अपराध

पूरे राज्य में ब्लैकमेलर के नाम से कुख्यात न्यूज 11 का मालिक अरुप चटर्जी का मनोबल बढ़ा रही है झारखण्ड पुलिस और हेमन्त सरकार

पूरे झारखण्ड में ब्लैकमेलर के नाम से कुख्यात न्यूज 11 का मालिक अरुप चटर्जी का मनोबल कोई दूसरा नहीं, बल्कि झारखण्ड पुलिस और हेमन्त सरकार बढ़ा रही है, उसे राज्य के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन के आवास पर डायरेक्ट प्रवेश है, वो मुख्यमंत्री का इंटरव्यू लेता है, वो झारखण्ड की जनता को दिखाता है कि उसके मुख्यमंत्री से बहुत ही मधुर संबंध हैं, वो कुछ भी कर सकता है और करा सकता है। राज्य की पुलिस उसे जेल में भेजने के बजाय, उसकी आरती उतारती हैं, सुरक्षा में लगी रहती हैं, वो झारखण्ड पुलिस के तीन बॉडीगार्डों के साथ चलता हुआ, घमंड से ओतप्रोत रहता है, क्योंकि जानता है कि यहां सरकार किसी की हो, वो चैनल के माध्यम से इन छपास के बीमारी से ग्रसित नेताओं को अपनी मुट्ठी में रखेगा और जब ये मुट्ठी में रहेंगे तो राज्य की पुलिस किस खेत की मूली है? वो भी उसका जय-जयकार ही करेगी।

इसीलिये चाहे अर्जुन मुंडा की सरकार हो या रघुवर दास की सरकार हो या हेमन्त सोरेन की सरकार हो, उसे कोई हाथ नहीं लगाता। राज्य का पुलिस महानिदेशक वो चाहे कोई भी हो, सभी उसके साथ जाम से जाम टकराने, प्यार करने-कराने में पूरा समय बीता देते हैं। इसलिए उसकी तूती खूब बोलती है। कभी दो साल पहले रघुवर दास का लाडला बना अरुप चटर्जी फिलहाल वर्तमान मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन का नाक का बाल हो गया है, कोई इसके खिलाफ बोल नहीं सकता।

मुख्यमंत्री के परिक्रमाधारी इसके गुलाम हैं, और इसके इशारे पर किसी के खिलाफ, किसी भी थाने में, झूठा केस हो सकता हैं और पुलिस उस व्यक्ति पर दबाव भी बनाना शुरु कर देती है, जिसमें राज्य के पुलिस महानिदेशक से लेकर छोटा सा अदना केस का आइओ तक सम्मिलित होता है, क्योंकि उसे भारतीय संविधान की फिक्र नहीं होती, फिक्र होती है कि अभी राजा या राजा के परिक्रमाधारियों का क्या आदेश है? हम आपको बता दें कि अभी पूरा झारखण्ड न्यूज 11 के मालिक अरुप चटर्जी के ब्लैकमेलिंग से परेशान है, जिसकी चर्चा राज्य के प्रथम मुख्यमंत्री बाबू लाल मरांडी ने भी की है। उन्होंने इस संबंध में पिछले ही साल केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावडेकर को पत्र भी लिखा था, जिसमें इसके कुकर्मों की चर्चा भी की गई है। आप इसे स्वयं पढ़े, पता लग जायेगा…

प्रिय प्रकाश जावडेकर जी,

झारखण्ड के जमशेदपुर निवासी मनजीत सिंह द्वारा प्राप्त आवेदन को पत्र के साथ संलग्न कर आपको प्रेषित कर रहा हूं, जो एक स्थानीय समाचार चैनल द्वारा झूठी व मनगढंत खबर प्रसारित कर जमशेदपुर स्थित एक प्रतिष्ठित होटल अल्कोर की प्रतिष्ठा को धूमिल करने से संबंधित है। आवेदक एवं जमशेदपुर से आये लोगों ने मुझसे मिलकर आपको दिये गये आवेदन की प्रति मुझे भी उपलब्ध कराई है, एवं घटनाक्रम के बारे में विस्तार पूर्वक बताया है।

