बाबा वैद्यनाथ के इलाके में बाबा के भक्त शिबू सोरेन की सिर्फ चलती है, भला उन्हें वहां कौन चुनौती दे सकता है

संथाल परगना बाबा वैद्यनाथ का जगह है, और बाबा वैद्यनाथ की कृपा हमेशा गुरुजी के उपर रही हैं, जिसे पूरा झारखण्ड अपना नेता मानता है, प्यार से बाबा कहकर बुलाता है, भला उन्हें चुनौती कौन दे सकता है? कह दीजिये, भाजपाइयों को कि वे पूरे देश से अपने कार्यकर्ता संथाल परगना में बुला लें, साथ में वे अपना कमंडल और घंटा भी ले आये, उसके बावजूद भी वहां से गुरुजी शिबू सोरेन ही चुनाव जीतेंगे, ये बयान है, झारखण्ड मुक्ति मोर्चा के केन्द्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य का, जो आज रांची में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा मुख्यमंत्री रघुवर दास मानसिक रुप से विचलित हो गये हैं, यहीं कारण है कि वे अनर्गल प्रलाप कर रहे हैं, उन्हें पता लग चुका है कि झारखण्ड से उनका सफाया हो चुका है, इसलिए वे ऐसी हरकतें कर रहे हैं, अगर इतना ही हेमन्त सोरेन गलत है तो पिछले साढ़े चार साल से वे कर क्या रहे थे, कार्रवाई क्यों नहीं कि, शायद यही कारण था कि जब एक पत्रकार ने इसी प्रकार का सवाल मुख्यमंत्री द्वारा आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कल किया, तो सीएम रघुवर को शर्मिंदगी उठानी पड़ी।

उन्होंने कहा कि पिछले सात सीटों पर जहां चुनाव संपन्न हुए, वहां महागठबंधन की भारी सफलता के बाद, अब कोल्हान और कोयलांचल में मतदान है, जहां महागठबंधन बहुत ज्यादा मजबूत है, जहां से भाजपा का सफाया होना तय है, क्योंकि हम वहां बहुत बड़ी सफलता अर्जित करने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि आठ मई को सीएम रघुवर के घर के आंगन में यानी टाटा एग्रिको मैदान में उनके राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की सभा होती है, पांच हजार कुर्सियां लगाई जाती हैं और पांच सौ लोग भी नहीं जुट पाते, सभा नुक्कड़ सभा बनकर रह जाती हैं। यहीं हाल हिरणपुर की है। पूरे संथाल परगना में इनके स्टार प्रचारक सभा करते फिर रहे हैं और इनकी सभा, नुक्कड़ सभा बनकर रह जा रही हैं,  जबकि महागठबंधन की सभा में लोगों का तांता लग जा रहा है।

स्थिति ऐसी है कि सभा में भीड़ नहीं आने के कारण, और नतीजा मालूम हो जाने के कारण ये नित्य नये स्कैंडल कर रहे हैं और ग्लैमर का सहारा ले रहे हैं, भ्रम की स्थिति बना रहे हैं, अनर्गल प्रलाप कर रहे हैं, धर्म के नाम पर लोगों को बांट रहे हैं, फिर भी सफलता नहीं मिल रही, शायद लिट्टीपाड़ा वाली घटना उन्हें नहीं मालूम कि जहां उपचुनाव होने की स्थिति में पूरी कैबिनेट की मीटिंग वहां करा देने के बावजूद जनता ने नकार दिया, जिस लिट्टीपाड़ा में चुनाव को देखते हुए पीएम मोदी को बुलाया गया, वहां तीन साल बीत जाने के बावजूद भी गंगापुल का निर्माण तक प्रारम्भ नहीं किया गया।

सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि आज भाजपा के मुंह से जल, जंगल, जमीन की बातें सुनाई दे रही हैं, पर क्या जनता भूल गई कि इनके लोगों ने गोड्डा में क्या किया और कैसे स्थानीय लोगों को प्रताड़ित कर अडानी को मदद की गई। उन्होंने कहा कि उनके पास इस बात के पुख्ता प्रमाण है कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह जब रांची में सात मई को मौजूद थे, तब उन्होंने यहां के प्रशासनिक अधिकारियों की एक मीटिंग ली, उन्हें दिशा-निर्देश दिये तथा रणनीति बनाई, उस प्रमाण को समय आने पर वे चुनाव आयोग को भी प्रस्तुत करेंगे।