मन न रंगाये, रंगाये जोगी कपड़ा…

श्रावण की तीसरी सोमवारी झारखण्ड के मुख्यमंत्री रघुवर दास भगवान भोले के शरण में गये। उनके साथ उनका कुनबा भी था। उन्होंने जमशेदपुर स्थित शिव मंदिर में भगवान भोले को जलार्पण किया और उनसे आशीर्वाद भी प्राप्त किया। हम चाहेंगे कि भगवान भोले उन पर कृपा बरसाये, ताकि वे कनफूंकवें के चक्कर में न पड़े। जब पारदर्शिता की बात करें, तो वह पारदर्शिता नजर भी आये। जब वे सबका साथ, सबका विकास की बात करें तो वह परिलक्षित भी हो, ऐसा नहीं कि वे स्वजातीय सम्मेलन में जाकर, देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का दिया गया नारा – सबका साथ, सबका विकास की बैंड बजा दें।

चुनाव आयोग ने जिन पर कार्रवाई करने का आदेश दिया है, उस पर कार्रवाई हुआ या नहीं, इस पर भी वे ध्यान दें। झारखण्ड के निवासी हर प्रकार से मजबूत हो, इस पर भी ध्यान दें, न कि बाहर के लोगों को मनोनयन के आधार पर करोड़ों रुपये स्थानांतरण कर दें। दारोगा की बहाली की नियुक्ति के लिए विज्ञापन निकला है, और यहां के युवा इस विज्ञापन से नाराज है, उस पर भी ध्यान दें, कुछ युवाओं को भला हो, ये सरकार की प्राथमिकता भी रहनी चाहिए।

जो उन्होंने उड़नेवाला हाथी का आविष्कार किया था, वह हाथी उड़ रहा है कि नहीं, इस पर भी ध्यान दें, और क्या कहें?  भगवान भोलेनाथ इनकी हर गड़बड़ियों को ठीक करें, क्योंकि भोलेनाथ का पवित्र महीना श्रावण चल रहा है। सीएम रघुवर आज गेरुआ पहनकर, चूंकि भोलेनाथ के मंदिर में हाजिरी लगाई, अब मन उनका भोलेनाथ के पास था या अन्यत्र। ये तो भोलेनाथ ही बतायेंगे, कि उनका मन कहां था?  नहीं तो लोग ये भी बोलने से नहीं चूंकेंगे – मन न रंगाय, रंगाये जोगी कपड़ा…

One thought on “मन न रंगाये, रंगाये जोगी कपड़ा…

  • July 24, 2017 at 11:45 pm
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    वाह,बहुत सुंदर..प्रश्न के साथ रघुबर का मन कहाँ था.?
    सत्यम शिवम् सुंदरम, महादेव कृपा।।

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