आवेदक द्वारा पत्र में उल्लेखित बिन्दुओं को देखकर एवं जो कुछ बताया गया है, उससे ऐसा प्रतीत हो रहा है कि यह अपने आप में एक अनुठा व विचित्र मामला है, जिसकी मिसाल शायद कही और देखने को नहीं मिलेगी। यह मीडिया जगत की विश्वसनीयता से जुड़ा मामला है। आवेदक के मुताबिक 28 अप्रैल 2020 को होटल अल्कोर को बदनाम करने की नीयत से चैनल द्वारा एक वीडियो प्रसारित किया गया। आवेदन के अनुसार यह वीडियो अल्कोर का नहीं है। इनके अनुसार यह वीडियो सोशल साइट्स पर पूर्व से अपलोड 14 अगस्त 2017 और 06 सितम्बर 2016 का पुराना वीडियो है।

जिसे  चैनल द्वारा होटल अल्कोर का बताकर प्रतिष्ठान की छवि को धूमिल करने का प्रयास किया गया। आवेदक ने सोशल साइट्स पर अपलोड पुराने विडियो का लिंक पत्र भी पत्र में दर्शाया है। इस मामले से केवल जमशेदपुर ही नहीं, बल्कि पूरे राज्य के अल्पसंख्यक सिक्ख समुदाय में भारी नाराजगी देखने को मिल रही है। समुदाय के लोगों ने व्यक्तिगत तौर पर मुझसे भी मिलकर तमाम चीजों को विस्तारपूर्वक बतलाया है। अतएव आपसे आग्रह है कि इस मामले की निष्पक्ष जांच एवं कठोर कार्रवाई के लिए आवश्यक निर्देश देने की कृपा की जाय, ताकि सच सामने आ सके और फिर कोई ऐसी पुनरावृत्ति करने के बारे में सोचे भी नहीं।

सादर,

बाबू लाल मरांडी

कभी बाबू लाल मरांडी ने 17 जुलाई 2020 को मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन को भी न्यूज 11 के कुकर्मों को लेकर चिट्ठी लिखी थी, जिसमें  इस बात का जिक्र किया था कि कैसे ये चैनल अल्कोर होटल से संबंधित गलत समाचार प्रसारित कर, पुलिस प्रशासन के माध्यम से दहशत फैलाने की कोशिश की, वहां कारोबारियों को जेल भेजने, होटल को सील करने आदि मे पुलिस ने खुब दिलचस्पी दिखाई। बाबू लाल मरांडी ने इस पत्र को भेजने के क्रम में भुक्तभोगी अल्कोर होटल के मालिक राजीव सिंह दुग्गल की धर्मपत्नी की तरफ से उन्हें भेजे गये एक पत्र की प्रतिलिपि भी उस पत्र के साथ लगा दी थी।

साथ ही बताया था कि किस प्रकार वहां का अल्पसंख्यक सिक्ख समाज इस घटना से दहशत में हैं। बाबू लाल मरांडी ने अपने पत्र में इस बात का भी उल्लेख किया था कि इस मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन करें, तथा इसके माध्यम से इस पूरे प्रकरण की जांच हो। उन्होंने इस पत्र के माध्यम से यह भी कहा था कि वे कौन लोग है, उन्हें चिह्नित करिये, जो राज्य में ब्लैकमेलिंग, भयादोहन और साजिशपूर्ण गोरखधंधा चला रहे हैं। इस पत्र की प्रति अमित खरे, सचिव, केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को सूचनार्थ एवं आवश्यक क्रियार्थ प्रेषित भी की गई है।

