बहरागोड़ा के मास्रा गांव की घटना, कोविड संक्रमित परिवार के साथ ग्रामीणों का अमानवीय व्यवहार, कुणाल के एक ट्विट पर जगा प्रशासन, हुई सख्ती, मिली राहत

कोरोना महामारी के तेज़ी से फ़ैलते संक्रमण के बीच मानवता को झकझोरने वाले मामले भी अब प्रकाश में आ रहे हैं। संक्रमित लोगों की हौसला अफजाई की जगह, चंद लोग उनके साथ उपेक्षित और विभेदपूर्ण आचरण कर रहे हैं। ऐसा ही वाक्या शुक्रवार को पूर्वी सिंहभूम ज़िले के बहरागोड़ा प्रखंड के मास्रा गांव में घटित हुआ।

बहरागोड़ा के मास्रा गाँव में एक परिवार का सदस्य कोविड संक्रमित हुआ। जानकारी मिलने पर स्थानीय लोग उसके साथ विभेदपूर्ण और अमानवीय आचरण करने लगे। संक्रमित व्यक्ति के परिवार को आवश्यक दवाओं और राशन ख़रीदने तक पर अघोषित पाबंदी लगा दी गई। आसपास के लोग सहयोग करने के बजाय विभेदपूर्ण व्यवहार करने लगें।

इस बात की जानकारी उक्त परिवार के सदस्य समीर गिरि ने शुक्रवार देर रात को पूर्व विधायक कुणाल षाड़ंगी को दी, साथ ही उनसे मदद का भी अनुरोध कर डाला। इस मार्मिक अपील को सुनकर कुणाल षाड़ंगी भी भावुक हो उठे। उन्होंने फ़ौरन देर रात लगभग 11 बजे सम्बंधित मामले को अपने ट्विटर हैंडल से उठाते हुए जिला उपायुक्त और वरीय पुलिस अधीक्षक से पीड़ित परिवार तक जरूरी मदद पहुँचाने का आग्रह किया।

चंद मिनटों में ही एसएसपी के स्तर से मिले आदेश के बाद स्थानीय थाना ने सक्रियता दिखाते हुए उक्त गाँव पहुंचीं और आस पड़ोस के लोगों को पीड़ित परिवार का सहयोग करने को कहा। शनिवार की सुबह उपायुक्त सूरज कुमार के निर्देश पर स्थानीय प्रशासन और पुलिस की टीम ने औचक निरीक्षण भी किया। टीम ने पाया कि कोविड संक्रमित परिवार के लोग होम आइसोलेशन में हैं। परिवार ने बताया कि देर रात स्थानीय पुलिस के हस्तक्षेप के बाद से स्थानीय लोग सहयोग कर रहे हैं, अब कोई विभेदपूर्ण व्यवहार नहीं कर रहा।

जाँच टीम के स्तर से प्राप्त सूचनाओं और फ़ोटो को अपने ट्विटर हैंडल से जारी करते हुए जिला उपायुक्त सूरज कुमार ने पूर्व विधायक कुणाल षाड़ंगी को सम्बंधित मामले में जानकारी दी। उपायुक्त ने यह भी लिखा कि प्रशासन हर स्तर पर सहयोग के लिए तैयार हैं। होम आइसोलेशन में रह रहे उक्त परिवार को किसी प्रकार की समस्या होने पर फ़ौरन संपर्क करने को कहा गया है।

इस कार्रवाई पर पूर्व विधायक कुणाल षाड़ंगी ने उपायुक्त सूरज कुमार सहित जमशेदपुर एसएसपी का आभार जताया है। कुणाल षाड़ंगी ने आम जनमानस से आग्रह किया कि महामारी के इस चुनौतीपूर्ण समय को हम एक दूसरे का परस्पर सहयोग कर के ही पार कर सकेंगे। संक्रमित व्यक्ति का मनोबल बढ़ाने की जरूरत है ना कि उन्हें अनावश्यक परेशान किया जाये। भीषण आपदा के दौर से गुजर रहे देश के हर  नागरिक का यह कर्तव्य रहे कि वो राष्ट्रहित में हर संभव सहयोग के लिए तत्पर रहे।

लोगों को यह नहीं भूलना चाहिए कि ये वही कुणाल षाड़ंगी हैं, जिनके पिता को हार्ट अटैक हुआ है, और वे टीएमएच में भर्ती है, यानी अपने पिता की देखभाल करने के साथ-साथ, आम लोगों की भी सेवा कैसे की जाती है, ये कुणाल षाड़ंगी से तो सीखी ही जा सकती हैं। वेलडन कुणाल षाड़ंगी जी, आपके इस मानवीय कार्य के लिए विद्रोही24 की ओर से बहुत-बहुत बधाई।