राजनीति

झामुमो ने ठोकी ताल, राज्यपाल लिफाफा खोलेंगे कैसे, उन्हें तो ये ही नहीं पता कि दो लिफाफों में से कौन-सा लिफाफा खोलना है?

झारखण्ड मुक्ति मोर्चा के केन्द्रीय महासचिव व प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने भाजपा और राज्य के राज्यपाल रमेश बैस दोनों पर कड़ा प्रहार किया और कहा कि भाजपा की ये पुरानी परम्परा रही है कि झूठ बोलो, जोर से बोलो, बार-बार बोलो। यही भाजपा का मूल मंत्र भी है। विश्व की सबसे बड़ी पार्टी ऑन लाइन जुड़ने से बनता है। जब वही सदस्य कश्मीर में आतंकवादी गतिविधि में पकड़ा जाता है तो कहां जाता है कि ये ऑथेन्टिक नहीं है, ऑनलाइन बनना। मिस्ड कॉल से बन गया है। उसी तरह जब राजस्थान में पकड़ा जाता हैं, तो वो मिस्ड कॉल हो जाता है। भाजपा वाले कह रहे हैं कि गांव में हमारी सरकार चल रही हैं और गांव के लोग कह रहे हैं भागो भाजपा।

सुप्रियो ने कहा कि ये सच्चाई से आंख मोड़ने और वर्तमान समय में मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन की जो कार्य योजनाएं हैं, जो प्रतिबद्धताएं हैं, जो सरकार की लोकप्रियता हैं, वो कही न कही भाजपा के लोगों की हताशा को सामने ला रही है। उन्होंने कहा कि झामुमो भारत के संविधान और संवैधानिक संस्थाओं का सम्मान करती है। लेकिन संवैधानिक संस्थाएं जिस प्रकार से आजकल सरकारी टूल किट बनते जा रही हैं, ये देश के लिए गंभीर समस्याएं बनकर आ रही हैं।

उन्होंने कहा कि पिछले हफ्ते जब सरायकेला खरसावां के एक निजी यूनिवर्सिटी में राज्यपाल रमेश बैस दीक्षांत समारोह में गये, जो पूर्णतः एकेडमिक कार्यक्रम था, उसमें उन्होंने बहुत अच्छी तरह से राजनीतिक बातें भी कहीं, उन्होंने कहा कि लिफाफा मेरे पास हैं, कब खोलना है, ये मैं समझूंगा। चुनाव आयोग कहता है कि हमने लिफाफा भेज दिया है। लेकिन भाजपा फंस गई है कि वहां एक की जगह दो लिफाफा पहुंच गया। अब उन दो लिफाफाओं में से कौन लिफाफा खोलना है, यही राज्यपाल को समझ में नहीं आ रहा। राज्यपाल बोले – मैं खोलूंगा, अरे कौन सा खोलना है? क्योंकि लिफाफा तो सील होकर आया है। इनवेलप एक है। कन्टेन्ट अलग-अलग है। लेकिन उसका जो कॉमन कॉज है, कॉमन जो प्वाइंट है वो प्वाइंट है कि असंवैधानिक वे में झारखण्ड सरकार के बढ़ते कदम को रोको, लेकिन ये डिफाइन कैसे होगा? ये उस पूरे कन्टेन्ट में कहीं नहीं हैं।

सुप्रियो ने कहा कि एक संस्थानों को पर्सनलाइज्ड किया जा रहा है। अभी हाल के दिनों में 2023 में छत्तीसगढ़ में चुनाव होना है। चार साल तक वहां कोई नजर नहीं आ रहा था। अब वहां इलेक्शन डिपार्टमेंट ईडी का नया-नया नाम इलेक्शन डिपार्टमेंट भी है। इलेक्शन ड्यूटी भी। वो वहां पहुंच गये। आईटी पहुंच गया। बिहार में सरकार बदली, सीबीआई का चार्जशीट शुरु हो गया। ईडी पहुंचना शुरु की। आईटी के दफ्तर में रात को बत्ती जलना शुरु हो गया। यहां पर भी शुरु किस चीज पर हुआ था मनरेगा पर। वो मनरेगा कहां चला गया? अब उसमें अखबार में नई-नई चीजें आ रही है। मतलब भाजपा जब-जब हताश हो जाती है तो यही करती है, और उसका स्वीकारोक्ति झामुमो द्वारा नहीं हुआ भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने इस बात को सार्वजनिक रुप से बातचीत में कहा कि हमारे पास ईडी है, आईटी है, सीबीआई है, हमको किसी से डर लगता है क्या?

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन कल इसीलिए आपलोगों से बातें कर रहे थे, उन्होंने भी जोर देकर कहा कि मैं डरनेवाला नहीं हूं, क्योंकि भाजपा के खिलाफ वहीं राजनीतिक संगठन संघर्ष कर सकता है, जो उससे ना डरता हो और जो उससे डर जाता है, उसको भाजपा निगल जाती है। जैसे लोजपा के साथ हुआ। जदयू के साथ नहीं हो पाया। जैसा शिव सेना के साथ हुआ, लेकिन टीएमसी के साथ नहीं हो पाया। उसी तरह झामुमो से भी भाजपा इस कदर डरती है, क्योंकि उनके पास राजनीतिक वसूल अब नहीं रहा। इसलिए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश को राजनीतिक विलाप करना पड़ रहा है। हमलोग कह भी सकते हैं, कि जब सुहाग उजड़ जाता हैं, जब सत्ता चली जाती है, तो उसको विधवा विलाप भी कहते हैं।

सुप्रियो भट्टाचार्य ने ताल ठोककर कहा कि हमलोग तो आज भी कहते है कि जो भी दो लिफाफा है, यदि आपके अंदर में ये हिम्मत है, कि आप संवैधानिक तौर पर जब परास्त हो चुके हैं तो असंवैधानिक कदम उठाने की जो मंशा रखते हैं, उसे असलीजामा पहनाने की कोशिश मत करिये। साढ़े तीन करोड़ जनता इंतजार में बैठी है कि भाजपा को किस तरह जवाब देना हैं। खतियान और आरक्षण के बाद बताइये तो भाजपा का कोई भी एक मूलवासी आदिवासी विधायक गांव घुस पा रहा है। लोग पूछ रहे हैं कि 20 साल तुमने क्या किया? दो-दो आदिवासी मुख्यमंत्री भाजपा ने दिया, सबसे ज्यादा लंबे समय तक भाजपा के आदिवासी मुख्यमंत्रियों का कार्यकाल रहा, लेकिन यहां के मूलवासी-आदिवासी को पहचान नहीं दिला सकें, इसलिए मैं भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष को ये कहना चाहता हूं कि भाजपा इस बात को ठान लें कि एकमात्र रास्ता 2024 का दरवाजा, उस दरवाजे को अभी खोल लें, और बाहर निकल लें, नहीं तो बाहर निकाल दिया जायेगा।