CNT और SPT एक्ट को सख्ती से बहाल करेगी हेमन्त सरकार, वर्षों बाद सदन में पं. नेहरु का गूंजा नाम

पं. जवाहरलाल नेहरु ने कहा था “आप दिवार के चित्रों को बदलकर इतिहास के तथ्यों को नहीं बदल सकते।” सरकार भारत की गरिमामयी विरासत का सम्मान करते हुए कल्याणकारी राज्य की अवधारणा के अनुरुप जनहित के नए इतिहास रचेगी। यानी यह एक वाक्य हेमन्त सरकार के दृष्टिकोण को स्पष्ट कर के रख दी, इसमें देश के प्रथम प्रधानमंत्री पं. जवाहर लाल नेहरु के वक्तव्य तो है ही, साथ ही संविधान के प्रस्तावना का सार भी दिख जा रहा है। यह बातें आज झारखण्ड विधानसभा को संबोधित करते हुए झारखण्ड की राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने कही।

राज्यपाल ने सदन को संबोधित करते हुए आगे कहा कि झारखण्ड विधानसभा के वेश्म में भावी झारखण्ड के उदात्त परम्पराओं की नींव रखे जाने का यह अविस्मरणीय पल है। उन्हें विश्वास है कि यह विधानसभा आप सभी के माध्यम से राज्य के सर्वांगीण विकास के लिए गरिमामय और गौरवपूर्ण का साक्षी बनेगा। यह सदन अपने विधायी कार्यों से झारखण्ड को प्रगति के शिखर तक ले जायेगी।

राज्यपाल ने कहा कि परिवर्तन के साथ निरन्तरता लोकतांत्रिक व्यवस्था का मूल स्वभाव है। लोकतंत्र में जन-प्रतिनिधि, जन-आकांक्षाओं की अभिव्यक्ति के प्रतीक होते है। पंचम विधान सभा के शांतिपूर्ण चुनाव प्रक्रिया की समाप्ति के बाद राज्य में एक स्थिर सरकार का गठन हुआ है। यह सरकार झारखण्ड की मूल चेतना के साथ समावेशी विकास का ध्येय लेकर आगे बढ़ेगी। बिना किसी द्वेष के वंचितों को विशेष महत्व देने के मानवीय सोच के साथ सबको उचित अधिकार, सबको सुरक्षा और हर द्वार तक समृद्धि पहुंचाने को प्रतिबद्ध है। यह सरकार एक व्यापक दृष्टिबोध के साथ समाज के सभी वंचितों, दलितों, आदिवासियों एवं गरीबों की खुशहाली के लिए संकल्पित है।  

राज्यपाल ने कहा कि यह सरकार शहीदों के त्याग और बलिदान को हृदय में आत्मसात करते हुए द्वेष, घृणा, अहंकार, प्रतिशोध से दूर रहने का प्रण लेकर कार्य करेगी। झारखण्डी अस्मिता को केंद्र में रखकर सजग, तत्पर, स्वच्छ, पारदर्शी और संवेदनशील प्रशासन के माध्यम से राज्य को प्रगति के उच्च शिखर पर ले जाने के लिए संकल्पित है।

उन्होंने कहा कि युवाओं को रोजगार, किसानों को हर संभव सहायता, महिलाओं का सशक्तिकरण, दलितों और आदिवासियों के संवैधानिक अधिकारों एवं सुरक्षा कवचों की रक्षा, भूमिहीनों को भूमि, खेतिहर मजदूरों को सहायता तथा दुर्भावना आधारित कानूनी उलझनों से दलितों, आदिवासियों, अल्पसंख्यकों एवं गरीबों को मुक्ति देना  सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में शामिल होगा।

उन्होंने कहा कि यह सरकार का यह दृढ़ विश्वास है कि युवाओं की भागीदारी के बिना राज्य का विकास संभव नहीं है। अतः राज्य के विकास में युवाओं की भागीदारी को बढ़ाने के लिए उन्हें प्रत्यक्ष रोजगार दिए जाने की आवश्यकता है। इसके लिए राज्य सरकार के अंतर्गत विभिन्न विभागों तथा राज्य के विभिन्न जिला, अनुमंडल, प्रखंड स्तर तथा पंचायत स्तर में लंबे समय से चली आ रही रिक्तियों को चरणबद्ध रूप में भरना सरकार की प्राथमिकता है।

उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार महिलाओं के स्वावलंबन, सम्मान और सुरक्षा से संबंधित विषयों के विभिन्न पहलुओं की समीक्षा करेगी और महिलाओं के अधिकार सम्मत समाधानों के लिए पहल करेगी। राज्य के किसान और खेतिहर मजदूर अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं। वर्तमान सरकार इनके चेहरे पर मुस्कुराहट लाने के लिए संकल्पित है। किसानों को उनके मुख्य फसल के साथ सब्जियों के उत्पादन के लिए उनके लागत को ध्यान में रखते हुए न्यूनतम समर्थन मूल्य दिया जाएगा।

