नये साल में सन्मार्ग प्रबंधन को भविष्य निधि आयुक्त ने दिया करारा झटका, पत्रकार नवल को मिली सफलता

रांची से प्रकाशित सन्मार्ग अखबार के प्रबंधन को नये साल में क्षेत्रीय भविष्य निधि (सी एंड आर)आयुक्त विकास आनन्द ने करारा झटका दिया है। इस करारे झटके से सन्मार्ग प्रबंधन की जहां नींद उड़ गई, वहीं वहां कार्यरत करीब 21 कर्मियों की बल्ले-बल्ले हो गई है, क्योंकि आयुक्त विकास आनन्द ने भविष्य निधि और अन्य मद में बकाये इनके करीब 97.50 लाख रुपये को पन्द्रह दिनों के अंदर जमा करने का नोटिस जारी किया है।

हम आपको बता दें कि जिन 21 कर्मियों को अब इससे लाभ मिलने जा रहा है, इन 21 कर्मियों में से सिर्फ नवल किशोर सिंह ही एकमात्र वरीय संवाददाता थे, जो इसकी लड़ाई लड़ रहे थे, बाकी 20 तो कभी भविष्य निधि संगठन कार्यालय के दरवाजे तक भी नहीं पहुंचे थे और न ही अपने बकाये को लेकर कभी सजग दिखे।

नवल किशोर सिंह तो साफ कहते है कि ये सभी उन बकरियों की तरह, सन्मार्ग कार्यालय में कार्य कर रहे थे, जैसे एक कसाई के घर में बकरे या बकरियां बंधी रहती है, जिसे कसाई समय-समय पर अपनी सुविधानुसार एक-एक कर काटता रहता है, यानी अपने हक के लिए भी इन सन्मार्गकर्मियों ने अपनी आवाज भविष्य निधि संगठन कार्यालय तक नहीं बुलंद की।

नवल किशोर सिंह विद्रोही24 को बताते है कि अगर इनमें से सभी एकस्वर में आवाज बुलंद किये होते तो ये जो आज तीन साल के बाद नोटिस जारी हुआ, ये कब का हो चुका होता, क्योंकि एकता में ही बल है, मुझे इस बात का सदा मलाल रहेगा कि किसी सन्मार्गकर्मियों ने हमारी लड़ाई में साथ नहीं दिया, जबकि आज लाभ की बात आई तो लाभ उन सारे लोगों को मिलेगा जो इस लड़ाई में कही नहीं थे।

सवाल सन्मार्ग प्रबंधन से लड़ाई का भी नहीं था, ये तो अपने वाजिब हक की मांग की बात थी, और जब आप अपने ही वाजिब हक की बात नहीं करेंगे तो फिर दूसरे की लड़ाई आप क्या लड़ेंगे? नवल किशोर सिंह यह भी कहते है कि जब वे इन सबके लिए लड़ाइयां लड़नी शुरु की तो उनका स्थानान्तरण  रांची से पटना कर दिया गया।

मैंने कई बार प्रबंधन से गुहार लगाई, तत्कालीन संपादक बैजनाथ मिश्र से बात की, अपने सहयोगियों को कहा कि इस मुद्दे पर वे प्रबंधन से बात करें, मेरा सहयोग करें, किसी ने साथ नहीं दिया और आज जब भविष्य निधि आयुक्त ने फैसला दिया है तो इसका लाभ सभी लेंगे, क्या जमाना है?

नवल किशोर सिंह ने भविष्य निधि आयुक्त विकास आनन्द द्वारा जारी आदेश की प्रति विद्रोही24 को दिखाते हुए कहा कि ये आदेश की प्रति यह बतलाने के लिए काफी है कि भगवान के घर देर है, अंधेर नहीं, सिर्फ संघर्ष करने की जरुरत है। उन्होंने कहा कि नवम्बर 2014 से लेकर दिसम्बर 2016 तक सन्मार्ग प्रबंधन ने भविष्य निधि व अन्य मद के 97,54,974 रुपये बकाये रखे थे, जिसे जमा करने को कहा गया है, निश्चित ही इतनी बड़ी राशि प्रबंधन जमा करेगा तो सन्मार्गकर्मियों को उसका उचित लाभ भी मिलेगा, जो उनके परिवारों के लिए बेहतर भविष्य का संकेत भी होगा।

साथ ही यह एक संदेश है, उन सारे अखबारों के प्रबंधनों के लिए जो स्वयं को कानून से भी उपर समझकर, अपने यहां कार्यरत कर्मियों का शोषण करते हैं, तथा समझते है कि सत्ता तो उनकी हाथों की मैल है, जब चाहे तब अपने हक में उसे झूकाकर, अपने पक्ष में फैसला ले लेंगे। आज नवल किशोर सिंह खुश है, क्योंकि उन्होंने वो काम किया, जो आज तक रांची में संभव ही नहीं हुआ।

आज पत्रकारों की एक बड़ी जीत हुई, सन्मार्ग प्रंबधन हारा है और वहां कार्यरतकर्मियों की एक बड़ी जीत हुई है। नवल किशोर सिंह बताते है कि सन्मार्ग प्रबंधन ने कई बार ऐसे-ऐसे दस्तावेज भविष्य निधि संगठन को उपलब्ध कराये, जो फर्जी और मनगढ़ंत थे, जिसे भविष्य निधि आयुक्त ने अपने आदेश में जिक्र भी किया है।