सरयू राय महाधिवक्ता की कार्यशैली पर प्रश्न चिह्न उठाएं तो सही और कांग्रेस सवाल करें तो गलत कैसे?

झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के मीडिया प्रभारी राजेश ठाकुर ने महाधिवक्ता एवं प्रवक्ता से सवाल करते हुए पूछा है कि  महाधिवक्ता सरकार के लिए और प्रवक्ता भाजपा के लिए काम कर रहे हैं या किसी निजी कंपनी के लिए काम कर रहे हैं, यह उन्हें स्पष्ट करना चाहिए। चूंकि सरकार के महाधिवक्ता के रूप में अजीत कुमार का अखबार में बयान आना यह दर्शाता है कि इस मामले में उनकी  संलिप्तता है। भाजपा प्रवक्ता के बयान से ऐसा लगता है कि उनके नेताओं की संलिप्तता को किसी ने पकड़ लिया है, जिससे महाधिवक्ता-प्रवक्ता  दोनों ही बौखलाहट में अनाप-शनाप बयान दे रहे हैं।

श्री ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष द्वारा दिए गए बयान पर किसी को कोई ऐतराज है तो उन्हें यह बताना चाहिए कि किस बात पर ऐतराज है, ना कि थोथी बयान बाजी कर, सस्ती लोकप्रियता के लिए डॉ. अजय कुमार जैसे शालीन, ईमानदार और कर्तव्यनिष्ठ व्यक्ति के बारे में अनर्गल आरोप लगाए। वैसे महाधिवक्ता एवं प्रवक्ता की बयानबाजी से लोगों में यह संदेश चला गया कि दाल में कुछ काला है इसलिए दोनों ने त्वरित बयान दिया है, जबकि भुखमरी, नक्सली घटनाएं, दुष्कर्म, हत्या जैसे मामलों पर इनका कभी भी त्वरित बयान आज तक नहीं आया।

श्री ठाकुर ने कहा कि सरकार में शामिल वरिष्ठ मंत्री सरयू राय लगातार महाधिवक्ता एवं सरकार के कार्यशैली पर प्रश्न उठाते रहते हैं, उनके सवाल पर सभी चुप्पी साध लेते हैं। जब सरयू राय जी सवाल उठाते हैं तो महाधिवक्ता को कोर्ट की अवमानना समझ में नहीं आता और जब कांग्रेस अध्यक्ष किसी बात को रखते हैं तो उन्हें कोर्ट का अवमानना बताने में देर नहीं करते।

महाधिवक्ता होने का कतई यह अर्थ नहीं है कि कानून के सर्वज्ञानी हो गए, ज्ञान ऐसी चीज है जो लगातार अर्जित करनी चाहिए, शायद महाधिवक्ता इस बात को भूल गए हैं कि वह सरकार के महाधिवक्ता है ना कि भाजपा के प्रवक्ता। एक पूर्व महाधिवक्ता का बतौर प्रवक्ता, क्या हाल है, पार्टी में किसी से छुपा नहीं है!