कृषि उत्पादों को प्रखण्ड स्तर पर सुरक्षित रखना और उन्हें कृषि संयंत्र उपलब्ध कराना  प्राथमिकता रहेगी। किसानों की जमीन सुरक्षित रहेगी। किसानों को प्रखण्ड स्तर पर ही प्रशिक्षण दिया जाएगा। मनरेगा के तहत मानव दिवस की संख्या भी बढ़ायी जाएगी ताकि गैर कृषि समय में खेतिहर मजदूरों को रोजगार के अवसर में कमी न रहे।

उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार आदिवासियों, दलितों, गरीबों, पिछड़ों और अल्पसंख्यकों के कल्याण के प्रति समर्पित रहेगी। आदिवासी आबादी को ट्राइबल सब प्लान का केंद्र बनाते हुए उनका विकास और कल्याण किया जायेगा। झारखण्ड में आदिवासियों की पारम्परिक स्वशासन व्यवस्था को और मजबूत करते हुए आदिवासियों के हितों की रक्षा के लिए बनाये गए CNT और SPT एक्ट को सख्ती से बहाल रखा जाएगा। हमारी सरकार भारतीय वन कानून एवं वनाधिकार कानून के आदिवासी हितोन्मुख स्वरूप को अक्षुण्ण बनाये रखेगी।

जल, जंगल और जमीन झारखण्ड की मूल पहचान है। जंगलों में रहने वाले हमारे आदिवासी और मूलवासी भाई-बहनों को संपूर्ण अधिकार दिया जाएगा। वर्तमान सरकार जल के व्यापक संकट को दूर करने के लिए पुराने जलाशयों का पुनर्निर्माण और पुनरुद्धार कर उनकी सफाई और संरक्षण करते हुए उन्हें अतिक्रमण और प्रदूषण से मुक्त रखा जाएगा। राज्य हित में जल, जंगल, जमीन के संरक्षण, संवर्धन और विकास को केंद्र में रखते हुए पूर्व के कुछ बांध और अन्य सिंचाई परियोजनाओं की पुनर्समीक्षा की जाएगी। वन उत्पादों और उस पर आधारित लघु और कुटीर उद्योगों को विशेष महत्व दिया जाएगा। वंचितों और विस्थापितों के पुनर्वास को लेकर सरकार नीति बनाएगी।

वर्तमान सरकार के लिए शिक्षा की धुरी गुणवत्ता होगी। सरकारी विद्यालायों को सभी आधुनिक सुविधाओं के साथ निजी एवं अंग्रेजी माध्यम के विद्यालयों से बेहतर बनाते हुए गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा उपलब्ध करायी जायेगी। विद्यालयों में समस्त सुविधाओं के साथ कम्प्यूटर शिक्षण भी शुरू किया जाएगा। छात्रों को प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी के लिए कोचिंग संस्थान की सुविधा भी दी जाएगी। क्षेत्रीय भाषाओं केे संरक्षण और प्रसार पर जोर दिया जाएगा। जलवायु परिवर्तन, यातायात प्रबन्धन आदि विषयों को स्कूली शिक्षा में सम्मिलित किया जाएगा। उच्चतर शिक्षा के लिए स्थानीय युवाओं को आर्थिक मदद दी जाएगी। युवाओं को शिक्षित कर हुनरमंद बनाकर रोजगार से जोड़ना महत्वपूर्ण ध्येय रहेगा।

वर्तमान सरकार राज्य के सभी नागरिकों को बेहतर स्वास्थ्य सेवा मिले यह सुनिश्चित करेगी। हमारी अधिकांश जनता गांव में रहती है, इसलिए सबसे पहले  प्राथमिक और उप स्वास्थ्य केन्द्रों को सुदृढ़ किया जाएगा। वहां दवाएं और चिकित्सकों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी। एम्बुलेंस और ममता वाहन, समस्त राज्य की जनता के पहुंच में हो, यह भी सुनिश्चित किया जाएगा।

शहरी क्षेत्रों की झुग्गी-झोपड़ियों में रह रहे लोगों पर सरकार विशेष ध्यान देगी। इनके लिए पेयजल, बिजली, स्वास्थ्य, शिक्षा और सड़क के साथ आवास उपलब्ध कराए जाएंगे। समाज के मध्यम वर्ग को आवास, शिक्षा, चिकित्सा और अन्य नगरीय सुविधाओं से आच्छादित किया जाएगा।

