छोड़ यार भाषण, मतदान, चुनावी दौरा, फिलहाल नींद आ रही है, मुझे एक नींद मार लेने दो, ठीक है

जब चुनाव के दिनों में मंच पर ही किसी पार्टी का स्टार प्रचारक सुस्ताने लगे, उसे नींद घेरने लगे,तो समझ लो उसका और उसकी पार्टी दोनों का बंटाधार सुनिश्चित हैं। आप जो उपर में फोटो देख रहे हैं, वह फोटो पाकुड़ की एक सभा का है, जहां भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को भाषण देने आना था, और उनकी आने में देरी का जैसे ही राज्य के सीएम रघुवर दास को आभास हुआ, वे लगे सुस्ताने और निद्रासन का मजा लेने।

यानी ठीक उस कहानी की तरह, जो आपने बचपन में पढ़ा होगा, खरहा और कछुआ वाली। खरहा और कछुआ में बाजी लगी कि कौन सर्वश्रेष्ठ धावक है, इसके लिए एक लक्ष्य चुना गया और खरहा-कछुआ एक साथ दौड़ गये, खरहा ने देखा कि वो तो बहुत तेज दौड़नेवाला प्राणि है, जल्द ही लक्ष्य को पा जायेगा, इसलिए थोड़ा सुस्ता लेने में क्या जाता है, इसी सुस्ताने के चक्कर में उसे नींद आ गई और इधर कछुआ सतत प्रयास जारी रखते हुए, धीरे-धीरे लक्ष्य को पा गया और जब खरहे की नींद खुली तब वो देखता है कि कछुआ तो लक्ष्य को पा चुका हैं। वह कछुआ, जिसकी वो हमेशा निरादर करता रहता था।

ठीक आप उस खरहे और कछुए की जगह, आप रघुवर दास और हेमन्त सोरेन को रख सकते हैं, रघुवर दास ने जिस तेजी से जनता में अपनी छवि बनाने के लिए अनाप-शनाप कार्यक्रम तय किये, हाथी उड़ाने शुरु किये और मंच पर सुस्ताने का काम शुरु किया, इसका जवाब हेमन्त सोरेन ने बहुत अच्छी तरह दिया, वह आम जनता और बिखरे विपक्ष को एकता के सूत्र में बांधा और लीजिये परिणाम सामने हैं, भाजपा जैसी राष्ट्रीय पार्टी की हालत झारखण्ड में बिगाड़ कर रख दी है।

हालात ऐसे है कि भाजपाइयों के स्टार प्रचारकों की सभा में भीड़ तक नहीं जुटती, इनकी रैलियां और सभाएं नुक्कड़ सभा तक हो चली है, जिस बूथ मैनेजमेंट की बात करते ये नहीं थकते, वो भी हवा-हवाई दिख रहा हैं, जबकि हेमन्त की कार्ययोजना तथा उनके स्वभाव ने ऐसी स्थिति पैदा कर दी है, कि जैसे-जैसे अंतिम चरण के चुनाव की तिथि नजदीक आती जा रही है, सब कुछ क्लियर होता जा रहा है कि राज्य मे भाजपा की हालत कितनी खराब हो गई है।

राजनैतिक पंडित बताते है कि पाकुड़ में मुख्यमंत्री रघुवर दास का मंच में इस प्रकार सो जाना, इस बात का संकेत है कि मुख्यमंत्री भी समझ गये है कि जनता ने उन्हें बाहर का रास्ता दिखाने का मन बना लिया है, ऐसे में ज्यादा दिमाग लगाने की क्या जरुरत है, क्यों न इसी सभा मंच पर एक नींद मार लिया जाये और उन्होंने जमकर इसका फायदा उठाया, निद्रासन में पहुंचे और जमकर नींद का आनन्द लिया और इधर कुछ पत्रकारों ने इनके निद्रासन की एक खुबसूरत तस्वीर उठा ली, और वह फोटो सभी के सामने हैं।