राजनीति

हेमन्त ने कहा, युवाओं, किसानों और बेटियों की आह की आग में जलकर रघुवर सरकार राख हो जायेगी

रघुवर शासन के चार साल पूरे होने पर नेता प्रतिपक्ष हेमन्त सोरेन ने अपने आवास पर संवाददाता सम्मेलन कर कहा कि “भय, भूख, भ्रष्टाचार, बेरोजगारी और बलात्कार, यहीं है प्रवासी मुख्यमंत्री रघुवर के चार साल।” नेता प्रतिपक्ष हेमन्त सोरेन ने कहा कि रघुवर दास किस बात के लिए चार साल का गौरव गान गा रहे है, उन्हें समझ नहीं आ रहा। किसानों की कर्ज माफी, मनरेगा, गरीबों के आवास निर्माण, पारा शिक्षकों का सम्मानजनक मानदेय, सड़क, बिजली एवं पानी के लिए सरकार के पास पैसे नहीं हैं, लेकिन विदेश यात्रा, मोमेंटम झारखण्ड, कृषि सम्मिट, विदेशों में रोड शो, महंगे मंच एवं टेंटों पर सरकार पानी की तरह पैसे बहा रही है, क्या ये घटनाएं सरकार के नौटंकी चरित्र को उजागर करने के लिए काफी नहीं हैं, क्या इस रघुवर सर्कस ने झारखण्ड को चार सालों में तबाह नहीं किया?

हेमन्त सोरेन ने कहा कि मुख्यमंत्री रघुवर दास ने पिछले चार सालों में अपने चेहरे को बिजली के खम्भों पर लटकवाने में जितनी राशि खर्च की है, उतना तो सरकार के कई विभागों का बजट भी नहीं है, उन्होंने चार सालों में लगभग 325 करोड़ रुपये चेहरे चमकाने पर खर्च कर दिये। वे कहते है कि पर्यटन को बढ़ावा देना है, मुख्यमंत्री बताएं कि उन्होंने पर्यटन के विकास के लिए कितने बजट का प्रावधान किया है, हकीकत खुद-ब-खुद सामने आ जायेगी। हेमन्त सोरेन ने कहा कि उन्हें लगता है कि जैसे ही लोग सीएम का चेहरा देखेंगे, झारखण्ड का पर्यटक स्थल समझ लेंगे, क्योंकि उनका चेहरा ही झारखण्ड की सांस्कृतिक धरोहर है।

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि इनके सुशासन की कहानी तो और भी अलग है, निविदा घोटाला करनेवाले ठेकेदारों, माफियाओं, बिल्डर्स, रंगदारों एवं दलालों को सरकारी सुरक्षा प्राप्त है और ये सभी झारखण्ड पुलिस के वरीय अधिकारियों के चहेते है, वहीं दूसरी ओर फर्जी मुठभेड़ों में निर्दोषों एवं गरीबों की हत्याएं हो रही है, बकोरिया की घटना उसका प्रत्यक्ष उदाहरण है। बेटियां बलात्कार और अत्याचार की शिकार हो रही है, राजधानी में सरेआम लूट और हत्या को अंजाम दिया जा रहा है। जल, जंगल एवं जमीन की लड़ाइयां लड़नेवालों पर गोलियां बरसाई जा रही हैं, उन्हें झूठे मुकदमें में फंसाया जा रहा है, भू-माफियाओं को पुलिस एवं सरकार दोनों का संरक्षण प्राप्त है, जो रघुवर सरकार के चार साल की कहानी को बयां कर रही है।

उन्होंने कहा कि पूरे प्रशासनिक महकमे को पूंजीपतियों की सेवा एवं किसानों की जमीन लूटने की जिम्मेदारी सौंप दी गई है, विगत चार सालों में अरबों रुपये की जमीन जिस प्रकार कौड़ी के मूल्य में उद्योग के नाम पर पूंजीपतियों को दिये गये, इसका जवाब जनता मांगेगी, जिम्मेदार अफसरों को इसका जवाब देने के लिए तैयार रहना होगा।