यह सरकार झारखण्ड के ऐतिहासिक, धार्मिक तथा प्राकृतिक महत्व के स्थानों को प्रमुख पर्यटन केन्द्रों के रूप में विकसित करेगी। साथ ही, इस बात का ध्यान रखेगी कि इन पर्यटन स्थलों पर आवासीय सुविधाएं सस्ती तथा आम लोगों की पहुंच में रहें। एक विस्तृत कार्ययोजना बनाकर इन पर्यटन केन्द्रों में अच्छी अधोसंरचना का विकास तथा पर्यटन केन्द्रों में अच्छी अधोसंरचना का विकास तथा पर्यटकों की सुविधा बढ़ायी जाएगी। साथ ही वन क्षेत्र में Eco Tourism को बढ़ावा दिया जाएगा। सरकार की मान्यता है कि ये पर्यटन स्थल स्थानीय आबादी के सहयोग द्वारा ही सुरक्षित रह पाते हैं, यहाँ पर्यटकों का आगमन बढ़ने का लाभ स्थानीय लोगो को ही मिलना चाहिए।

राज्य के सभी पर्यटक केन्द्रों का विकास कर स्थानीय युवाओं को रोजगार से जोड़ना सरकार की प्राथमिकता रहेगी। इससे स्थानीय युवाओं को रोजगार मिलेगा, वे आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बन सकेंगे। पर्यटक केन्द्रों के विकास और उन्नयन से राज्य को राजस्व की प्राप्ति होगी, जो राज्य के विकास में सहायक होगा। झारखण्ड के शहीदों के गांवों का भी पर्यटन की दृष्टि से विकास किया जाएगा और वहां की बुनियादी सुविधाओं को भी विकसित किया जाएगा। खूंटी के उलिहातू और साहेबगंज के भोगनाडीह से इसकी शुरूआत होगी।

वर्तमान सरकार एक ऐसी उद्योग नीति की पक्षधर है जिसमें झारखण्ड के स्थानीय युवाओं को अधिक से अधिक रोजगार मिले। इसके लिए सुरक्षित और भयमुक्त वातावरण उपलब्ध होगा। हमारी सरकार घरेलू और लघु उद्योगों को प्रोत्साहित करेगी। इसकी शुरूआत के लिए लाइसेंस और अनापत्ति प्रमाण पत्र की बाध्यता दूर की जाएगी।

वर्तमान सरकार सभी समुदायों और सभी धर्मों को सम्मान और अधिकार के साथ रहने की पक्षधर है। धर्मनिरपेक्षता और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को संरक्षित करने के उद्देश्य से भीड़ की हिंसा के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी। हिन्दी सहित राज्य में बोली जाने वाली सभी भाषाओं के सर्वांगीण विकास हेतु अकादमी के गठन तथा उसके प्रभावी कार्यान्वयन पर कार्रवाई की जायेगी।

राज्य की प्रशासनिक व्यवस्था को और अधिक जवाबदेह, पारदर्शी और प्रभावी बनाया जाएगा। पुलिस बिना किसी दबाव के निर्भीक और निष्पक्ष होकर अपने कर्तव्यों का निर्वहन करे यह सुनिश्चित किया जाएगा। वर्तमान सरकार अधिवक्ताओं के हितों की रक्षा के लिए नीति बनाएगी। सरकारी कर्मियों, पुलिस कर्मियों, शिक्षकों, अनुबंधकर्मियों, आंगनबाड़ी कर्मियों के हितों का भी ध्यान रखेगी।

झारखण्ड में खेल-कूद के विकास की असीम संभावनायें है। खेल नीति को खेल और खिलाड़ियों के हितों के अनुरूप बनाया जाएगा। खेल एवं खिलाड़ियों को बढ़ावा देना सरकार का लक्ष्य है। वर्तमान सरकार जन-सुविधाओं में प्रौद्योगिकी-सम्मत उपायों को प्रोत्साहित करेगी जिससे कि सेवाओं और सुविधाओं की अदायगी समयबद्ध रूप हो सकेगी एवं इसमें पूर्ण पारदर्शिता भी आयेगी। साथ ही यह भ्रष्टाचार को समाप्त करने में सहायक होगा।

वर्तमान सरकार किसी पूर्वाग्रह और द्वेष की भावना से परे रहते हुए पिछली सरकारों के अच्छे कार्यों को भी आगे ले जाएगी। हमारी सरकार धरातल पर कार्य को उतारकर वंचितों, गरीबों, दलितों, आदिवासियों के चेहरे पर सम्मान का भाव, खुशहाली और मुस्कुराहट लाएगी।  

राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने अंत में कहा कि उन्हें पूरा यकीन है कि पंचम विधान सभा के सभी सत्र अपनी अभिव्यक्ति, कार्यों, विधायी दायित्वों और उच्च आदर्शों के निर्वहन में पूरे देश के सामने लोकतंत्र के मर्यादा-पथ का अनुकरणीय आदर्श सामने रखेगी। उन्होंने सभी नवनिर्वाचित विधायकों को बधाई देते हुए, आशा व्यक्त किया कि सब साथ मिलकर नए झारखण्ड के निर्माण में अपनी सक्रिय भागीदारी और जिम्मेवारी का निर्वहन करते हुए एक सुखी, समृद्ध एवं उन्नत झारखंड के निर्माण के लिए पूरी निष्ठा से कार्य करेंगे।