अगर आपको आयुर्वेद पर भरोसा, साथ ही विभिन्न बिमारियों से ग्रसित हैं तो उससे मुक्त होने के लिए वैद्य सुनील कुमार मिश्रा से सम्पर्क करें

रांची के हटिया, सिंह मोड़ के पास सोलंकी चौक पर स्थित है – करकेट्टा कॉम्पलेक्स। यहां है – शौर्य आयुर्वेद। जहां बैठते है वैद्य डा. सुनील कुमार मिश्रा। इस आयुर्वेदिक संस्थान की विशेषता है कि आप किसी भी प्रकार की शारीरिक पुराना या जटिल बिमारियों से क्यों न परेशान हो, गारंटी है कि आपको उससे मुक्ति मिल ही जायेगी।

मैं स्वयं पिछले कई वर्षों से ब्लड प्रेशर, मधुमेह, हाइपरटेंशन, गोखरु, पैर फूलने आदि की बीमारियों से ग्रसित था। अचानक इस प्रकार की बीमारी बढ़ने से मैं परेशान रहने लगा। तभी भाजपा के वरिष्ठ नेता अनुरंजन अशोक से मेरी मुलाकात हुई। उन्होंने वैद्य सुनील कुमार मिश्रा से एक बार मिल लेने की सलाह दी।

चूंकि मैं अंग्रेजी दवा पर आश्रित था, आयुर्वेदिक दवा हमारे शरीर को लाभ देगा या नहीं, इस प्रकार की दुविधा मुझे सता रही थी, पर दिन-प्रतिदिन पैर के फूलने और उससे चलने में हो रही असुविधा से मैं घबरा गया, क्योंकि अंग्रेजी दवा तो मैं ले रहा था, पर उससे कुछ फायदा नजर नहीं आ रहा था।

तभी मैंने अनुरंजन अशोक से कहा कि एक बार वो मेरे साथ वैद्य सुनील कुमार मिश्रा के साथ चले। वे तैयार हो गये। और आज से ठीक तीन महीने पहले हम उनके संस्थान “शौर्य आयुर्वेद” पहुंच गये। उन्होंने एक महीने की पहले दवा दी और कहा देखिये क्या होता है? साथ ही मधुमेह को लेकर एक सलाह दी कि हमें जो भी खाना है, हम खाये, पर मैदा और चीनी को कभी हाथ भी न लगाये।

उनका कहना था कि मैदा और चीनी से बनी कोई भी सामग्री हो, उससे दूरियां बना लें। मैंने उनकी सलाह मानी। दवा लिये और घर पहुंच गये। दवा लेना शुरु किया और अंग्रेजी दवाओं से दूरियां बना ली। पहले तो विश्वास नहीं था, पर एक महीना जैसे बीता, जब मैनें अपना बीपी जांच करवाया तो वो 140/86 निकला, जबकि पूर्व में हमेशा 160/95 रहा करता था, पर मधुमेह की रेण्डम जांच कराई तो 250 निकला।

इस जांच के बाद, मैं फिर उनसे मिला, तब उनका कहना था कि चूंकि अभी शुरुआत है, पूर्व में जो 370-400 रहता था, अब तो थोड़ा नीचे आया, एक दिन ऐसा भी आयेगा कि 140 से नीचे जायेगा। थोड़ा धीरज रखे। दूसरे महीने में जब मैने जांच कराई तो उनकी बात सही निकली।

रेण्डम जांच में ब्लड सुगर की स्थिति 142 थी, यानी दवा धीरे-धीरे काम कर रहा था। लेकिन गोखरु जो हमारे पैर में दो-तीन जगह हो गये थे, वो मुझे चलने नहीं दे रहा था, वैद्य जी ने उसकी भी दवा दी और लीजिये आज स्थिति यह है कि गोखरु सदा के लिए समाप्त, जबकि इसी गोखरु ने मुझे एक साल से तबाह कर रखा था।

जहां-तहां डाक्टरों से दिखाया तो सभी का यही कहना था कि मैं इसका ऑपरेशन करा लूं, पर दिक्कत यह थी कि मधुमेह के कारण डाक्टर ऑपरेशन से भी बच रहे थे, पर यहां तो स्थिति दूसरी हो गई, बिना ऑपरेशन के ही मुझे गोखरु से मुक्ति मिल गई। जो पैर फूला हुआ रहता था, उससे भी निजात मिल गई।

मधुमेह और ब्लडप्रेशर से भी बहुत राहत है। वैद्यजी का कहना है कि हम नियमित दवा लेते रहे, इससे शरीर भी स्वस्थ रहेगा और सारी दिक्कते खत्म हो जायेगी। आप कहेंगे कि ये सब लिखने की आवश्यकता क्यों पड़ गई। आवश्यकता है, क्योंकि अंग्रेजी दवाओं के चक्कर में कई परिवार बर्बाद और दवा का सेवन करनेवाले का शरीर भी बर्बाद होता है।

पर आयुर्वेद से शरीर को बहुत राहत मिलती हैं और रोगों से भी छुटकारा मिलता है, तथा इसका साइड इफेक्ट भी नहीं, वह भी तब जब वैद्य सुनील कुमार मिश्रा जैसे वैद्य के देख-रेख में आप दवा का सेवन कर रहे हो। मैंने देखा कि जिसने भी वैद्य सुनील कुमार मिश्रा को जान लिया।

वे उन्हीं के यहां से दवा का सेवन कर रहे हैं, और लोगों को राहत मिल रही हैं, मैं तो उनको छोड़ ही नहीं सकता। वेलडन, वैद्य सुनील कुमार मिश्रा जी, विद्रोही24 की ओर से मेरा बधाई स्वीकार करें, आप इसी प्रकार आम जनमानस को निरोग बनाये रखिये।