अपराध

भाजपा विधायक ढुलू के अत्याचारों से त्रस्त दरीदावासी 26 दिनों से धरने पर हैं, पर न तो उनकी सरकार सुन रही, न प्रशासन सुन रहा और न ही भाजपा के धुरंधर नेता

इससे बड़ा अत्याचार और क्या हो सकता है, पिछले 26 दिनों से धनबाद के बाघमारा दरीदा मौजा के लोग प्रखण्ड सह अंचल कार्यालय में भाजपा विधायक ढुलू महतो के अत्याचारों के खिलाफ धरने पर बैठे हैं, पर न तो राज्य सरकार, न तो धनबाद का प्रशासन, न ही यहां का पुलिस प्रशासन और न ही भाजपा के वे धुरंधर नेता इन्हें न्याय दिलाने को आगे बढ़ रहे हैं, जो हर मामले में हेमन्त सरकार को खरी-खोटी सुनाने से बाज नहीं आते।

मतलब साफ है कि ये भाजपा के धुरंधर नेता की होठ उस वक्त सील जाती हैं, जब बात बाघमारा के भाजपा विधायक ढुलू महतो पर आती है। आश्चर्य यह भी है कि एक दौर ऐसा भी था, जब राजनीतिक दलों के कार्यकर्ता कोई भी दबंगई किसी के साथ करते थे, तो पार्टी भी अपने नेता पर कार्रवाई करती थी और गलत करने पर रोकती थी। यहां तक अनुशासनात्मक कार्रवाई भी करती थी। जिसके कारण ऐसे दबंग नेता भय खाते थे कि पार्टी व बड़े नेताओं के द्वारा अपमानित किया जायेगा, पर अब पार्टी व उनके बड़े नेताओं के द्वारा आँख मूंद लेने के कारण, ऐसे मनबढ़ुओं से समाज परेशान हैं।

बताया जा रहा है बाघमारा के दरिदा मौजा नं. 120 की जमीन, जिसमें किसानों की जमीन, सरकारी जमीन, आदिवासियों, मुस्लिमों की जमीन आती है। जिसमें सरकारी आम रास्ता भी है। जिसका क्षेत्रफल 100 एकड़ है। इन सारी जमीनों को भाजपा विधायक ढुलू महतो ने चहारदीवारी बनवाकर अपने कब्जे में कर लिया है। यहां धरना दे रहे अमित महतो व बलराम महतो ने विद्रोही24 को बताया कि उक्त जमीन सरकारी नक्शे में अभी भी रास्ता शो कर रहा है। लेकिन, उनलोगों की कोई सुन ही नहीं रहा। स्थिति ऐसी है कि अब अखबार व अन्य मीडिया के लोग भी उनकी बातें नहीं सुनते। गजब की अंधेरगर्दी हैं।

अमित महतो व बलराम महतो के कथनानुसार, उक्त जमीनों पर वहां के वाशिंदे खेती-बाड़ी कर अपना जीविकोपार्जन करते थे, क्योंकि जीविकोपार्जन का दूसरा कोई उनके पास विकल्प नहीं हैं। ऐसे में चार साल से कृषि कार्य बाधित है। कृषि कार्य बाधित होने से भुखमरी की स्थिति हो गई है। ढुलू महतो के इस अनैतिक कार्य से दरीदा मौजा के करीब सौ छोटे-बड़े परिवार बर्बादी के कगार पर आ गये हैं।

इन दोनों का कहना है कि वे इस मामले को लेकर कहां नहीं गये। पहले धनबाद के अनुमंडलाधिकारी, फिर उपायुक्त, उसके बाद मुख्यमंत्री व राज्यपाल तक वेदना पहुंचाई। राजभवन के समक्ष 23 मार्च 2022 को अर्द्धनग्न प्रदर्शन भी किया कि शायद हम गरीबों पर राज्य सरकार का ध्यान जाये, राज्यपाल का ध्यान जाये, पर यहां तो कोई सुनता ही नहीं हैं।

अमित महतो व बलराम महतो ने यह भी कहा कि एक बार अंचलाधिकारी ने कहा था कि आपलोग धरना उठा लीजिये, आंदोलन बंद कर दीजिये, हम आपकी समस्याओं को समाप्त करा देंगे। जब हमलोगों ने कहा कि आप लिखित दे दीजिये या समस्या ही समाप्त कर दीजिये। हम अपना धरना उठा लेंगे। सीओ ने न तो लिखित दिया और न ही समस्या समाप्त कराया। अब क्या किया जाये। समझ नहीं आ रहा। हमारे लिए महागठबंधन की सरकार हो या पिछली भाजपा की सरकार, दोनों में हमलोग ही मर रहे हैं।

One thought on “भाजपा विधायक ढुलू के अत्याचारों से त्रस्त दरीदावासी 26 दिनों से धरने पर हैं, पर न तो उनकी सरकार सुन रही, न प्रशासन सुन रहा और न ही भाजपा के धुरंधर नेता

  • Rajesh Kumar

    Horrible condition –
    लोकतंत्र अपने पतन की राह में है यह कम्युनिस्ट सरकार का प्रत्यक्ष उदाहरण है यदि इस पर कार्रवाई नहीं हुई तो लोगों का भरोसा सरकार और लोकतंत्र से उठ जाएगा गरीब और गरीब अमीर और अमीर बनते जा रहे हैं यह सरकार गरीब लोगों पर अत्याचार कर रही है झारखंड के मुख्यमंत्री को इसमें हस्तक्षेप करने की जरूरत है

Comments are closed.