अपनी बात

अच्छी पहल: मतदान केन्द्रों पर उपलब्ध जरूरी न्यूनतम सुविधाओं के सोशल आडिट का निर्णय, सामाजिक अंकेक्षण के आधार पर हर बूथ पर किसी भी कमी या गैप को किया जाएगा दूर

मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के. रवि कुमार के पहल पर आगामी लोकसभा आम चुनाव, 2024 हेतु राज्य के सभी मतदान केन्द्रों पर जरूरी न्यूनतम सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने की कवायद शुरू कर दी गयी है। दरअसल वर्तमान में झारखंड राज्य के मतदान केंद्रों में जरूरी न्यूनतम सुविधाओं की स्थिति क्या है, इसको लेकर सोशल ऑडिट स्टेट यूनिट की मदद से थर्ड पार्टी सामाजिक अंकेक्षण कराए जाने का निर्णय लिया गया है।

देश में संभवतः यह पहला अवसर है जब निर्वाचन विषयों को लेकर स्वतन्त्र सामाजिक अंकेक्षण करवाया जा रहा हो। इस पहल को लेकर सीईओ के. रवि कुमार ने कहा कि निर्वाचन आयोग का हमेशा से निर्देश रहा है कि मतदान के दिन मतदान केंद्रों पर न केवल सभी जरूरी न्यूनतम सुविधाएं उपलब्ध हों बल्कि इन सभी केंद्रों पर त्यौहार जैसा माहौल हो। इसलिए निष्पक्ष सामाजिक अंकेक्षण करवाने का निर्णय लिया गया है ताकि मतदान केंद्रों की वास्तविक स्थिति की रिपोर्ट मिल सके। रिपोर्ट के आधार पर यदि कोई अंतराल पाया गया तो बूथों पर आवश्यक सुविधाओं को ससमय दुरुस्त और बेहतर किया जाएगा।

अंकेक्षण में भाग लेने वाले सर्वेक्षकों का एकदिवसीय प्रशिक्षण

धुर्वा स्थित निर्वाचन कार्यालय के सभागार में राज्य सोशल ऑडिट यूनिट के सर्वेक्षकों का एकदिवसीय प्रशिक्षण करवाया गया। इस प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य था कि अंकेक्षण करने जिलों में जा रहे इन सर्वेक्षकों को निर्वाचन आयोग द्वारा मतदान केंद्रों पर अपेक्षित न्यूनतम जरूरी सुविधाओं तथा इससे जुड़े प्रावधानों की जानकारी मिल सके। इस प्रशिक्षण में सोशल आडिट टीम से जुड़े राज्य के सभी जिलों के सर्वेयर मौजूद रहे।

बताया गया कि उक्त सामाजिक अंकेक्षण का कार्य आगामी फरवरी माह में पूर्ण हो जाएगा। इसके बाद किसी भी अंतराल या कमी को एक माह के अंदर पूर्ण कर लिए जाने की योजना है। इस अवसर पर मुख्य निर्वाचन कार्यालय के ओएसडी गीता चौबे, अवर सचिव देवदास दत्ता, उप निर्वाचन पदाधिकारी (मुख्यालय) संजय कुमार, अवर निर्वाचन पदाधिकारी सुनील कुमार सिंह, प्रशाखा पदाधिकारी धीरज कुमार तथा सोशल ऑडिट यूनिट के समन्वयक हलधर महतो सहित राज्य में सामाजिक अंकेक्षण हेतु गठित टीम के सभी सदस्य मौजूद थे।