फिर गरजे सरयू, पार्टी कार्यालय निर्माण में कमीशन खानेवाले भाजपा नेताओं को “दूध की मक्खी” का दर्जा दे डाला

लीजिये, सरयू राय ने आज फिर दहाड़ा है। इस दहाड़ में भाजपा नेताओं को एक तरह से उन्होंने सबक भी दी है। उन्होंने भाजपा झारखण्ड को संबोधित करते हुए कहा है कि भाजपा के नेता उनके अनाम ट्विट को अपने उपर न लें, बल्कि जो दूध में मक्खी हैं, उसे निकालने का प्रयास करें, क्योंकि ऐसे नेता दूध में पड़ी हुई मक्खी है, जिसके कारण दूध ग्राह्य नहीं होता।

उनके टिव्ट में साफ लिखा है कि यह पद के मद में की गई कारस्तानी के मद में की गई कारस्तानी का बखान है, जाहिर है कि आज से डेढ़ साल पहले तक पद के मद में कौन चूर था, किसकी कारस्तानी के कारण झारखण्ड की जनता तबाह थी, यहां तक की पार्टी के कार्यकर्ता तक तबाह थे, स्थिति ये थी कि पार्टी के अदंर ही एक नारा चलता था – चुपेचाप चचा साफ और लीजिये चचा साफ हो गये।

वे कौन थे, जो इस पद के मद में डूबे व्यक्ति के अंह को चरम पर ले गये और इस स्थिति में लाकर पटक दिया कि आज वो विधानसभा का चुनाव क्या, वे नगरपालिका का चुनाव भी जीतने की स्थिति में नहीं हैं, पूरा पॉलिटिकल कैरियर उनका तबाह हो गया, चले थे सरयू राय का राजनीतिक कैरियर तबाह करने और सरयू ने उनका ही राजनैतिक कैरियर सदा के लिए तबाह कर दिया।

अगर सरयू राय ने कल और आज ट्विट की है, तो उसमें निश्चय ही सच्चाई है, क्योंकि अभी किसी नेता ने इस पर खुलकर बात नहीं की, जिन नेताओं ने की भी हैं तो वे इस स्थिति में नहीं है कि उनकी बातों को वेट दिया जा सकें, ये तो अभी अपना ही राजनैतिक कैरियर बनाने में लगे है, कि कही से कोई कृपा बरस जाये और उनका भी जीवन सदा के लिए सेट हो जाये।

ऐसे में सरयू राय द्वारा किये गये इस दूसरे टिव्ट पर ध्यान दिया जाये, तो एक तरह से क्लियर है कि भाजपा के दिग्गज नेताओं ने अपनी कद इस तरह घटा ली है कि जनाब अपने ही पार्टी के कार्यालय निर्माण में अपने ही पार्टी के बड़े नेताओं के साथ धोखाधड़ी करते हैं, 1000-1200  वर्ग फीट की जगह अपना ही घर बनाने के लिए 2500 वर्ग फीट के रेट पर भुगतान प्राप्त करते हैं। ऐसे में सरयू राय ने भाजपा के उन नेताओं के लिए दूध की मक्खी शब्द का प्रयोग किया तो क्या गलत है?

लीजिये फिर से सरयू राय का ये ट्विट पढ़िये और मजे लीजिये…

“मेरे अनाम ट्विट को भाजपा झारखण्ड अपने उपर न ले। यह पद के मद में की गई कारस्तानी का बखान है। न केवल भवनों का एरिया बढ़ाकर दिखाया, बल्कि निर्माण का रेट भी दोगुना लिया। 1000-1200 की जगह अपना ही घर बनाने के लिये 2500 वर्ग फीट के रेट पर भुगतान लिया। दूध में मक्खी है ये, चाहे जिसके भी हो।”