लक्ष्मीकांत वाजपेयी का मुट्ठी भींचकर कार्यक्रम को सफल बनाने का संदेश संबंधी संवाद ही बता दिया कि 11 अप्रैल की भाजपा की जनसैलाब प्रदर्शन की हवा निकल चुकी है

भाजपा प्रदेश प्रभारी डा. लक्ष्मीकांत वाजपेयी आज रांची पहुंच गये। वे तीन दिवसीय दौरे पर रांची पहुंचे है। रांची पहुंचते ही वे भाजपा प्रदेश मुख्यालय पहुंचे और वहां भाजपा के प्रदेश स्तरीय नेताओं के साथ बैठकर 11 अप्रैल को होनेवाले प्रदर्शन की तैयारियों का जायजा लिया। विद्रोही24 को लगता है कि तैयारियों की जायजा को देखते हुए तथा स्थानीय नेताओं के चेहरे के रंग को देखकर ही उन्होंने पकड़ लिया होगा कि 11 अप्रैल को होनेवाले भाजपा के प्रदर्शन का क्या हाल होनेवाला है? नहीं तो लक्ष्मीकांत वाजपेयी ये कभी नहीं कहते कि मुट्ठी भींचकर कार्यक्रम को सफल बनाते हुए राज्य की हेमन्त सरकार को अपदस्थ करिये।

झामुमो के लिए भाजपा के प्रदेश प्रभारी का यह बयान निश्चित ही टॉनिक का काम किया होगा। हालांकि भाजपा की जो झारखण्ड में स्थिति हैं, वो सिर्फ मोदी और सिर्फ मोदी की तरफ ही घुमती नजर आती है। सच्चाई यह है कि पीएम मोदी झारखण्ड न आये, तो भाजपा को यहां से एक सीट भी न आये, क्योंकि वर्तमान में भाजपा का प्रदेश स्तर पर बहुत ही बुरा हाल है।

भाजपा प्रदेश कार्यालय में ऐसे लोगों ने मठाधीशी शुरु कर दी हैं, जिनका कोई जनाधार नहीं हैं और जिनका जनाधार है, वो तो ऐसे ही कामयाब है, पर उनकी कोई सुनता नहीं। हालांकि वाजपेयी ने इस दौरान भाजपा के प्रदेश कार्यालय में सदैव उपस्थित रहनेवाले भाजपा के इन निकृष्टतम नेताओं को संबोधित करते हुए कहा कि वे मुट्ठी भींचकर कार्यक्रम को सफल बनाने में लग जाये, पर मुट्ठी भींचना का भी प्रयोग शायद लक्ष्मीकांत वाजपेयी जानते ही होंगे कि यह किन-किन संदर्भों में होता है।

हमें लगता है कि निश्चय ही भाजपा के प्रदेश कार्यालय में जब 11 अप्रैल को प्रदर्शन के बाद मीटिंग होगी तो ये सारे के सारे नेता मुट्ठी भींच रहे होंगे कि आखिर उनका इतना झूठा बवंडर फैलाने के बावजूद भी वे पकड़ में कैसे आ गये, प्रदर्शन फीका क्यों रहा। कमाल है, झारखण्ड के कोने-कोने से भाजपा कार्यकर्ताओं को बुलाने की कोशिश की जा रही हैं, और जहां भाजपा कार्यकर्ता चप्पे-चप्पे पर भरे-पड़े हैं यानी राजधानी रांची में। वहां कोई सुगबुगाहट तक नहीं। मतलब समझ लीजिये कि मुट्ठी भींचने का मुहावरा कहां और कब फिट होने जा रहा है?