ज्ञातव्य है कि कभी 26 अप्रैल 2020 को तत्कालीन प्रमंडलीय आयुक्त वीरेन्द्र भूषण ने न्यूज 11 का हवाला देते हुए उपायुक्त पूर्वी सिंहभूम, वरीय पुलिस अधीक्षक पूर्वी सिंहभूम जमशेदपुर को पत्र लिखा था, जिसमें इस बात का जिक्र था समाचार चैनल न्यूज 11 में दिनांक 25.04.2020 से लगातार दिखाये गये समाचार के अनुसार होटल अल्कोर, जमशेदपुर में शनिवार को लॉकडाउन तोड़ते हुए स्पा, शराब सेवन एवं अन्य आपत्तिजनक गतिविधियों में संलिप्तता के कारण स्थानीय थाना के द्वारा छापामारी कर कुछ व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया था, परन्तु थाना द्वारा गंभीर प्रवृत्ति का केस नहीं बनाकर मामले को हल्का करते हुए लीपा-पोती कर सभी अभियुक्तों को छोड़ दिया गया।

समाचार के अनुसार होटल प्रबंधन द्वारा सीसीटीवी में भी छेड़छाड़ की गई है। इसलिए उपरोक्त मामले में एक वरीय अधिकारी के नेतृत्व में टीम का गठन कर इसकी जांच कराई जाये तथा यथाशीघ्र जांचोपरांत आपदा प्रबंधन अधिनियम के सुसंगत धाराओं के तहत दोषी होटल प्रबंधन एवं ग्राहकों के विरुद्ध विधिसम्मत् कार्रवाई सुनिश्चित कराई जाये। कृत कार्रवाई की सूचना अधोहस्ताक्षरी को भी भेजने की कृपा की जाये।

कभी गोड्डा के सांसद डा. निशिकांत दूबे ने भी न्यूज 11 भारत के मालिक अरुप चटर्जी के खिलाफ ट्विटर में खुलकर लिखा था कि ये कैसा आदमी है, जरा स्वयं पढ़िये, डा. निशिकांत दूबे के शब्दों में… “जिस व्यक्ति पर आधे दर्जन मुकदमें हो, वह पुलिस की नजर में लंबे अरसे से फरार हो, पुलिस अंगरक्षकों की फौज लेकर डंके की चोट पर भयादोहन और ब्लैकमेलिंग करता रहता है। वह रोज पुलिस अफसरों के साथ मिलता जुलता खाता-पीता है। ऐसा झारखण्ड में ही हो सकता है। संदर्भ – अरुप।”

“वो समय भी आयेगा। जब न्यायालय सभी के मोबाइल लोकेशन और सीडीआर मंगाकर देखेगी कि कौन फरार अपराधी किन पुलिस अधिकारियों और नेताओं के सम्पर्क में रहकर ब्लैकमेलिंग गोरखधंधे को बखूबी अंजाम देता रहा है।” डा. निशिकांत दूबे – “केयर विजन म्यूचुअल बेनिफिट्स लिमिटेड को चिंटफंड घोटाले में सितम्बर 2016 में झारखण्ड हाई कोर्ट ने सीबीआई जांच का आदेश दिया, उनसे जुड़े लोगों के उपर खासकर न्यूज 11 के मालिक अरुप चटर्जी के उपर कुर्की जब्ती व वारंट कोर्ट ने जारी कर रखा है, लेकिन चार अंगरक्षकों के साथ मेहमान” “जब गीदड़ की मौत आती है तो वह शहर की ओर भागता है –संदर्भ भगोड़ा अंगरक्षक के साथ।”

वरिष्ठ पत्रकार गुंजन सिन्हा तो अपने सोशल साइट्स पर साफ लिखते है कि एक चैनल का मालिक जिसकी कंपनी मीडिया इलेवन प्राइवेट लिमिटेड अंडर लिक्विडेशन में हैं, वो झारखण्ड में कैसे चैनल चला रही हैं और राज्य सरकार कैसे उसे विज्ञापन देकर, उसका सम्मान बढ़ा रही हैं, या मुख्यमंत्री कैसे उस शख्स को अपना इंटरव्यू दे देता है, उन्हें यह सब देखकर हैरानी और आश्चर्य होता है।

