अपनी बात

सावधान, अगर मेरे खिलाफ बोला तो IPRD MEDIA व्हाट्सअपग्रुप से हटवा दूंगा…

एक है – अजय नाथ झा, उप निदेशक, सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग। कहने को तो, इन्हें मुख्यमंत्री रघुवर दास के कार्यक्रमों से संबंधित समाचार को सजा-संवारकर मीडिया तक पहुंचाने के लिए दुमका से रांची बुलाया गया है और यह काम किया है झारखण्ड की मुख्य सचिव राजबाला वर्मा ने, जिनके वे कृपापात्र है। मुख्य सचिव के कृपापात्र होने के कारण ये ध्यान रखते है कि मुख्यमंत्री के समाचार छपने-छपाने में भले ही कोताही हो जाये, पर मुख्य सचिव के समाचार छपने-छपाने में कोई कोताही न बरती जाये। ये अपने ही सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग के प्रधान सचिव की खबरों को आइपीआरडी व्हाट्सअप ग्रुप में नहीं आने देते। वे इस पर विशेष ध्यान भी रखते है, क्योंकि सीएम तो बदले जा सकते है, उन पर कृपा बरसानेवाले प्रशासनिक अधिकारी तो प्रशासनिक अधिकारी ही रहेंगे। यहीं नहीं, वे आइपीआरडी मीडिया व्हाट्सअपग्रुप का भी संचालन करते है, और ध्यान रखते है कि दुमका, देवघर, खूंटी के उपायुक्तों और मुख्यसचिव की खबरें प्रमुखता से इस व्हाट्सअपग्रुप पर चले, जब कोई संवाददाता या पत्रकार उन्हें आइना दिखाने की कोशिश करता है, तो वे हत्थे से बमक जाते है, उन्हें बताने में लग जाते है कि वे क्या है?

इधर कल की ही बात है, www.vidrohi24.com  में आइपीआरडी मीडिया व्हाट्सअप ग्रुप में चल रहे बेसिर-पैर के समाचारों पर सबका ध्यान मैंने आकृष्ट कराया, जिससे वे इतने बमके, कि उन्होंने आनन-फानन में आउटसोर्सिंग के तहत कार्य कर रही प्रतिमा को आइपीआरडी मीडिया व्हाट्सअप ग्रुप का ग्रुप एडमिन बनाया और उस पर दबाव डाला कि प्रतिमा, हमें इस ग्रुप से रिमूव कर दें, बेचारी प्रतिमा क्या करती, उसने अजय नाथ झा के आदेश का पालन कर दिया, और जब मैंने आज आइपीआरडी मीडिया व्हाट्सअप ग्रुप पर स्वयं को देखा तो पाया कि मैं वहां से रिमूव कर दिया गया हूं। अब आप समझिये कि किस प्रकार की मानसिकता के लोग मुख्यमंत्री रघुवर दास के चारो ओर चक्कर लगा रहे है, क्या इस प्रकार की मानसिकता के लोग सीएम का भला कर पायेंगे, या उन आईएएस अधिकारियों का भला कर पायेंगे, जिनकी वे फिलहाल आरती उतारने में लगे है?

पत्रकार का काम है – गड़बड़ियों की ओर ध्यान आकृष्ट कराना, जनता तक या सरकार तक उन बातों को ले जाना, कि कहां क्या गड़बड़ी चल रही है? इससे फायदा यह होता है कि सरकार संभलती है, और जनता निडर होकर सरकार से जवाब मांगने का साहस करती है, पर जब सरकार और उसके अधिकारी ये सोच लें कि उन्हें उनकी मन की बातें ही केवल सुननी है तो फिर अराजकता बढ़ती है। अजय नाथ झा ने जो आइपीआरडी मीडिया व्हाट्सअप ग्रुप से हमें हटाया, ये उनकी मानसिकता को दर्शाता है, पर हम उनके इस कार्य का स्वागत करते है, हम उन्हें और उनके जैसे अधिकारियों को बता देना चाहते है कि मेरा कलम ऐसे लोगों के आगे नहीं झूकेगा, हम लोगों को, जनता को बतायेंगे कि सरकार और उनके अधिकारी सत्ता के लालच में उनका मानमर्दन करने में लगे है, वह भी पूरे दस्तावेज के साथ।