फिल्म देखकर बनाइये खुद अपनी राय, खुद से कीजिए सवाल-जवाब, जमशेदपुर में नाम्या फाउंडेशन ने भावी पत्रकारों को दिखाई “#TheKashmirFiles”

कश्मीरी पंडितों की त्रासदी को चित्रित करती #TheKashmirFiles”  फिल्म को पूरे देश में लोगों का प्यार मिल रहा है। सिनेमा हॉल हाऊसफुल जा रहे हैं। कई तरह की बातें भी हो रही हैं। भारी प्रशंसा के बीच कुछ आलोचनाएं भी हो रही है। ऐसे में नाम्या फाऊंडेशन की तरफ से अरका जैन यूनिवर्सिटी के पत्रकारिता (मास कम्युनिकेशन) विभाग के छात्रों यानी भावी पत्रकारों को मानगो आईलैक्स में #TheKashmirFiles” का विशेष शो दिखाया गया।

नाम्या फाउंडेशन के संस्थापक सह पूर्व विधायक कुणाल षाड़ंगी ने इसका आयोजन करते हुए कहा कि भावी पत्रकार फिल्म देख कर खुद अपना मंतव्य बनाएं यही फाउंडेशन का उद्देश्य है। कौन क्या कह रहा या किसका क्या एजेंडा है यह न सोचकर बतौर पत्रकार फैक्टस के धरातल पर कसते हुए इसे देखें। कुणाल षाड़ंगी ने कहा कि 32सालों से दबाए गए कश्मीरी पंडितों के नरसंहार के इस मुद्दे की वो दास्तां निर्माता विवेक अग्निहोत्री ने फिल्म के माध्यम से सुनाई जिसे अब तक सुनाया ही नहीं गया। इसके लिए वे बधाई के पात्र हैं।

वहीं फिल्म देखकर बाहर निकले भावी पत्रकारों ने कहा कि फिल्म कश्मीरी पंडितों की उस व्यथा और नरसंहार की कहानी को दर्शाती है जिसे 1990 में मीडिया में भी वह जगह नहीं मिली जिसकी वह हकदार थी और इसलिए आज तक कश्मीरी पंडितों को न्याय नहीं मिल सका। वहीं फिल्म में मीडिया पर उठाए गए सवालों का हवाला देते हुए कुछ छात्रों ने कहा कि आज सोशल मीडिया इतना सशक्त है कि ऐसी घटनाएं आज के दौर में नहीं छुप सकतीं।

कुल मिलाकर भावी पत्रकारों ने कहा कि फिल्म बहुत कुछ सोचने पर मजबूर करती है। फिल्म दिखाती है कि सरकार के दबाव में मीडिया भी सच नहीं दिखा पाती। छात्र छात्राओं ने कहा कि नरसंहार पहले भी हुए हैं मगर उनके बारे में दिखाया गया है, छुपाया नहीं गया। लेकिन कश्मीरी पंडितों के मामले को दबाया गया जिसे निर्माता विवेक अग्निहोत्री ने इसे फिल्म के माध्यम से दिखाने का साहस किया है। भावी पत्रकारों ने फिल्म को लेकर एक स्वर में फिल्म निर्माता विवेक अग्निहोत्री को बधाइयां भी दी।