अपराध

जियो हेमन्त क्योंकि आपने धनबाद पुलिस और यौन शोषण के आरोपी ढुलू दोनों को औकात बता दी

पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास का खासमखास (आप इसे दाहिना हाथ भी कह सकते है), धनबाद पुलिस का कभी कृपापात्र, स्वयं को टाइगर कहलवाने में खुश रहनेवाला, पूर्व में झाविमो और आज भाजपा के नेता बन जानेवाले बाबू लाल मरांडी की अद्भुत खोज, बाघमारा का दबंग भाजपा विधायक, यौन शोषण का आरोपी, जमीन कब्जा करने का आरोपी आदि विशेषणों से युक्त ढुलू महतो आज फरार है, फरार इसलिए कह रहा हूं, क्योंकि पता चला है कि आज बड़ी संख्या में पुलिस उसे गिरफ्तार करने के लिए उसकी चिटाही स्थित आवास तक पहुंची थी, पर वह पुलिस के आने के पहले ही वहां से फरार हो चुका था।

सूत्र बताते है कि दरअसल ढुलू मामले में धनबाद पुलिस एक तीर से दो शिकार करना चाहती थी, वह राज्य की हेमन्त सरकार को बताना चाहती थी कि वह अब कानून व्यवस्था को लेकर सजग है और वह विभिन्न अपराधिक घटनाओं में जो भी लोग लगे हैं,  उन पर दबिश बनाने का काम कर रही हैं।

वहीं दूसरी ओर ढुलू महतो तक यह बात भी पहुंचवा दी कि उसकी (ढुलू की)  गिरफ्तारी के लिए धनबाद पुलिस पर दबिश पड़ रही हैं, ऐसे में कभी भी उसकी (ढुलू की) गिरफ्तारी हो सकती है, इसलिए आप (ढुलू) सतर्क हो जाये, ढुलू सतर्क हो गया और एक तरफ ढुलू की गिरफ्तारी की नौटंकी का यह विशेष शो बिना किसी परिणाम के खत्म हो गया।

बताया जाता है कि जैसे ही पुलिस उसके ठिकाने पर ढुलू को गिरफ्तार करने पहुंची, पुलिस के सामने बड़ी संख्या में महिलाएं नई-नई झाड़ू लेकर खड़ी हो गई, अब सवाल उठता है कि ढुलू को गिरफ्तार करने पुलिस आ रही है, इन महिलाओं को कैसे पता चला और अचानक इन महिलाओं के हाथों में नये-नये झाड़ू कहां से आ गये, इसका जवाब तो धनबाद पुलिस ही बेहतर बता सकती है कि आखिर वह कौन व्यक्ति था, जो गिरफ्तारी की सूचना लीक कर दी।

हालांकि कहने को पुलिस यह भी कह सकती है कि वह भाजपा कतरास मंडल के अध्यक्ष धर्मेन्द्र गुप्ता, अजय साव और बिट्टू चौहान को गिरफ्तार की है, पर ऐसे लोगों को गिरफ्तार करने से क्या फायदा, जब मुख्य आरोपी ही आपके गिरफ्त से बाहर है। सूत्र बताते है कि ढुलू की गिरफ्तारी किसी भी समय हो सकती है, इसकी घोषणा उसी वक्त हो चुकी थी, जब राज्य में रघुवर शासन का सूर्य सदा के लिए अस्त हो गया और हेमन्त सरकार नये सिरे से सत्ता संभाली।

सत्ता संभालने के बाद जिस प्रकार से हेमन्त सोरेन ने राज्य की जनता को विश्वास में लेने का काम शुरु किया है, उसी वक्त ये आशा बंधी थी कि अब ढुलू रुपी टाइगर कभी भी सलाखों के अंदर जा सकता है, क्योंकि ऐसे भी टाइगर या तो जंगल में रहता है या चिड़ियाघर में सलाखों के बीच।

बताया जाता है कि भाजपा विधायक ढुलू के कारनामों से पूरा धनबाद त्रस्त है, वहां का व्यवसायिक वर्ग भी कई बार इसके खिलाफ आंदोलन करने का मूड बनाया। कभी भाजपा नेत्री (आज कांग्रेस नेत्री) ने भी ढुलू पर यौन शोषण का आरोप लगाया, सुरेश महतो ने उस पर मारपीट करने व जमीन हड़पने का आरोप लगाया।

ढुलू के बारे में लोग खुलकर अब कहने लगे है कि उसके खिलाफ जो भी लोग मुंह खोलते हैं, वह उनके खिलाफ झूठे आरोप लगाकर केस दर्ज करवा देता है, जिसके भुक्तभोगी बाघमारा विधानसभा क्षेत्र में एक नहीं, कई लोग है, और यह सब हुआ रघुवर सरकार के कार्यकाल में, क्योंकि राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने ऐसे लोगों का खुब मनोबल बढ़ाया, ये मनोबल क्यों बढ़ाया, सभी जानते हैं।

लोग आश्चर्य कर रहे है कि रघुवर शासनकाल में भी धनबाद के एसएसपी किशोर कौशल थे और हेमन्त के शासनकाल में भी एसएसपी किशोर कौशल ही हैं, ऐसे में ये हो क्या गया कि एसएसपी किशोर कौशल को बाघमारा के दबंग भाजपा विधायक में अपराधी नजर आने लगा, कल तक तो वे ढुलू के इशारों पर ही सारा काम करते थे, जबकि ढुलू के क्रियाकलापों से वहां की सामान्य जनता ही नहीं, बल्कि बुद्धिजीवी वर्ग भी तबाह था।

जिसमें वहां के डाक्टर भी शामिल है, खैर अब जो भी हो, हेमन्त सरकार के आने से एक आशा तो जगी है कि आज नहीं तो कल खुद को टाइगर बतानेवाला ढुलू जेल में जरुर होगा, उस महिला को न्याय अवश्य मिलेगा, जिसने उस पर यौन शोषण का आरोप लगाया। उस व्यक्ति को न्याय जरुर मिलेगा, जिसने ढुलू पर जमीन हड़पने का आरोप लगाया।