गरजे हेमन्त, अगर भाजपाई खनन को छोड़ पर्यटन पर ध्यान देते तो राज्य में नक्सलियों की धमक नहीं, बल्कि सैलानियों के ठहाके सुनाई देते
हेमन्त सरकार ने आज एक वर्ष पूरे कर ली। एक वर्ष पूरे होने के अवसर पर विद्रोही24 ने राज्य के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन से सम्पर्क किया और उनसे विभिन्न विषयों पर बातचीत की, उन्होंने इसी बातचीत के क्रम में साफ कहा कि, अगर भाजपा की पूर्व की सरकारें राज्य में ईमानदारी से खनन का मोह छोड़कर, पर्यटन पर ध्यान देती तो इस राज्य में नक्सलियों की गोलियों की आवाजों की जगह सैलानियों के ठहाके सुनाई देते।
पूर्व की सरकारों ने राज्य में पर्यटन उद्योग को ही नष्ट कर दिया
उन्होंने कहा कि यही कारण है कि राज्य में उनकी सरकार ने कुछ नया सोचा है, अपने राज्य के युवाओं व भविष्य को देखते हुए नई पर्यटन नीति, नई खेल नीति, नई उद्योग नीति, नई शिक्षा नीति, नई कृषि नीति को तैयार करने की सोची है, क्योंकि इन बहुआयामी व्यवस्थाओं से ही झारखण्ड को बेहतर दिशा में ले जाया जा सकता है, क्योंकि पूर्व की सरकारों ने जो राज्य की प्राकृतिक सौंदर्य हैं, उस पर ध्यान ही नहीं दिया, बल्कि उसे तबाह करने में ज्यादा समय लगा दिया, जिसका परिणाम यह है कि राज्य में पर्यटन जहां उद्योग का रुप ले सकता था, आज पर्यटन का यहां नामोनिशां तक नहीं।
उन्होंने कहा कि इसके पूर्व भी मैं मुख्यमंत्री बना था, पर वहां थोड़ा सा का कार्यकल दरअसल 20-20 मैच था, और आज वे सीरीज खेलने की स्थिति में हैं, हम माइलस्टोन बनाने में काम कर रहे हैं, ताकी आनेवाली पीढ़ी और भविष्य दोनों सुरक्षित रहे। इसके लिए उन्होंने ब्लू प्रिंट तैयार कर लिया है, दरअसल यह सच्चाई है कि कोविड 19 के कारण 2020 में हम एक कदम नहीं चल सकें, अब हमने पहला कदम बढ़ाया है, निश्चय ही उसका लाभ यहां के नागरिकों को मिलेगा, इसमें कोई किन्तु-परन्तु नहीं।
अगर केन्द्र हमें अपने लोगों को कोविड 19 से बचाने के प्रयासों पर रोक लगाती, तो हम कानून का उल्लंघन करने से भी नहीं चूकते
राज्य में कोविड 19 को लेकर उपजी स्थिति पर उन्होंने साफ कहा कि जब कोविड 19 का झारखण्ड में आगमन हुआ, उस वक्त किसी को इसके प्रभाव का अंदाजा नहीं था, उस वक्त हम अपने लोगों के टेस्टिंग कराने की स्थिति में नहीं थे, बाहर के राज्यों में हमें टेस्टिंग कराने के लिए मजबूर थे, पर देखते ही देखते हमनें प्रखंडों से लेकर जिलास्तर और बड़े पैमाने पर राज्य में ही टेस्टिंग कराना शुरु किया।
पचास लाख से अधिक लोगों को टेस्टिंग कराये गये। दृढ़संकल्पित होकर हमने मृत्यु दर पर रोक लगाई, रिकवरी टेस्ट में प्रथम स्थान पर राज्य को ले जाने की कोशिश की, जब देश के अन्य राज्य अपने लोगों को दूसरे राज्यों से बुलाने की स्थिति में नहीं थे, मैंने संकल्प किया कि मैं अपने लोगों को बुलाउंगा, और बुलाया भी। सच पूछिये तो अगर केन्द्र सरकार हमें ऐसा करने से रोकती तो हम कानून का उल्लंघन करने से भी खुद को नहीं रोक पाते।
उन्होंने कहा कि एक कोरोना और दूसरा लोगों को घर में रहने का आदेश, ऐसे में तो राज्यवासी भूखे मर जाते, उन्होंने तुरन्त सभी विभागों को आदेश दिया कि राज्य में एक भी व्यक्ति भूखा न रहें, इसके लिए प्रबंध हो, और उन्हें खुशी है कि उस दौरान एक भी व्यक्ति की भूख से मौत नहीं हुई, नहीं तो दूसरे राज्यों की क्या स्थिति थी, वो किसी से छुपा नहीं है।
सीमा सड़क संगठन में फिर बिचौलिये सक्रिय हो रहे हैं, सरकार उनके खिलाफ एक्शन लेगी, वे जेल जाने को तैयार रहे
मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि इसी कोरोना ने उन्हें बताया कि हमारे लोगों के साथ किस प्रकार का जुल्म होता है? भारत-चीन सीमा पर सीमा सड़क संगठन के लिए सड़क बनानेवाले झारखण्ड के मजदूरों का बिचौलियों द्वारा शोषण होता था, उन्होंने इस बात को केन्द्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के समक्ष उठाया, उन्हें खुशी है कि उन मजदूरों को उसका लाभ मिलना शुरु हुआ।
पर ये भी सही है कि इन दिनों उन्हें इस प्रकार के समाचार मिले है कि फिर से बिचौलिये इन दिनों सक्रिय हैं, और इन बिचौलियों-दलालों के मदद से फिर यहां के मजदूरों का शोषण प्रारम्भ हो चुका है, उन्होंने कहा कि ये बिचौलिये सुधर जाये और सीमा सड़क संगठन के लोग भी इस बात का ध्यान रखे कि मजदूरों का शोषण न हो, नहीं तो हम मजबूरन एक्शन लेने को बाध्य होंगे, वे जेल भी जायेंगे।
भाजपा नेताओं के हताशा का परिचायक है बिलो द बेल्ट पॉलिटिक्स, राज्य को गर्त में ले जानेवाले नहीं बच पायेंगे
हेमन्त सोरेन ने विद्रोही24 से कहा कि राज्य में भाजपा नेताओं द्वारा विलो द बेल्ट पॉलिटिक्स का चलाया जाना दरअसल हताशा का परिचायक है, वे जब भी सत्ता से बाहर होते हैं, इस प्रकार की हरकते करते हैं। सरकारों को अस्थिर करने का प्रयास करते हैं। उन्हें समझ नहीं आता कि वे ऐसी सोच लाते कहां से हैं? उन्होंने कहा कि भाजपा के शासनकाल में जब भी कोई उनके विचारों का विरोध करता, उन पर दमन शुरु हो जाता, उन्हें कोर्ट-मुकदमों में परेशान किया जाता। सीएम हेमन्त ने चुनौती दी कि लोग बताएं कि उनके शासनकाल में कितने लोगों को कोर्ट मुकदमों में फंसाया गया या सरकार ने एक्शन लिया।
उन्होंने कहा कि उन्होंने चुनाव के समय जनता से कई वायदे किये थे, पर उन वायदों को पूरा करने में दिक्कत आ रही है, तभी तो किसानों के एक वायदे को पूरा करने में एक साल लग गये। पूरे राज्य को पिछली सरकार ने लूटा, वित्तीय स्थिति को तहस-नहस कर दिया। ऐसे में पहली प्राथमिकता राजस्व में वृद्धि करना था, धीरे-धीरे हम इस स्थिति से उबरने की कोशिश कर रहे हैं, पर याद रखिये, जिन्होंने राज्य की ऐसी स्थिति की है, आज भी ताल ठोककर कह देता हूं कि वे बचनेवाले नहीं, जेल जायेंगे।
हेमन्त फोटो छपाई पॉलिटिक्स पर विश्वास नहीं करता, मीडिया इस बात को जल्द समझ लें तो बेहतर होगा
उन्होंने यह भी कहा कि वे फोटो छपाई पॉलिटिक्स पर विश्वास नहीं करते, अखबार व मीडिया उनकी सरकार के बारे में क्या सोच रखती है, वो हमसे छुपा नहीं हैं, और न ही हम उनकी कृपा से सरकार में हैं, हमें तो जनता ने चुना है, जनता का विश्वास है, वह विश्वास अभी भी बरकरार है। जिस प्रकार की नीतियां आज की मीडिया उनके खिलाफ अपना रही है, उन्हें भी यह बात की जानकारी होनी चाहिए कि यह हेमन्त हैं, जो इस पर ध्यान नहीं देता, नहीं तो दूसरे राज्यों में इनकी क्या स्थिति हैं, अगर ममता ही होती तो यहां क्या स्थिति होती, शायद उन्हें पता होनी चाहिए।
ऐसे भी हम अच्छे हैं या बुरे, ये तो जनता बता ही रही हैं, अपने माध्यम से, इसलिए हम मीडिया के चक्कर में उतना नहीं रहते। जो लोग गलत कर रहे हैं, वो संभल जाये, नहीं तो वे जान लें कि सौ सुनार की तो एक लुहार की भी लोकोक्ति यहां काम आयेगी। राज्य को 20 सालों तक लूटनेवाले, राज्य को बर्बाद करनेवाले संभल जाये, उन्हें उनकी सरकार समय आने पर माकूल जवाब देगी, बेहतर व्यवस्था के साथ जनता की सेवा के लिए ये सरकार तत्पर है, रॉंग नंबर डालेंगे तो नुकसान उन्हीं का होगा, चाहे वे कोई भी हो।
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