अगर छठ के बाद कोरोना संक्रमण फैला तो भाजपाइयों के खिलाफ साजिशन हत्या का मामला दर्ज होगा

झारखण्ड मुक्ति मोर्चा के केन्द्रीय प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने आज संवाददाता सम्मेलन में पूर्व नगर विकास मंत्री सीपी सिंह को चुनौती देते हुए कहा कि उन्हें छठ के दिन सत्रह घाटों के पानी का कुल्ला करना पड़ेगा? उन्होंने कहा कि भाजपा बताएं कि यदि संक्रमण फैला तो इसका जवाबदेही कौन लेगा? उन्होंने कहा कि अगर स्थितियां बिगड़ी, संक्रमण फैला तो भाजपा के लोग याद कर लें, उनके खिलाफ साजिशन हत्या का मामला दर्ज होगा, क्योंकि इनलोगों ने छठ जैसे महाव्रत को भी मजाक बनाकर रख दिया।

सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि भाजपा ऐसा गंदा खेल बंद करें। धर्म करना है, तो अधर्म का सहारा न लें। उन्होंने कहा कि लोगों ने भाजपा का राम नाम सत्य यात्रा निकाल दी, फिर भी ये चेत नहीं रहे। उन्होंने कहा कि उन्हें मालूम है कि आज हम किस खतरे की ओर बढ़ रहे हैं और ये खतरा उत्पन्न करनेवाले कोई दूसरे नहीं, भाजपा के लोग है।

सुप्रियो ने कहा कि भाजपा के लोग बताये कि बिहार, उत्तरप्रदेश में तो उन्हीं की सरकार है, उन्हीं के लोगों ने गंगा के घाटों पर छठ करने पर प्रतिबंध क्यों लगा रखा है? उन्होंने कहा कि भाजपा के लोग बताएं कि जब बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान जब मुंगेर में प्रतिमा विसर्जन के दौरान गोलियां चली, लाठी बरसाई गई, प्रतिमा को बीच में बैठा दिया गया। उस वक्त सीपी सिंह और दीपक प्रकाश का हिन्दुत्व कहां चला गया था?

सुप्रियो ने कहा, कि वे देखेंगे कि भाजपा के कितने लोग, किन-किन तालाबों में उतरते हैं, कहां-कहां डूबकी लगाते हैं? उन्होंने कहा कि जहां भाजपा के शासन है, वहां तो इनलोगों ने टेस्टिंग ही बंद करवा दिये है, जबकि झारखण्ड के संवेदनशील मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन के नेतृत्व में कोरोनाकाल में सुरक्षित रहा। यहां दिल्ली में हाहाकार है, और ये लोग राज्य को गर्त में ढकेल देना चाहते हैं।

सुप्रियो ने कहा कि इन्हीं के केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्द्धन कोरोना की भयावहता को देखते हुए स्टेटमेंट जारी करते है, कि घाटों में या मंदिरों में भगवान नहीं रहते, उनकी पूजा घर में की जाती है और ये यहां पर घाट की राजनीति कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जल्द ही यहां के भाजपाइयों को पता चल जायेगा कि जीवन के साथ खिलवाड़ करना, ओछी राजनीति करना, कितना बड़ा संकट ला सकता है।

उन्होंने कहा कि भारत सरकार के गाइडलाइन्स थे, इंडियन कौंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च, मिनिस्ट्री ऑफ हेल्थ, गृह विभाग भारत सरकार का दिशा निर्देश था, यहां तक की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अपील है कि जब तक दवा नहीं, तब तक ढिलाई नहीं, और इनलोगों ने अपने नेता के बयानों की ही धज्जियां उड़ा दी।

लेकिन राज्य सरकार ने झारखण्ड की करोड़ों जनता के बेहतर स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए इस बार गाइडलाइन्स जारी की थी, जिसको लेकर भाजपाइयों ने हिन्दुत्व के नाम पर बावेला मचा दिया। उन्होंने कहा कि लोगों के आस्था के साथ जिस प्रकार भाजपाइयों ने खिलवाड़ किया, लोगों की भावनाओं को भड़काया, धर्म को राजनीति से जोड़ा, उसकी जितनी निन्दा की जाय कम है।

उन्होंने कहा कि आज तो दिल्ली हाईकोर्ट ने एक तरह से झारखण्ड सरकार की बातों पर मुहर लगा दी, जिसमें कोर्ट ने कहा कि छठ में सामूहिक रुप से पूजा अर्चना करने पर एहतियात बरतने की जरुरत है। नदियों या जलाशयों में लोगों को नहीं जाना चाहिए, अब इस पर भाजपा के नेता क्या कहेंगे?

उन्होंने कहा कि चिकित्सा संस्थानों ने कहा है, यदि कोई भी कोरोना संक्रमित हो, और अगर जलाशय का प्रयोग करता है, तो उससे संक्रमण फैलने का खतरा है। उन्होंने कहा कि सभी जानते है कि जलाशय में सायं काल का अर्घ्य है, तो सुबह का अर्घ्य भी है। घाटों पर दतवन करने की परम्परा है, चाहे आम का हो या नीम का, इस दौरान कुल्ला करना सामान्य सी बात है, उसमें डूबकी लगाई जाती है, ऐसे मे  सक्रमण का खतरा तो बना ही हुआ है, इसलिए राज्य सरकार ने गाइडलाइन्स जारी किया था, पर यहां तो छठ के नाम पर राजनीति शुरु हो गई।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश के घर में आतिशबाजी हुआ, छठ में आतिशबाजी कहां से हो गई, ये तो पेंडेमिक एक्ट का उल्लंघन है, उन पर मुकदमा होना चाहिए, ये मिठाई खिलाने की क्या बात है, ये कौन सा उत्सव है, सरकार के खिलाफ रांची के विधायक सीपी सिंह बोल रहे थे, मुस्लिम तुष्टिकरण हो रहा है, मुख्यमंत्री उर्स में जाते है। अरे भाई इसी राज्य में मुसलमानों ने तो ईद का नमाज घर में पढ़ा, हिन्दू समाज के लोगो ने रामनवमी का जुलूस नहीं निकाला, दुर्गा पूजा में भी नियमों के साथ लोगों ने पूजा-अर्चना की।

उन्होंने सवालिया अंदाज में पूछा कि तब सीपी सिंह कहां थे, उस वक्त हिन्दुत्व क्यों नही जगा था, जब आदिवासियों ने अपने अखड़ा का जुलूस नहीं निकाला था? उन्होंने कहा कि दुर्गा-पूजा और काली पूजा के दौरान उनका हिन्दुत्व कहां चला गया था? बस हिन्दुत्व केवल छठ पर जगा है।

सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि इन सभी झंझावातों के बावजूद भी, उन्हें खुशी है कि राज्य में एक ऐसा मुख्यमंत्री हैं, जो संवेदनशील है, जो जानता है कि राज्य में कोरोना से कैसे लड़ना है, कैसे बेहतर माहौल में अपने झारखण्ड को रखना है, यहीं कारण है कि उन्होंने एक नई गाइडलाइन जारी की। सुप्रियो ने सभी से कहा कि छठ व्रत मनाएं, पूरी आस्था से मनाएं, पर एहतियात जरुर बरतें, ताकि संक्रमण का खतरा न हो। हो सकें तो कम से कम लोग घाट पर जायें और अच्छा रहेगा कि घर पर ही इस बार छठ मनाएं, क्योंकि अभी अपने परिवारों के जान को बचाना ज्यादा जरुरी है।