वाक्सपोल के एमडी श्री चौधरी करिया मुंडा से मिले, संघ व भाजपा से जुड़े स्मृतियों को किया साझा

आज वाक्सपोल के प्रबंध निदेशक चौधरी जी से 88 वर्षीय पद्मभूषण करिया मुंडा ने अपनी स्मृतियों को संघ और उस समय के जनसंघ में अपने गुरु स्व0 पूर्णानंद जी से आत्मीय सांघिक प्रथम साक्षात्कार के स्मृतियों को साझा किया। उस समय करिया मुण्डा युवा और कुन्दी स्कूल के फॉउंडर शिक्षक थे। साइकिल टूटी हुई, ऊपर चौक आज का भगतसिंह चौक पर, पीछे से एक पुराने वरिष्ठ कांग्रेसी और शिक्षक महानुभाव ने आवाज दिया ओ करिया रुको।

आज के बुजूर्ग और कल के जूनियर कड़िया रुके, पूर्णानन्द का परिचय कराते हुए कहा गर्ग साहब तुम्हारे स्कूल को देखने आए है, अच्छा हुआ मिल गए, सायकिल होटल खपरैल के सामने लगा कर गाड़ी से सभी कुन्दी स्कूल आये, यह गर्ग जी और उनके अर्जुन का पहला परिचय था। फिर शुरू हुआ ओटीसी 15 दिन का प्रशिक्षण।

उन दिनों पूज्य सरसंघचालक गुरु गोलवलकर जी के साथ झरिया धनबाद स्व0 मदनलाल जी अग्रवाल जी के यंहा भोजन पर करिया मुण्डा का संघ के साथ परिचय हुआ। श्री मुण्डा ने स्मृतियों को साझा करते हुए आज  कहा, आज का संगठन स्वरूप के नींव के पत्थर स्व0 गर्ग जी थे, उन दिनों गर्ग जी का आवास सभी संघ की गतिविधियों का बिहार का मुख्यालय था।

मैं जो भी हूँ आज वह पूज्य पूर्णानंद जी गर्ग और उनके परिवार की देन है कि नौ बार सांसद, दो बार विधायक और देश के प्रथम पंक्ति के आज के भाजपा के पुरोधाओं पण्डित दीनदयाल जी, अटल जी, आडवाणी जी, मुरली मनोहर जी के साथ के सहचर रहा, यह सब गर्ग जी देन है। आज भी यह परिवार हमसे जुड़ा हुआ है, यह दैविक सम्बन्ध ही तो है । मैं इसका ऋणी हूँ।

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