूसूचित जनजाति आयोग ने झारखण्ड के पुलिस महानिदेशक व रांची के वरीय पुलिस अधीक्षक को एक नोटिस जारी किया है। जिसमें आयोग ने इन दोनों को सूचित किया है कि रांची के अनगड़ा निवासी शिवलाल बेदिया की ओर से एक शिकायत जो 19 अगस्त को आयोग को जो प्राप्त हुई है, उसे राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग ने भारतीय संविधान के अनुच्छेद 338 ए के तहत प्रद्त्त शक्तियों के अनुसार मामले की जांच करने के लिए स्वीकृत कर लिया है।

अतः इस नोटिस की प्राप्ति के भीतर या तो डाक द्वारा या व्यक्तिगत रुप से या संचार के और किसी माध्यम से इन आरोपों पर की गई कार्रवाई पर सारे तथ्य और जानकारी अधोहस्ताक्षरी को प्रस्तुत करें। इस बात की जानकारी/सूचना शिव लाल बेदिया को भी राष्ट्रीय जनजाति आयोग ने दे दी है।

आयोग ने दोनों को यह भी कहा है कि ध्यान दें कि यदि आयोग को निर्धारित समय के भीतर आपसे उत्तर प्राप्त नहीं होता है, तो आयोग भारत के संविधान के अनुच्छेद 338ए के खंड 8 के तहत दी गई सिविल कोर्ट की शक्तियों का प्रयोग कर सकता है और व्यक्तिगत रूप से पेश होने के लिए या आयोग के समक्ष एक प्रतिनिधि द्वारा सम्मन जारी कर सकता है।

दरअसल ये पूरा मामला भाजपा विधायक दल के नेता बाबू लाल मरांडी के राजनीतिक सलाहकार तथा एक दुष्कर्म मामले में फंसे सुनील तिवारी से जुड़ा है। इस पूरे मामले में राष्ट्रीय जनजाति आयोग क्या फैसले लेता हैं, इसका पूरा प्रभाव सुनील तिवारी के केस पर पड़ना सुनिश्चित है।