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भारतीय डाक विभाग रांची, की कारस्तानी

भारतीय डाक विभाग में कार्यरत पोस्टमास्टर और उनके मातहत काम कर रहे डाकिये कितने बदमाश है, उसका एक सुंदर उदाहरण, रांची के कृष्णापुरी पोस्ट आफिस का है, जहां के पोस्टमास्टर और डाकिये की कारस्तानी से एक उपभोक्ता को परेशानी झेलनी पड़ गयी।

दरअसल एक उपभोक्ता को एचडीएफसी बैंक चेन्नई की ओर से क्रेडिट कार्ड स्पीड पोस्ट से उसके पुराने पते पर भेजा गया, जिसे डाकिये ने पता नहीं मिलने का उद्धरण देते हुए, उसे उक्त उपभोक्ता को डिलीवरी न कर, उस स्पीड पोस्ट को पुनः एचडीएफसी बैंक चेन्नई को भेज दिया, जबकि उक्त उपभोक्ता ने कृष्णापुरी पोस्टआफिस के पोस्टमास्टर और डाकिये को लिखित रुप में अपना पता बदल जाने की सूचना दी थी।

जिसे ये दोनों अपने पोस्टआफिस की दीवारों पर चिपकाये हुए भी थे, और वहां कार्यरत एक महिला को भी इसकी जानकारी थी, क्योंकि उपभोक्ता का परिवार बार-बार जाकर इसकी सूचना दे दिया करता था कि उनका पता बदल गया है, आप अब कोई भी पत्र की डिलीवरी नये पते पर करेंगे, पर कृष्णापुरी पोस्टआफिस में कार्यरत पोस्टमास्टर और डाकिये ने, उपभोक्ता का विश्वास तोड़ते हुए, उसके डाक को वापस उसी जगह भिजवा दिया, जहां से वह आया था।

जब इसकी जानकारी डाक विभाग के उपर के अधिकारियों को मोबाइल द्वारा कल दी गयी, तो वे पहले तो अपनी गलती मानने को तैयार नहीं हुए, बाद में जब उन्हें सारी बातों की जानकारी दी गई तब जाकर उन्होंने माना कि उनके विभाग से गलती हुई अर्थात् अब डाक विभाग उपभोक्ताओं को परेशान करने का भी संकल्प ले लिया है, अगर इसी प्रकार से यह सब होता रहा तो निश्चिंत हो जाइये, अभी तो जो डाक विभाग की हालत है, वो हैं ही, आनेवाले समय में लोग डाक विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार और अनियमितिता के कारण सदा के लिए इससे दूरी बना लेंगे।