अपनी बात

लो जी, अब झारखण्ड सरकार पाकिस्तान तक सड़क नहीं बनायेगी, देवघर की जिला परिषद् ने शुद्धि पत्र निकालकर ये बातें कहीं

आपको याद होगा, कल यानी 16 मई को विद्रोही24 डॉट कॉम ने एक खबर छापी। खबर की हेडिंग थी – “बधाई हो! पाकिस्तान तक पीसीसी सड़क बनायेगी झारखण्ड सरकार, देवघर की जिला अभियंता कार्यालय ने निकाला विज्ञापन”। हमने इस खबर में बताया था कि कैसे सरकारी विभाग अपना काम कर रहे हैं और देश के लिए खतरनाक सिद्ध हो रहे हैं। प्रमाण आपके सामने हैं…

आज की खबर ये है कि इस समाचार का असर पड़ा है और संबंधित विभाग यानी जिला अभियंता का कार्यालय, जिला परिषद देवघर ने देवघर से प्रकाशित अखबार प्रभात खबर के पृष्ठ संख्या नौ, जो सारठ आसपास से संबंधित है, उसमें एक शुद्धि पत्र प्रकाशित करवाया है। जिसमें उसने लिखा है कि एतद द्वारा सूचित किया जाता है कि जिला परिषद् देवघर द्वारा आमंत्रित ई. निविदा आमंत्रण सूचना संख्या -04/2023-24 (PR N0. 297029 (Deoghar)23-24(D) के क्रम संख्या – 56 में अंकित सारठ प्रखंड अन्तर्गत पंचायत सबैजोर, ग्राम डाड़पोखर से पाकिस्तान (बढ़ी टोला) तक पीसीसी पथ निर्माण के स्थान पर सारठ प्रखण्ड अन्तर्गत पंचायत- सबैजोर, ग्राम-डाड़पोखर से बढ़ी टोला तक पीसीसी पथ निर्माण कार्य पढ़ा जाय। शेष सभी शर्तें यथावत् रहेगी। जिला अभियंता, जिला परिषद् देवघर। PR297542 (Deoghar)23-24*D

दूसरी ओर प्रभात खबर ने आज ही पृष्ठ संख्या चार पर जो मधुपुर आसपास से संबंधित पृष्ठ है। उसमें अपने सारठ प्रतिनिधि के माध्यम से एक खबर छापी है – सारठ में हो रही पाकिस्तान की पड़ताल। जिसमें कथित विद्वान पत्रकार ने अपनी सारी बुद्धि लगा दी है और विभाग के अधिकारियों का पक्ष न देकर, सारठ के भाजपा विधायक रणधीर सिंह का पक्ष रखा है।

अब सवाल उठता है कि प्रभात खबर में ही यह 12 मई को विवादित विज्ञापन छपा और देवघर के पत्रकार को कल नींद क्यों खुली? आखिर ये विद्वान पत्रकार पांच दिनों तक कर क्या रहे थे। सोशल मीडिया का इंतजार कर रहे थे क्या? कि सोशल मीडिया पर चलेगा, उसके बाद संबंधित विभाग शुद्धि पत्र जिस दिन छापेगा तो हम अपना दिमाग लगायेंगे।

झारखण्ड सरकार का सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग क्या कर रहा था? क्या ये उसका काम नहीं कि वो इस प्रकार के विज्ञापनों पर नजर डालें, और गलतियां दिखने पर संबंधित विभाग से सम्पर्क करे, ताकि इस प्रकार की भ्रांतियों का जन्म ही न हो। दरअसल हो रहा है कि राज्य सरकार का कोई विभाग का पदाधिकारी व कर्मचारी अपने दायित्वों का निर्वहण ठीक ढंग से नहीं कर रहा, बस वो केवल एटेंडेंस बनाना और फिर वेतन प्राप्त करने के सिवा उसका कही ध्यान नहीं रह रहा, अगर रहता तो ऐसी गलती तो कभी नहीं होती कि भारत में पाकिस्तान भी बन जाता और उस पर सरकारी कार्यालय की मुहर भी लग जाती।