राजनीति

साढ़े तीन वर्षों में 11 लाख से अधिक प्रवासी श्रमिक झारखण्ड सुरक्षित वापस लौटे, झारखण्डी श्रमिक अपने अधिकारों को जाने इसके लिए हेमन्त सरकार ने विशेष ट्रेनों में चलाया विशेष अभियान

मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन के निर्देश पर मुंबई, दिल्ली, केरल, बेंगलुरु और जम्मू जाने वाली ट्रेन के जनरल और स्लीपर बोगी के बाहरी और भीतरी हिस्से में श्रमिकों के अधिकार और उन्हें जागरूक करने से सम्बन्धित जानकारी साझा की जा रही है। मुख्यमंत्री द्वारा निर्देश दिया गया है कि प्रवासी मजदूरों के अधिकारों एवं उनके लिए बने योजना का व्यापक प्रचार-प्रसार श्रमिकों द्वारा उपयोग किए जाने वाले ट्रेन के माध्यम से सुनिश्चित कराया जाए।

इसके बाद से हटिया लोकमान्य तिलक सुपरफास्ट एक्सप्रेस, हटिया आनंद विहार स्वर्णजयंती एक्सप्रेस, हटिया बेंगलुरु एक्सप्रेस, धनबाद अलापुजा एक्सप्रेस और संबलपुर जम्मूतवी एक्सप्रेस के जनरल और स्लीपर कोच में श्रमिकों के अधिकार और जागरूकता से संबंधित प्रचार -प्रसार पोस्टर के जरिए किया जा रहा है, ताकि मजदूर अपने अधिकारों और उनके लिए चलाई जा रही योजनाओं को समझ सकें।

श्रमिकों के कल्याण के लिए काम कर रहा राज्य प्रवासी नियंत्रण कक्ष

मुख्यमंत्री की संवेदनशीलता का परिणाम है कि साढ़े तीन वर्ष में 11 लाख से अधिक प्रवासी श्रमिकों की अपने घर सुरक्षित वापसी हुई। ये वापसी सिर्फ देश के विभिन्न राज्यो में फंसे श्रमिकों की ही नहीं, बल्कि विदेशों में फंसे कामगारों की भी हुई। यही नहीं ऐसे सभी श्रमिकों का बकाया पारिश्रमिक का भुगतान भी कराया गया है।

मुख्यमंत्री के निर्देश पर 27 मार्च 2020 को राज्य प्रवासी नियंत्रण कक्ष की स्थापना की गई। राज्य प्रवासी नियंत्रण कक्ष का संचालन राज्य सरकार के श्रम विभाग द्वारा किया जा रहा है। इसके द्वारा श्रमिकों के मदद के लिए महाअभियान पिछले साल शुरू किया गया। इस महाअभियान के माध्यम से नियंत्रण कक्ष ने अब तक लाखों श्रमिकों को मदद पहुंचाई है। राज्य सरकार ने प्रवासी श्रमिकों को ध्यान में रखते हुए एसआरएमआई प्रोजेक्ट की भी शुरुआत की है।

श्रमिकों को जागरूक करने के साथ-साथ मिल रहा योजनाओं का लाभ

श्रम विभाग के श्रमाधान पोर्टल में श्रमिक पंजीकरण व प्रवासी पंजीकरण और उससे प्राप्त होने वाले योजनाओं के लाभ को लेकर प्रत्येक जिलों में श्रम विभाग एवं एसआरएमआई द्वारा पंजीकरण, जागरूकता एवं प्रचार प्रसार किया जा रहा है। जागरूकता कार्यक्रम के अतिरिक्त प्रवासी श्रमिकों का रेस्क्यू, प्रवासी श्रमिकों मृतकों के शव की वापसी, बकाया राशि का भुगतान, आवास योजना, पेंशन योजना, राशन कार्ड आदि लाभों से जोड़ने का कार्य हो रहा है। साथ ही, सुरक्षित और जिम्मेदार प्रवासन की पहल करते हुए सुरक्षित और जिम्मेदार प्रवासन केंद्र विभिन्न जिलों में बनाया गया है।

ठेका श्रमिकों के महंगाई भत्ता में की गई वृद्धि

मुख्यमंत्री के पहल पर ठेका श्रमिकों के महंगाई भत्ता में वृद्धि कर दी है। विभिन्न कैटेगरी के कामगारों की मजदूरी में लगभग सवा दो हजार से लेकर साढ़े तीन हजार रुपये तक की बढ़ोत्तरी की गई है। राज्य सरकार ने ठेका मजदूर नियमावली 1972 के तहत ठेका श्रमिकों की सेवा शर्तों और देय मजदूरी का निर्धारण किया है।

1 अप्रैल, 2023 के प्रभाव से असंगठित मजदूरों के न्यूनतम मजदूरी की दरों पर मंहगाई भत्ता में वृद्धि करते हुए अकुशल श्रेणी के श्रमिकों का दैनिक मजदूरी 346 रूपये किया गया। साथ ही अकुशल श्रेणी के ठेका श्रमिकों के लिए मासिक मजदूरी दिनांक 1 अप्रैल, 2023 के प्रभाव से रूपये 10,792.72 किया गया है।