हेमन्त सोरेन ने कहा कि मुख्यमंत्री लगातार अपने व्यक्तिगत हस्तक्षेप से भ्रष्ट अधिकारियों को संरक्षण दे रहे हैं, तथा जनसंवाद में गाली-गलौज का तमाशा कर रहे हैं। हेमन्त ने कहा कि उन्हें पक्की जानकारी है कि सरकार के वरीय आइएएस अधिकारियों के विरुद्ध सीबीआई की संचिका मुख्यमंत्री स्तर पर पिछले एक साल से लंबित है, आज तक उस पर निर्णय क्यों नहीं लिया गया?  कंबल घोटाले पर जिम्मेवार अफसरों पर आज तक कार्रवाई क्यों नहीं हुई? सीएजी रिपोर्ट निविदा घोटाले की बात आने के बावजूद आज तक कार्रवाई क्यों नहीं हुई?  दरअसल ये सरकार ही घोटालेबाजों की है।

सरकार बताएं कि किसके कहने पर शराब की बिक्री सरकारी स्तर पर शुरु की गई, जिसके कारण राज्य को 600 करोड़ रुपये का नुकसान हो गया, आखिर इस मामले में सरकार कार्रवाई करने से क्यों चूक रही है, दरअसल इस लूट में में राज्य के दास रघुवर की भी उतनी ही हिस्सेदारी है और इसी लूट के हिस्से के लिए, राज्य के दास के घर के आंगन में बंदूकें तन रही हैं, जिसकी जानकारी सभी को है, लेकिन सभी मौन है।

हेमन्त सोरेन ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि अपने शासन के चार साल पूरे होने के दौरान सीएम रघुवर दास ने दुबई की सड़कों पर रोजगार के लिए भीख मांगा, यह सरकार की विफलता के साथ-साथ एक साजिश भी है। राज्य का मूलवासी और आदिवासी अब नौकरी करने दुबई जायेगा और छत्तीसगढ़ के युवा झारखण्ड में नौकरी पायेंगे। मूलवासी-आदिवासी को शराब पिलाओ, उसे राज्य से भगाओं तथा उसके जमीन और रोजगार पर बाहरियों का कब्जा दिलाऔ, यहीं सरकार की साजिश है।

हेमन्त सोरेन ने कहा कि जब रघुवर दास मुख्यमंत्री बने, तब राज्य में बेरोजगारी दर लगभग 7.6 प्रतिशत था, लेकिन आज यह लगभग 11 प्रतिशत हो गया, जनता चीख रही है, रोजगार दो और जनाब दुबई, लॉसवेगास और चाइना घुम रहे हैं।

हेमन्त सोरेन ने साफ कहा कि कई विश्वसनीय रिपोर्ट बता रहे है कि झारखण्ड चार सालों में रसातल में चला गया। एनसीएइआर का रिपोर्ट है कि झारखण्ड निवेशकों की पसंदीदा राज्यों की सूची में 21 राज्यों में से नीचे से दूसरे स्थान पर है, यह सबसे खराब है। मोमेंटम झारखण्ड तो घोटाले का एक बहुत बड़ा पिटारा है। पब्लिक एफेयर सेन्टर का 2018 का रिपोर्ट है कि सुशासन में झारखण्ड 30 राज्यों की सूची में 28 वें स्थान पर है। झारखण्ड पुलिस खुद कह रही है कि 2018 में हर माह सौ से ज्यादा रेप और हत्या के केस दर्ज हुए हैं। कई रेप और हत्या के मामले तो दर्ज ही नहीं हुए। आकड़े बता रहे हैं कि चार सालों में प्रवासी छत्तीसगढ़ी मुख्यमंत्री ने झारखण्ड को सिर्फ और सिर्फ लूटा है, और अपने साथ दिल्ली में बैठे आकाओं की भी थैली भरी है। अगले साल चुनाव में भाजपा की झारखण्ड में छत्तीसगढ़ से भी बुरी हार होगी। युवाओं का आक्रोश, किसानों की आह और बेटियों की धिक्कार की आग में इनकी सरकार राख हो जायेगी।