कमाल की बात है, झारखण्ड की पुलिस को मालूम है कि न्यूज चैनल 11 भारत के मालिक का क्या चरित्र है? उसके क्रियाकलाप कैसे हैं? राज्य के कितने थानों में उसके खिलाफ अपराधिक मामले दर्ज हैं?  पर आज तक किसी भी पुलिस महानिदेशक ने उसे जेल के अंदर डालने की कोशिश नहीं की, बल्कि इस बात पर ज्यादा ध्यान दिया कि अरुप चटर्जी को किसी बात की कोई तकलीफ तो नहीं, कई बार कई केस में उसके लिए कुर्की जब्ती के भी आदेश दिये गये, पर किसी ने उसके कुर्की जब्ती तो दूर, उसे छूने तक की कोशिश नहीं की।

आश्चर्य है कि उसकी ब्लैकमेलिंग के शिकार राज्य के कई प्रशासनिक अधिकारी/पुलिस अधिकारी हुए, पर किसी ने उफ्फ तक नहीं की, पर अब मामला पलट रहा हैं, लोग खुलकर बोलने लगे है, अरुप चटर्जी के खिलाफ विपक्ष भी गोलबंद होने लगा है, एक राजनीतिक पंडित ने कह दिया है कि अब अरुप कुछ भी कर लें, उसके दिन लद चुके हैं, आनेवाले समय में किसी की भी सरकार आये, इस व्यक्ति को जेल जाना है, पर हेमन्त सोरेन की सरकार में इसका जेल जाना नामुमकिन है, क्योंकि इस समय उसे खुली छूट मिली हुई हैं, कोई भी इस छूट को देख या महसूस कर सकता है।

राजनीतिक पंडितों का ये भी कहना है धारा के विपरीत चलकर अगर किसी ने इस केस को लेकर सत्य का पक्ष मजबूती से रखा तो वे एकमात्र राजनीतिज्ञ रहे –बाबू लाल मरांडी। जिन्होंने साहस दिखाया और इस ब्लैकमेलर अरुप चटर्जी के खिलाफ आंदोलन खड़ा कर दिया और इसकी काली करतूतों को सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय भारत सरकार तक पहुंचाया, जिसकी जांच अभी जारी है। इसी बीच तीसरा मामला गोड्डा का आ गया, जबकि इस अरुप चटर्जी ने हाल ही में बिना शर्त सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार से गोड्डा सांसद निशिकांत दूबे के खिलाफ झूठी खबर चलाने के मामले में माफी मांगी थी कि वो कुकर्म नहीं करेगा, लेकिन ये अपनी आदत से बाज नहीं आया और फिर ब्लैकमेलिंग शुरु कर दी।

जिसको लेकर एक शख्स ने इसके खिलाफ गोड्डा कोर्ट में मामला दर्ज करा दिया। इसी बीच अल्कोर होटल के मालिक के रिश्तेदार ने अपनी बातें दुबारा भारत सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को संप्रेषित कर मंत्रालय को संज्ञान में लाया है और उदाहरण दिये कि कैसे दिल्ली के एक विजुयल का उपयोग, उनके होटल को बदनाम तथा उन्हें तबाह करने के लिए किया गया, अगर इसकी जांच सही ढंग से हो गई तो दुनिया की कोई ताकत न्यूज 11 के मालिक को जेल जाने से नहीं रोक सकती, क्योंकि इसके पहले एक वार्निंग वह भी शर्तों के साथ भारत सरकार का सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय अरुप चटर्जी को थमा चुका है, अब बस बाबू लाल मरांडी द्वारा किये गये पत्राचार के करिश्मे की बारी है, अगर ये करिश्मा अपना कमाल दिखा दिया तो अरुप का हाल वहीं होना है, यानी गइल गोरकी भइसिया पानी में।